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ठंड और गलन के कारण हाइपरटेंशन के रोगियों की तबीयत बिगड़ रही है। ब्लडप्रेशर बेकाबू होने से हार्टअटैक और चेहरे का पक्षाघात हो जा रहा है। कार्डियोलॉजी में 24 घंटे के अंदर इमरजेंसी में 154 रोगी आए। इनमें 65 को गंभीर हालत में भर्ती किया गया।
चार रोगियों की हार्टअटैक से मौत हो गई। इसके साथ ही हैलट और निजी अस्पतालों में चेहरे पर पक्षाघात के रोगी भर्ती हो रहे हैं। पारा नीचे गिरने से ठंड बढ़ने की वजह से रोगियों की नसों में सिकुड़न आ रही है। इससे खून का थक्का जम जा रहा है।
हार्ट में थक्का पहुंचने से हृदयाघात और मस्तिष्क में जाने से पक्षाघात हो रहा है। इस वजह से ब्रेन अटैक के रोगी बढ़ रहे हैं। हैलट इमरजेंसी में प्रतिदिन औसत पांच रोगी ब्रेन अटैक के आ रहे हैं। कार्डियोलॉजी के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा ने बताया कि इस वक्त हाई बीपी और हृदय रोगी मॉर्निंग वॉक बंद कर दें।
गुनगुना पानी पिएं और रात में हल्का सुपाच्य भोजन लें। हैलट के न्यूरो साइंसेज हॉस्पिटल के प्रमुख डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि हेमरेजिक ब्रेन अटैक से कुछ रोगियों की मौके पर ही मौत हो जाती है।
इन बातों का रखें ध्यान
- पुराने रोगी, कोरोना से ठीक हुए लोग ठंड में बाहर न निकलें।
- नसों के रोगी गर्म कपड़ा लपेटकर शरीर को गर्म रखें।
- हाई ब्लड प्रेशर के रोगी जांच कराकर दवा की डोज दुरुस्त करा लें।
- ब्लड प्रेशर न बढ़ने दें, इससे ब्रेन और हार्टअटैक पड़ सकता है।
- दमा और अस्थमा के रोगी ठंड से बचें, दवा की डोज दुरुस्त कराएं।
- गर्म कमरे से अचानक बाहर ठंड में न निकलें।
- बाहर जाना हो तो पहले सामान्य तापमान में रुकें।
- छोटे बच्चों को गर्म कपड़े से ढंके रहें, माताएं शिशुओं को कंगारू केयर दें।
ठंड और गलन के कारण हाइपरटेंशन के रोगियों की तबीयत बिगड़ रही है। ब्लडप्रेशर बेकाबू होने से हार्टअटैक और चेहरे का पक्षाघात हो जा रहा है। कार्डियोलॉजी में 24 घंटे के अंदर इमरजेंसी में 154 रोगी आए। इनमें 65 को गंभीर हालत में भर्ती किया गया।
चार रोगियों की हार्टअटैक से मौत हो गई। इसके साथ ही हैलट और निजी अस्पतालों में चेहरे पर पक्षाघात के रोगी भर्ती हो रहे हैं। पारा नीचे गिरने से ठंड बढ़ने की वजह से रोगियों की नसों में सिकुड़न आ रही है। इससे खून का थक्का जम जा रहा है।
हार्ट में थक्का पहुंचने से हृदयाघात और मस्तिष्क में जाने से पक्षाघात हो रहा है। इस वजह से ब्रेन अटैक के रोगी बढ़ रहे हैं। हैलट इमरजेंसी में प्रतिदिन औसत पांच रोगी ब्रेन अटैक के आ रहे हैं। कार्डियोलॉजी के निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा ने बताया कि इस वक्त हाई बीपी और हृदय रोगी मॉर्निंग वॉक बंद कर दें।
गुनगुना पानी पिएं और रात में हल्का सुपाच्य भोजन लें। हैलट के न्यूरो साइंसेज हॉस्पिटल के प्रमुख डॉ. मनीष सिंह ने बताया कि हेमरेजिक ब्रेन अटैक से कुछ रोगियों की मौके पर ही मौत हो जाती है।
इन बातों का रखें ध्यान
- पुराने रोगी, कोरोना से ठीक हुए लोग ठंड में बाहर न निकलें।
- नसों के रोगी गर्म कपड़ा लपेटकर शरीर को गर्म रखें।
- हाई ब्लड प्रेशर के रोगी जांच कराकर दवा की डोज दुरुस्त करा लें।
- ब्लड प्रेशर न बढ़ने दें, इससे ब्रेन और हार्टअटैक पड़ सकता है।
- दमा और अस्थमा के रोगी ठंड से बचें, दवा की डोज दुरुस्त कराएं।
- गर्म कमरे से अचानक बाहर ठंड में न निकलें।
- बाहर जाना हो तो पहले सामान्य तापमान में रुकें।
- छोटे बच्चों को गर्म कपड़े से ढंके रहें, माताएं शिशुओं को कंगारू केयर दें।