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Karauli Baba: करीबी का कत्ल और बैंक फ्रॉड...अपराध की दुनिया से पुराना नाता, कैसे नेता से करौली बाबा बना संतोष?

अमर उजाला नेटवर्क, कानपुर Published by: शाहरुख खान Updated Thu, 23 Mar 2023 02:07 PM IST
सार

करौली बाबा उर्फ डॉ. संतोष भदौरिया का अपराध की दुनिया से पुराना नाता रहा है। बाबा पर करीबी की हत्या का आरोप भी है। उसने बैंक फ्रॉड भी किया है। इसके अलावा भी कई मामले दर्ज हैं। बाबा जेल भी जा चुका है। आइए जानते हैं डॉ. संतोष भदौरिया एक नेता से कैसे बाबा बन गया।  

kanpur karauli baba How Dr. Santosh Bhadoria became Karauli Baba from a farmer leader
करौली बाबा डॉ. संतोष सिंह भदौरिया - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

कानपुर में नोएडा के डॉक्टर के मारपीट के आरोपी करौली बाबा उर्फ डॉ. संतोष भदौरिया ने महज तीन साल में ही करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। कानपुर के बिधनू में बने 14 एकड़ के आश्रम में बाबा ऐशोआराम से रहता है। करौली बाबा का भौकाल किसी देश के राष्ट्रपति से कम नहीं है। बाबा जिस रास्ते से निकलते हैं वहां पहले हथियार बंद गार्ड रास्ता खाली कराते हैं, फिर बाबा निकलते हैं। 


यह पहली बार नहीं है, जब बाबा विवादों में रहा है। बाबा का अपराध की दुनिया से पुराना नाता रहा है। बाबा पर करीबी की हत्या का आरोप भी है। उसने बैंक फ्रॉड भी किया है। इसके अलावा भी कई मामले दर्ज हैं। बाबा जेल भी जा चुका है। आइए जानते हैं डॉ. संतोष भदौरिया एक नेता से कैसे बाबा बन गया।  


आईपीएस के संपर्क में आने के बाद शुरू किया जमीन का खेल
दरअसल, संतोष भदौरिया पहले किसान यूनियन में था। इस दौरान किसान यूनियन के नेता संतोष की मुलाकात शहर के एक आईपीएस अधिकारी से हुई थी। संपर्क में आने के बाद बाबा विवादित जमीनों को कब्जाने और बेचने के काम में जुट गया। कुछ साल बाद उक्त आईपीएस विभाग के बड़े अधिकारी हो गए थे। इसी क्रम में उसने करौली गांव निवासी एक भदौरिया परिवार की जमीन सस्ते में खरीद ली। 

इसके बाद वहां आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा का अस्पताल बनाया। फिर शहर में प्रचार प्रसार के लिए सिविल लाइन में क्लीनिक खोल लिया। सफलता न मिलने पर वर्ष 2017 में करौली में पूर्वज मुक्ति केंद्र खोल दिया गया।

करीबी की हत्या और बैंक फ्रॉड में आ चुका है नाम
संतोष भदौरिया का अपराध से पुराना नाता रहा है। वर्ष 1992 से उसके खिलाफ एक के बाद एक हत्या, हत्या का प्रयास, गाली गलौज, मारपीट, धमकी, एनएसए, धोखाधड़ी, बैंक फ्रॉड तक के मामले दर्ज हुए। साल 1992 में फजलगंज थाना इलाके में शास्त्रीनगर के रहने वाले अयोध्या प्रसाद की गोली मारकर हत्या की गई थी। मामले में संतोष भदौरिया और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।

हत्या के इस मामले में संतोष को जेल भेज दिया गया था। हालांकि मार्च महीने में 1993 में संतोष को जमानत मिल गई थी। समय के साथ धीरे-धीरे सभी मामले दबते गए। इसके बाद संतोष भदौरिया ने करौली बाबा का चोला ओढ़ लिया। लवकुश आश्रम के नाम से तंत्र मंत्र का व्यापार शुरू कर दिया।

बाबा के सभी कृत्यों को नजरअंदाज करती रही पुलिस
दो माह पहले बाबा ने आश्रम के पास स्थित गेस्ट हाउस संचालक नरेंद्र की जमीन पर भी कब्जा करना चाहा था। आरोप है कि संचालक ने जब इसका विरोध किया तो बाबा ने एक युवती को थाने भेजकर संचालक को दुष्कर्म के मामले में फंसाकर जेल भिजवा दिया था। उसके जाते ही बाबा ने जमीन पर कब्जा कर लिया था। खास बात यह है कि इतना कुछ होने के बाद स्थानीय पुलिस बाबा के सभी कृत्यों को नजरअंदाज करती रही। सूत्रों के अनुसार आश्रम का कोई भी काम थाने स्तर पर आसानी से हो जाता है।

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बाबा का शातिर ठग ओम जायसवाल से भी नजदीकी संबंध
जेल में संतोष भदौरिया की मुलाकात ओम जायसवाल उर्फ राजन अहलूवालिया से हुई थी। जो क्लासिक रिजेंसी का मालिक था। ओम जायसवाल लोगों को बैंकों से लोन दिलाने के नाम पर ठगी करता था। ओम के संपर्क में आने के बाद संतोष भदौरिया ठगी करने लगा था। मामले में जूही लाल कॉलोनी निवासी अजय निगम ने संतोष पर किदवईनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।

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हाल ही में हुआ था एक और विवाद
हाल ही में जरकला निवासी शिवम पाल व घुरूवाखेड़ा निवासी अंकित शर्मा से करौली बाबा की मौजूदगी में उनके गनरों से विवाद हो गया था। इसपर बाबा के गनरों ने फायरिंग करते हुए दहशत फैला दी थी। मामले में पीड़ितों ने बिधनू थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी लेकिन स्थानीय पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।


 
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