मंझनपुर। दोआबा के तमाम एटीएम में में तीन महीने से करेंसी डाली ही नहीं जा रही है। इसके चलते सहालग के दौर में लोगों को नगदी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। अफसरों का कहना है कि करेंसी चेस्ट से ही एटीएम के लिए रुपये नहीं आ रहे हैं। इसके चलते समस्या बढ़ी है।
जिले भर में करीब 78 एटीएम हैं। इनमें 35 बैंक ऑफ बड़ौदा के है। करीब 20 एसबीआई के हैं। इसके अलावा इलाहाबाद, पीएनबी, यूनियन समेत कई अन्य बैंकों के भी हैं। करीब तीन महीने से तमाम एटीएम सफेद हाथी बने हुए हैं। किसी मशीन में तकनीकी खराबी का हवाला दिया जाता है तो, किसी में करेंसी ही नहीं डाली जा रही है। इस वजह से उपभोक्ता नगदी के लिए भटकते रहते हैं। संबंधित बैंक शाखाओं की ओर से भी ग्राहकों की शिकायत पर कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया जाता है। हैरानी की बात ये है कि मंझनपुर में विभन्न बैंकों के दर्जन भर एटीएम हैं। इनमें से एक-दो एटीएम से ही नगदी निकलती है।
सिराथू कस्बे के साथ ही नेशनल हाईवे पर बसे सैनी में एचडीएफसी, इलाहाबाद, बीओबी, पीएनबी, आईसीसीआई, एसबीआई, इंडिया-वन आदि बैंकों के करीब आठ एटीएम हैं। बीओबी एटीएम में करीब तीन महीने पहले बैंक वालों ने सर्वर डाउन है का बोर्ड लगा दिया था। तब से यह बोर्ड आज तक लगा है। ग्राहक बोर्ड देखकर लौट जाते हैं। जबकि एसबीआई के एटीएम का सुबह सिर्फ दो घंटे के लिए ही शटर खुलता है। पश्चिमशरीरा बाजार में बीओबी, एसबीआई और ए-वन बैंक के तीन एटीएम बूथ हैं। बाजार के अमित कुमार, शैलेंद्र केसरवानी, राजू सिंह आदि का कहना है कि बीओबी का एटीएम पिछले दो महीने से खाली है। जबकि एसबीआई के एटीएम से हफ्ते-पंद्रह दिन में एक-दो दिन के लिए चलता है। इसके बाद फिर पैसा निकलना बंद हो जाता है। जबकि ए-वन बैंक के बूथ में तो छह महीने से सन्नाटा है। एटीएम में पैसा कब आएगा? इस बाबत स्थानीय बैंक कर्मी भी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा के बिजिया चौराहा स्थित एटीएम में पिछले तीन महीने से करेंसी नहीं निकल रही है। अलबत्ता यहां तैनात सुरक्षा गार्ड नियमित ड्यूटी पर मुस्तैद रहता है। सुरक्षागार्ड ने बताया कि लोग नगदी नहीं मिलने पर अकाउंट स्टेटमेंट निकालने आते हैं। शिकायत के बावजूद एटीएम में करेंसी की व्यवस्था नहीं किए जाने से उपभोक्ताओं में आक्रोश है। तहसील परिसर में लगा एसबीआई का एटीएम भी महीनों से खाली है। नगदी कब मिलेगी? इसका संतोषजनक जवाब बैंक अफसरों के पास भी नहीं है। डिप्टी मैनेजर प्रदीप सिंह का कहना है कि इसके लिए बैंक अफसरों को पत्राचार कर दिया गया है। इसके अलावा चायल कस्बे में एक निजी बैंक का भी एटीएम है। बताया जा रहा है कि यहां से कभी कभार निकासी होने के कारण लोग किसी तरह से काम चला रहे हैं। वहीं प्रभारी लीड बैंक मैनेजर रामेंद्र सिंह का कहना है कि करेंसी चेस्ट से नगदी नहीं आने के कारण समस्या बढ़ी है। वैसे तो एटीएम में नगदी डालने के लिए अलग से एजेंसी है। उसका बैंकों से कोई लेनादेना नहीं है।
मंझनपुर। दोआबा के तमाम एटीएम में में तीन महीने से करेंसी डाली ही नहीं जा रही है। इसके चलते सहालग के दौर में लोगों को नगदी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। अफसरों का कहना है कि करेंसी चेस्ट से ही एटीएम के लिए रुपये नहीं आ रहे हैं। इसके चलते समस्या बढ़ी है।
जिले भर में करीब 78 एटीएम हैं। इनमें 35 बैंक ऑफ बड़ौदा के है। करीब 20 एसबीआई के हैं। इसके अलावा इलाहाबाद, पीएनबी, यूनियन समेत कई अन्य बैंकों के भी हैं। करीब तीन महीने से तमाम एटीएम सफेद हाथी बने हुए हैं। किसी मशीन में तकनीकी खराबी का हवाला दिया जाता है तो, किसी में करेंसी ही नहीं डाली जा रही है। इस वजह से उपभोक्ता नगदी के लिए भटकते रहते हैं। संबंधित बैंक शाखाओं की ओर से भी ग्राहकों की शिकायत पर कोई संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया जाता है। हैरानी की बात ये है कि मंझनपुर में विभन्न बैंकों के दर्जन भर एटीएम हैं। इनमें से एक-दो एटीएम से ही नगदी निकलती है।
सिराथू कस्बे के साथ ही नेशनल हाईवे पर बसे सैनी में एचडीएफसी, इलाहाबाद, बीओबी, पीएनबी, आईसीसीआई, एसबीआई, इंडिया-वन आदि बैंकों के करीब आठ एटीएम हैं। बीओबी एटीएम में करीब तीन महीने पहले बैंक वालों ने सर्वर डाउन है का बोर्ड लगा दिया था। तब से यह बोर्ड आज तक लगा है। ग्राहक बोर्ड देखकर लौट जाते हैं। जबकि एसबीआई के एटीएम का सुबह सिर्फ दो घंटे के लिए ही शटर खुलता है। पश्चिमशरीरा बाजार में बीओबी, एसबीआई और ए-वन बैंक के तीन एटीएम बूथ हैं। बाजार के अमित कुमार, शैलेंद्र केसरवानी, राजू सिंह आदि का कहना है कि बीओबी का एटीएम पिछले दो महीने से खाली है। जबकि एसबीआई के एटीएम से हफ्ते-पंद्रह दिन में एक-दो दिन के लिए चलता है। इसके बाद फिर पैसा निकलना बंद हो जाता है। जबकि ए-वन बैंक के बूथ में तो छह महीने से सन्नाटा है। एटीएम में पैसा कब आएगा? इस बाबत स्थानीय बैंक कर्मी भी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा के बिजिया चौराहा स्थित एटीएम में पिछले तीन महीने से करेंसी नहीं निकल रही है। अलबत्ता यहां तैनात सुरक्षा गार्ड नियमित ड्यूटी पर मुस्तैद रहता है। सुरक्षागार्ड ने बताया कि लोग नगदी नहीं मिलने पर अकाउंट स्टेटमेंट निकालने आते हैं। शिकायत के बावजूद एटीएम में करेंसी की व्यवस्था नहीं किए जाने से उपभोक्ताओं में आक्रोश है। तहसील परिसर में लगा एसबीआई का एटीएम भी महीनों से खाली है। नगदी कब मिलेगी? इसका संतोषजनक जवाब बैंक अफसरों के पास भी नहीं है। डिप्टी मैनेजर प्रदीप सिंह का कहना है कि इसके लिए बैंक अफसरों को पत्राचार कर दिया गया है। इसके अलावा चायल कस्बे में एक निजी बैंक का भी एटीएम है। बताया जा रहा है कि यहां से कभी कभार निकासी होने के कारण लोग किसी तरह से काम चला रहे हैं। वहीं प्रभारी लीड बैंक मैनेजर रामेंद्र सिंह का कहना है कि करेंसी चेस्ट से नगदी नहीं आने के कारण समस्या बढ़ी है। वैसे तो एटीएम में नगदी डालने के लिए अलग से एजेंसी है। उसका बैंकों से कोई लेनादेना नहीं है।