कानपुर में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता किशोरी (15) की प्रसव के दौरान मौत के मामले में पुलिस ने बुधवार को आरोपी लेखपाल रंजीत वरबार को जेल भेज दिया। आउटर पुलिस ने ककवन थाना क्षेत्र स्थित गांव जाकर केस की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
जांच में सामने आया कि गर्भवती होने के बाद भी आरोपी किशोरी को हवस का शिकार बनाते थे। साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देते थे। ग्रामीणों ने लेखपाल को कई बार नशे में किशोरी की झोपड़ी में जाते देखा था। पीड़िता ने उसपर हो रही ज्यादती की बात अपनी चाची से कही थी।
पीड़िता ने बयानों में कहा था कि आरोपियों ने उससे कई बार दुष्कर्म किया है। किशोरी आठ महीने की गर्भवती थी। जनवरी में उसका प्रसव होना था। चूंकि 11 अक्तूबर को दर्ज एफआईआर में दुष्कर्म कब हुआ यह जानकारी नहीं दी गई थी। न बयानों में एक निश्चित तारीख का पता चला।
मेडिकल जांच के मुताबिक अप्रैल व मई के महीने में दुष्कर्म हुआ होगा। तभी किशोरी गर्भवती हुई। हालांकि आरोपियों के डर से वह चुप रही। तीन महीने बाद जब परेशानी होने लगी तो सच्चाई सामने आई। फिर भी आरोपी नहीं रुके वे उसे हवस का शिकार बनाते रहे।
दो किशोर बोले, मैंने भी संबंध बनाए
पुलिस ने गांव के कई किशोरों से पूछताछ की तो दो किशोरों ने कुबूला कि उन्होंने किशोरी से संबंध बनाए थे। पुलिस उन्हें अज्ञात आरोपी में शामिल करेगी या लेखपाल के दो अन्य साथियों को खोजेगी, यह जांच का विषय है। क्योंकि किशोरी दोनों आरोपियों को नहीं पहचानती थी। यदि वे गांव के किशोर होते तो उनका नाम ले लेती।
पोस्टमार्टम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं
बुधवार को पीड़िता व नवजात का तीन डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इसमें मौत की वजह स्पष्ट नहीं होने के कारण विसरा सुरक्षित रखा गया है। गर्भ में ही नवजात की मौत होने की वजह से संक्रमण फैलने की भी पुष्टि हुई है। पीड़िता के शरीर पर बाहरी या अंदरूनी किसी भी तरह के चोट के निशान नहीं मिले हैं। डॉक्टरों के पैनल में कल्याणपुर सीएचसी की डॉ. वर्षा सिंह, चौबेपुर सीएचसी के डॉ. विपुल चतुर्वेदी और कांशीराम ट्रामा सेंटर के डॉ. अभिषेक शुक्ला शामिल रहे।
होगी डीएनए जांच, आरोपियों से कराएंगे मैच
पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों ने किशोरी और शिशु का डीएनए सैंपल भी संरक्षित रख लिया है। कोर्ट के निर्देश के बाद उनका मिलान पकड़े गए आरोपी लेखपाल रंजीत और करन से कराया जाएगा।
हंगामे की आशंका पर गांव नहीं ले गए शव
मोर्चरी में सुबह ही एएसपी आउटर आदित्य शुक्ला, सीओ सदर, सीओ बिल्हौर, ककवन एसओ समेत अन्य पुलिस बल पहुंच गया था। जल्द से जल्द पोस्टमार्टम कराया गया। उसके बाद परिजनों ने भैरव घाट पर अंतिम संस्कार किया। पुलिस शव को गांव ले जाना नहीं चाह रही थी, ताकि वहां किसी तरह का हंगामा प्रदर्शन न हो। ककवन में घटना के विरोध में कुछ विपक्षी नेता पहुंचे थे, जिनको पुलिस ने हिरासत में लिया था।
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कानपुर में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता किशोरी (15) की प्रसव के दौरान मौत के मामले में पुलिस ने बुधवार को आरोपी लेखपाल रंजीत वरबार को जेल भेज दिया। आउटर पुलिस ने ककवन थाना क्षेत्र स्थित गांव जाकर केस की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
जांच में सामने आया कि गर्भवती होने के बाद भी आरोपी किशोरी को हवस का शिकार बनाते थे। साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देते थे। ग्रामीणों ने लेखपाल को कई बार नशे में किशोरी की झोपड़ी में जाते देखा था। पीड़िता ने उसपर हो रही ज्यादती की बात अपनी चाची से कही थी।
पीड़िता ने बयानों में कहा था कि आरोपियों ने उससे कई बार दुष्कर्म किया है। किशोरी आठ महीने की गर्भवती थी। जनवरी में उसका प्रसव होना था। चूंकि 11 अक्तूबर को दर्ज एफआईआर में दुष्कर्म कब हुआ यह जानकारी नहीं दी गई थी। न बयानों में एक निश्चित तारीख का पता चला।