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IAS Iftikharuddin case: The video was of six hours, the expert wrote the entire script after listening to the video
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आईएएस इफ्तिखारुद्दीन का मामला: छह घंटे के थे वीडियो, एक्सपर्ट ने वीडियो सुन लिखी पूरी स्क्रिप्ट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Mon, 04 Oct 2021 10:45 AM IST
सार
एक कर्मचारी ने बताया कि एक बार इफ्तिखारुद्दीन ने कुछ किताबें एक अन्य कर्मचारी को बांटने के लिए दीं। बातचीत में उसने गंगा मां बोल दिया। इस पर उन्होंने उससे सभी किताबें छीन ली थीं।
मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन,आईएएस अधिकारी
- फोटो : अमर उजाला
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कानपुर तैनात रहे वरिष्ठ आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के मामले में एसआईटी ने 65 वीडियो की जांच पूरी कर ली है। वीडियो के पूरे कंटेंट की स्क्रिप्ट जांच टीम ने लिखी है। दस से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। इसमें शिकायतकर्ता व मंडलायुक्त कार्यालय के कर्मचारी शामिल हैं। अब तक की जांच में इफ्तिखारुद्दीन दोषी पाए गए हैं।
आरोपों के संबंध में पुख्ता साक्ष्य एसआईटी को मिले हैं। दो से तीन दिन में जांच पूरी होने की संभावना है। इसके बाद एसआईटी शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। पिछले सप्ताह मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। जिसमें इस्लाम के प्रचार-प्रसार से लेकर एक शख्स धर्मांतरण संबंधी किस्सा सुनाते सुनाई व दिखाई दे रहा था।
सरकारी आवास में तकरीरें पढ़ी जा रही थीं। शिकायत मिलने पर शासन ने मामले की जांच के लिए सीबीसीआईडी के डीजी जीएल मीणा के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी। जिसमें एडीजी जोन कानपुर भानु भास्कर सदस्य हैं। सूत्रों के मुताबिक अब तक एसआईटी ने जो साक्ष्य, गवाह आदि जुटाए हैं उसमें मोहम्म्द इफ्तिखारुद्दीन दोषी पाए गए हैं। हालांकि, अफसर आधिकारिक रूप से इस पर बयान नहीं दे रहे हैं। जब रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी तभी इन सभी तथ्यों को सार्वजनिक किया जाएगा।
शिकायतकर्ता के बयान दर्ज
एसआईटी ने रविवार को शिकायतकर्ता भूपेश अवस्थी के बयान दर्ज किए। भूपेश ने बताया कि वीडियो जब उनकी संज्ञान में आए तो यह बेहद गंभीर प्रकरण था। इसलिए सीएम से उन्होंने शिकायत की। इसके बाद कल्याणपुर निवासी निर्मल बाबा के एसआईटी ने बयान दर्ज किए।
उन्होंने बताया कि जब मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन कानपुर मंडलायुक्त थे तब जमीन अधिग्रहण संबंधी समस्या को लेकर वह व अन्य लोग उनके पास पहुंचे थे। तब मंडलायुक्त ने सभी को भगा दिया था। बाद में बस्ती में अपने लोगों को भेजकर धर्मांतरण के लिए दबाव बना रहे थे। एसआईटी ने गुरुवार को चार लोगों के बयान दर्ज किए। इसमें एक यूपीएफसी का भी कर्मचारी शामिल है।
साहित्य बरामद, किस्सा सुनाने वाला भी सामने आया
मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन दो किताबें शुद्ध भक्ति व उपासना तथा नमन को लोगों को बंटवाते थे। जिसके जरिये इस्लाम का प्रचार कराते थे। इसकी मूल प्रतियां एसआईटी ने बरामद कर ली हैं। वहीं वीडियो में जो एक अन्य शख्स किस्सा सुनाते दिख रहा था। वह चौबेपुर का मुईनुद्दीन नहीं बल्कि उसका नाम मोहम्मद अशरफ है। एसआईटी ने उसके बयान दर्ज किए हैं। उसने कबूला है कि वह सरकारी आवास पर आकर तकरीरें करता था। धर्मांतरण किस्से वाले वीडियो वाली बात भी स्वीकार की।
विस्तार
कानपुर तैनात रहे वरिष्ठ आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के मामले में एसआईटी ने 65 वीडियो की जांच पूरी कर ली है। वीडियो के पूरे कंटेंट की स्क्रिप्ट जांच टीम ने लिखी है। दस से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। इसमें शिकायतकर्ता व मंडलायुक्त कार्यालय के कर्मचारी शामिल हैं। अब तक की जांच में इफ्तिखारुद्दीन दोषी पाए गए हैं।
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आरोपों के संबंध में पुख्ता साक्ष्य एसआईटी को मिले हैं। दो से तीन दिन में जांच पूरी होने की संभावना है। इसके बाद एसआईटी शासन को रिपोर्ट सौंपेगी। पिछले सप्ताह मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। जिसमें इस्लाम के प्रचार-प्रसार से लेकर एक शख्स धर्मांतरण संबंधी किस्सा सुनाते सुनाई व दिखाई दे रहा था।
सरकारी आवास में तकरीरें पढ़ी जा रही थीं। शिकायत मिलने पर शासन ने मामले की जांच के लिए सीबीसीआईडी के डीजी जीएल मीणा के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी। जिसमें एडीजी जोन कानपुर भानु भास्कर सदस्य हैं। सूत्रों के मुताबिक अब तक एसआईटी ने जो साक्ष्य, गवाह आदि जुटाए हैं उसमें मोहम्म्द इफ्तिखारुद्दीन दोषी पाए गए हैं। हालांकि, अफसर आधिकारिक रूप से इस पर बयान नहीं दे रहे हैं। जब रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी तभी इन सभी तथ्यों को सार्वजनिक किया जाएगा।
शिकायतकर्ता के बयान दर्ज
एसआईटी ने रविवार को शिकायतकर्ता भूपेश अवस्थी के बयान दर्ज किए। भूपेश ने बताया कि वीडियो जब उनकी संज्ञान में आए तो यह बेहद गंभीर प्रकरण था। इसलिए सीएम से उन्होंने शिकायत की। इसके बाद कल्याणपुर निवासी निर्मल बाबा के एसआईटी ने बयान दर्ज किए।
उन्होंने बताया कि जब मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन कानपुर मंडलायुक्त थे तब जमीन अधिग्रहण संबंधी समस्या को लेकर वह व अन्य लोग उनके पास पहुंचे थे। तब मंडलायुक्त ने सभी को भगा दिया था। बाद में बस्ती में अपने लोगों को भेजकर धर्मांतरण के लिए दबाव बना रहे थे। एसआईटी ने गुरुवार को चार लोगों के बयान दर्ज किए। इसमें एक यूपीएफसी का भी कर्मचारी शामिल है।
साहित्य बरामद, किस्सा सुनाने वाला भी सामने आया
मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन दो किताबें शुद्ध भक्ति व उपासना तथा नमन को लोगों को बंटवाते थे। जिसके जरिये इस्लाम का प्रचार कराते थे। इसकी मूल प्रतियां एसआईटी ने बरामद कर ली हैं। वहीं वीडियो में जो एक अन्य शख्स किस्सा सुनाते दिख रहा था। वह चौबेपुर का मुईनुद्दीन नहीं बल्कि उसका नाम मोहम्मद अशरफ है। एसआईटी ने उसके बयान दर्ज किए हैं। उसने कबूला है कि वह सरकारी आवास पर आकर तकरीरें करता था। धर्मांतरण किस्से वाले वीडियो वाली बात भी स्वीकार की।
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