सैफई (इटावा)। छात्रा ने बुधवार दोपहर घर में फंदा लगाकर जान दे दी। परिजनों ने पढ़ाई के दबाव में खुदकुशी की बात कही है।
विनोद कुमार उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति के चालक हैं। वह पत्नी बबीता व बच्चों के साथ विश्वविद्यालय के न्यू कैंपस में रहते हैं। बुधवार को विनोद ड्यूटी पर गए थे। दोपहर करीब डेढ़ बजे बबीता छत पर कपड़े सुखाने चली गईं। 16 वर्षीय पुत्री अंजली कमरे में पढ़ाई कर रही थी। लगभग आधे घंटे बाद जब बबीता नीचे आईं तो अंजली कमरे में नहीं थी।
दूसरा कमरा बंद था। शोर मचाया तो आसपास के लोग आ गए। दरवाजे के रोशनदान से झांककर देखा तो अंजली छत पर लगे पंखे से दुपट्टे के फंदा से झूलती दिखी। इसकी सूचना पुलिस को दी। दरवाजा तोड़कर अंजली को आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। क्षेत्राधिकारी नागेंद्र चौबे, पीजीआई चौकी इंचार्ज केके यादव ने पोस्टमार्टम कराया और फोरेंसिक टीम बुलाकर साक्ष्य एकत्र किए।
विनोद कुमार ने बताया कि बेटी सीबीएसई 12 वीं की छात्रा थी। उसके प्रैक्टिकल चल रहे थे। वह लोग उसको अब मेडिकल की तैयारी के लिए बोलते थे। इससे वह कुछ दिनों से परेशान सी नजर आ रही थी। उसे कई बार समझाया भी था। उसने पढ़ाई का अधिक बोझ होने की वजह से यह कदम उठाया है।
वर्जन
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। परिजनों ने पढ़ाई का बोझ होने का कारण फंदा लगाने की बात कही है। - नागेंद्र चौबे, क्षेत्राधिकारी सैफई।