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Rakesh Sachan: कैबिनेट मंत्री कोर्ट से फरार, बोले- बेवजह का दुष्प्रचार हो रहा है, सपा ने भी साधा निशाना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Sun, 07 Aug 2022 01:08 AM IST
सार

आर्म्स एक्ट के 31 साल पुराने मुकदमे में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को एसीएमएम तृतीय की अदालत से दोषी करार हुए हैं। उन पर कोर्ट से आदेश की प्रति लेकर भागने का आरोप है। इस मामले में कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की जा रही है।

Cabinet minister Rakesh Sachan absconding from court, SP targets BJP
सपा का ट्वीट और मंत्री राकेश सचान - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार
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कानपुर में आर्म्स एक्ट के 31 साल पुराने मुकदमे में दोषी करार दिए जाने के बाद सजा सुनाए जाने से पहले ही आदेश लेकर फरार हो जाने वाले एमएसएमई (लघु सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम) मंत्री राकेश सचान के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है। अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय आलोक यादव के निर्देश के बाद देर शाम पेशकार ने कोतवाली में राकेश के खिलाफ तहरीर दी।


नौबस्ता में 13 अगस्त 1991 को तत्कालीन एसओ बृजमोहन उदेनिया ने राकेश सचान के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें आरोप है कि उनके पास से राइफल बरामद हुई थी जिसका वह लाइसेंस नहीं दिखा सके। वहीं नौबस्ता में हुई छात्र नेता नृपेंद्र सचान की हत्या के मामले में भी इसी राइफल का प्रयोग किए जाने की बात सामने आई थी। मामले में सभी गवाही पूरी हो चुकी थी। शनिवार को फैसला सुनाया जाना था।

सुबह ही मंत्री राकेश सचान लाव लश्कर के साथ कोर्ट पहुंच गए थे। अभियोजन अधिकारी रिचा गुप्ता ने बताया कि अंतिम बहस सुनने के बाद कोर्ट ने राकेश सचान को आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दे दिया। सजा के बिन्दु पर सुनवाई हो रही थी। उन्होंने एक्ट के तहत अधिकतम सजा सुनाए जाने की मांग की थी। वहीं राकेश सचान के अधिवक्ता अविनाश कटियार का तर्क था कि बरामद राइफल राकेश के नाना की थी।

जो उनके साथ मौजूद थे, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने उन पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर दिया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट को सजा पर फैसला सुनाना था। सचान को दोषी करार दिए जाने की सूचना पर वकीलों में वेष में कुछ लोग अदालत में घुस गए और हंगामा होने लगा। इसी बीच राकेश सचान आदेश की प्रति लेकर रफूचक्कर हो गए।

मैं कहीं भी फरार नहीं हुआ हूं। बेवजह का दुष्प्रचार किया जा रहा है। 1991 में आर्म्स एक्ट का एक मामला था। जिसमें मेरे नाना के नाम का एक असलहा था, जिसको फर्जी बताते हुए उस समय पुलिस ने मुझ पर मुकदमा दर्ज किया था। उसी की आज कोर्ट में सुनवाई थी। यह मामला काफी समय से चल रहा है। मेरे वकील ने कहा कि आज पेशी पर आना है। इस वजह से मैं गया था।  वकील से बात करने के बाद वापस आ गया। कोर्ट में पेशी के बाद मैं कई कार्यक्रमों में भी शामिल हुआ। शाम को पनकी में उद्यमियों की ओर से आयोजित एक बैठक में भी गया। मेरे ऊपर कोई नया मुकदमा दर्ज किए जाने की सूचना मुझे नहीं है।  -राकेश सचान कैबिनेट मंत्री उप्र सरकार

सपा ने भाजपा पर साधा निशाना
एसीएमएम तृतीय कोर्ट ने 31 साल पुराने मामले में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को सजा सुनाई, तो उनकी पुरानी पार्टी यानी समाजवादी पार्टी ) को मंत्री राकेश सचान तथा भाजपा पर हमला बोलने का मौका मिल गया। पार्टी के ट्वीटर हैंडल से लिखा गया कि यूपी में कंठ तक भ्रष्टाचार में डूबे भाजपाई! योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को 35 साल पुराने चोरी के मामले में कोर्ट ने सुनाई सज़ा। सज़ा सुनते ही कोर्ट से भाग निकले मंत्री महोदय। शर्मनाक! यही है भाजपाइयों का असली चरित्र। मंत्री से तत्काल इस्तीफ़ा लें मुख्यमंत्री।
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