कानपुर देहात। विकास कार्यों में वसूली, परिवार रजिस्टर में मृत्यु तिथि गलत दर्ज करने समेत कई और गड़बड़ियों पर बरौर ग्राम पंचायत की सचिव दीक्षा सचान को निलंबित कर दिया गया। डीएम के अनुमोदन पर डीपीआरओ ने यह कार्रवाई की है। निलंबित सचिव को मुख्यालय से संबद्ध किया गया है।
बरौर गांव की प्रधान कोमल कश्यप ने डीएम से शिकायत दर्ज कराई थी कि गांव के नाला और विद्यालयों की सफाई व दवा छिड़काव के साथ आठ माह से केयर टेकर और उनके मानदेय का भुगतान सचिव दीक्षा सचान नहीं कर रही हैं।
कमीशन नहीं मिलने से सचिव विकास कार्य में बाधा डाल रही हैं। वहीं, गांव के ही बसंत कुमार मिश्र ने डीएम से बताया था कि पिता राम प्रकाश की मृत्यु तिथि 09-08-1997 को हुई थी। इसे सचिव ने परिवार रजिस्टर में परिवर्तित करते हुए स्वयं 09-08-1998 अंकित कर दी।
बसंत का आरोप है कि आवास योजना का लाभ दिलवाने के लिए सचिव 20-20 हजार रुपये की मांग करती हैं। शिकायत करने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देती हैं। मामले में डीएम ने डीपीआरओ को जांच के निर्देश दिए थे।
इस पर डीपीआरओ अभिलाष बाबू राजपूत ने सचिव दीक्षा सचान से 24 नंवबर तक स्पष्टीकरण मांगा था। उन्होंने बताया कि तय समय पर स्पष्टीकरण का जवाब नहीं मिला। इस पर उन्हें डीएम नेहा जैन के अनुमोदन के बाद निलंबित कर दिया कर मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
पति पर कमीशन मांगने का आरोप
प्रधान कोमल कश्यप ने डीएम नेहा जैन को बताया था कि हर विकास कार्य में सचिव दीक्षा सचान के पति 40 फीसदी तक कमीशन मांगते थे। न देने पर विकास कार्य प्रभावित करते थे। उधर, बरौर गांव के अनिल गोस्वामी ने बताया कि पत्नी संतोषी का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता सूची में दर्ज है। बावजूद इसके सचिव की ओर से 20 हजार रुपये की मांग की जा रही थी। इसकी शिकायत अनिल ने शपथ पत्र देकर की थी।
बरौर ग्राम पंचायत की सचिव दीक्षा सचान पर प्रधान व क्षेत्र के दो लोगों ने गंभीर आरोप लगाये थे। इस पर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था। तय समय पर जवाब नहीं दिया तो डीएम के अनुमोदन के बाद उन्हें निलंबित कर मुख्यालय में संबद्ध कर दिया गया है। आरोप पत्र की जांच एडीपीआरओ तकनीकी किरन सिंह करेंगी। - अभिलाष बाबू राजपूत, डीपीआरओ।