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करौली बाबा का भौकाल: 20 हथियारों से लैस गैंग के साथ चलता है बाबा, तीन साल में खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: शिखा पांडेय Updated Thu, 23 Mar 2023 10:16 AM IST
सार

करौली बाबा का भौकाल किसी देश के राष्ट्रपति से कम नहीं है। बाबा जिस रास्ते से निकलते हैं वहां पहले हथियार बंद गार्ड रास्ता खाली कराते हैं, फिर बाबा निकलते हैं। संतोष भदौरिया ने करोड़ों के चंदे और आश्रम का मैनेजमेंट अपने दोनों बेटों लव और कुश के हाथों में सौंप रखा है।

Karauli Baba, built an empire worth crores in three years
करौली बाबा डॉ. संतोष सिंह भदौरिया - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

कानपुर में मारपीट के आरोपी करौली बाबा डॉ. संतोष भदौरिया ने महज तीन साल में ही करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। बिधनू में बने 14 एकड़ के आश्रम में बाबा ऐशोआराम से रहता है। करोड़ों की इस संपत्ति पर अब ईडी की नजर भी है। वहीं इस मामले में पुलिस की ओर से एसआईटी गठित की जा रही है।



करौली बाबा का भौकाल किसी देश के राष्ट्रपति से कम नहीं है। बाबा जिस रास्ते से निकलते हैं वहां पहले हथियार बंद गार्ड रास्ता खाली कराते हैं, फिर बाबा निकलते हैं। संतोष भदौरिया ने करोड़ों के चंदे और आश्रम का मैनेजमेंट अपने दोनों बेटों लव और कुश के हाथों में सौंप रखा है। वर्तमान में दोनाें कानपुर में नहीं हैं। बाबा का खुद का सुरक्षा दस्ता है।

20 हथियारों से लैस गैंग के साथ चलता है बाबा
बाबा के पास तीन रेंज रोवर गाड़ियां हैं। हथियारबंद 20 गार्ड वाकी टॉकी के साथ चलते हैं। जो रास्ता साफ कराने के लिए लाल झंडी का प्रयोग करते हैं। बाबा का आश्रम करीब 14 एकड़ में फैला है। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बना है। बाबा ने आश्रम की यह जमीन पीके शुक्ला नाम के शख्स से ली थी, जिसने बाद में क्रिश्चियन धर्म धारण कर लिया था। ये जमीन बाबा को भूदान पट्टा के तहत स्कूल बनाने के लिए मिली थी, लेकिन बाबा ने आश्रम खोल लिया। आश्रम चारों तरफ से आठ फीट ऊंची दीवारों से घिरा है। यहां हर दिन 3500 से 5000 तक लोग आते हैं। अमावस्या वाले दिन यह तादाद 20 हजार तक पहुंच जाती है। यू ट्यूब पर फॉलोवर बढ़ने के साथ 17 देशों में बाबा ने अपने भक्त बना लिए हैं।

आश्रम में घुसते ही शुरू होता है वसूली का खेल
बिधनू के करौली आश्रम में दो मंदिर हैं। एक करौली सरकार यानी राधा रमण मिश्र का और दूसरा मां कामाख्या का। यहां आने के बाद से ही वसूली का खेल शुरू हो जाता है। आश्रम में आने वाले लोगों को सबसे पहले 100 रुपये में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद 100 रुपये बंधन का चार्ज लगता है। बंधन यानी कमर पर सफेद धागा बांध दिया जाता है। इसे हर तीन महीने में रिन्यू भी कराना होता है। इसके बाद 100-100 रुपये की दो अर्जियां दोनों दरबार के लिए लगती हैं। साथ ही उन्हें 8वें और 9वें दिन के हवन में शामिल होना होता है। इसके लिए करीब 6200 रुपये लगते हैं। यानी यहां आने वाले हर शख्स को कम से कम 6600 रुपये तो खर्च करने ही होंगे।
 

1.51 लाख में दुख दूर करने का दावा
अगर कोई यहां हवन करना चाहता है तो आश्रम की तरफ से 3500 रुपये की एक हवन किट दी जाती है। लोगों को कम से कम 9 हवन करने ही होंगे। जिसका खर्च 31,500 रुपये आएगा। अगर आप 9 दिनों तक आश्रम में रुकते हैं और खाना-पीना करते हैं तो उसका खर्च अलग से। जो लोग 9 दिन हवन नहीं कर सकते या जिन्हें जल्दी इलाज चाहिए उनके लिए एक दिन का खर्च 1.51 लाख रुपये है।

बाबा का बयान
करौली शंकर महादेव लवकुश आश्रम की ओर से पत्र जारी कर बाबा ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज कराई गई रिपोर्ट सनातन धर्म को बदनाम करने का उद्देश्य है। एफआईआर बगैर जांच किसी के दबाव में लिखी गई है। मेरे किसी भी व्यक्ति की ओर से मारपीट नहीं की गई है। आश्रम के 22 वर्ष के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है।

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