कानपुर। रेलवे सुरक्षा बल ने उद्योग नगरी एक्सप्रेस के स्लीपर और जनरल कोचों में छापा मार रेलवे कर्मचारी (ट्रैकमैन) को टिकट की दलाली करते हुए गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि ट्रैकमैन अनिल साहू टीटीई से सेटिंग कर 4 यात्रियों को स्लीपर में और 12 यात्रियों को जनरल कोच में सीट दिलवा चुका था। ट्रैक मैन की जेब से 2000 रुपए भी मिले। रेलवे अफसरों को सूचना भेजकर ट्रैक मैन को गिरफ्तार कर हवालात में डाल दिया गया। बुधवार को उसे रेलवे मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया जाएगा।
रेलवे की खुफिया इकाई की सूचना पर प्रतापगढ़ से मुंबई जाने वाली उद्योग नगरी एक्सप्रेस के कानपुर सेंट्रल पहुंचते ही आरपीएफ के कंपनी कमांडर संजय पांडे के नेतृत्व में कोचों की चेकिंग कराई गई। जांच में 16 यात्री वेटिंग टिकटों के साथ मिले। पूछताछ में पता चला कि गमछा ओढ़े एक युवक ने उन्हें सीटें टीटीई से बात कर दिलवाई है। टीम ने हुलिए के आधार पर एक युवक को दबोचा तो वह हाथापाईं करने लगा। फोर्स ने उसे दबोच लिया। गिरफ्तार अनिल साहू उर्फ कड़ाके ने बताया कि वह उत्तर मध्य रेलवे के सूबेदारगंज (इलाहाबाद) में ट्रैकमैन है। वह अक्सर कानपुर सेंट्रल के आसपास ड्यूटी लगवा लेता है। वह मुंबई और दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों को सीटें दिलवाने का काम क रता है। वह 4 माह से इस धंधे में लिप्त था। इसका एक साथी मौका पाकर फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
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पहले कुली था अनिल
कानपुर। सेंट्रल पर टिकट दलाली में गिरफ्तार ट्रैकमैन अनिल साहू उर्फ कड़ाके पहले कुली थी। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में वह कुली से ट्रैकमैन बना दिया गया था। उसे अब 12 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता था। जबकि कुली के काम में वह रोज 1000 कमा लेता था। इसी कारण वह कुली का काम पार्ट टाइम कर रहा था।
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24 कुली, रेल कर्मचारी दलाली में संलिप्त
कानपुर। रेलवे की खुफिया रिपोर्ट को मानें तो सेंट्रल स्टेशन पर 11 रेलवे कर्मचारी (आरक्षण बाबू, कुली से बने रेल कर्मचारी) और 13 कुली ऐसे हैं जो मूल काम को भूल केवल टिकटों की दलाली करते हैं। इस रिपोर्ट को आधार मान रेलवे सुरक्षा बल इनकी गिरफ्तारी करने में जुटी है। पिछले दिनों सिटी आरक्षण केंद्र के बाबू का पूरा कुनबा तत्काल आरक्षण टिकट बनवाते दबोचा गया था।
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शताब्दी के टीटीई दल के मोबाइल का ब्योरा मांगा
कानपुर। टीटीई, कुली और रेल कर्मचारी के संयुक्त गठबंधन के काकस के पर्दाफाश की खातिर रेलवे सुरक्षा बल ने शताब्दी, श्रमशक्ति और पुरुषोत्तम एक्सप्रेस में चलने वाले चल टिकट निरीक्षक के मोबाइल नंबरों का ब्योरा संबंधित कंपनियों से मांगा है। सूचना है कि कुली मोबाइल के जरिए ट्रेन आने के पहले ही टीटीई से संपर्क करके सीटें ले लेते थे। इस चक्कर में किसी को भनक तक नहीं लगती थी।
कानपुर। रेलवे सुरक्षा बल ने उद्योग नगरी एक्सप्रेस के स्लीपर और जनरल कोचों में छापा मार रेलवे कर्मचारी (ट्रैकमैन) को टिकट की दलाली करते हुए गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि ट्रैकमैन अनिल साहू टीटीई से सेटिंग कर 4 यात्रियों को स्लीपर में और 12 यात्रियों को जनरल कोच में सीट दिलवा चुका था। ट्रैक मैन की जेब से 2000 रुपए भी मिले। रेलवे अफसरों को सूचना भेजकर ट्रैक मैन को गिरफ्तार कर हवालात में डाल दिया गया। बुधवार को उसे रेलवे मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया जाएगा।
रेलवे की खुफिया इकाई की सूचना पर प्रतापगढ़ से मुंबई जाने वाली उद्योग नगरी एक्सप्रेस के कानपुर सेंट्रल पहुंचते ही आरपीएफ के कंपनी कमांडर संजय पांडे के नेतृत्व में कोचों की चेकिंग कराई गई। जांच में 16 यात्री वेटिंग टिकटों के साथ मिले। पूछताछ में पता चला कि गमछा ओढ़े एक युवक ने उन्हें सीटें टीटीई से बात कर दिलवाई है। टीम ने हुलिए के आधार पर एक युवक को दबोचा तो वह हाथापाईं करने लगा। फोर्स ने उसे दबोच लिया। गिरफ्तार अनिल साहू उर्फ कड़ाके ने बताया कि वह उत्तर मध्य रेलवे के सूबेदारगंज (इलाहाबाद) में ट्रैकमैन है। वह अक्सर कानपुर सेंट्रल के आसपास ड्यूटी लगवा लेता है। वह मुंबई और दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों को सीटें दिलवाने का काम क रता है। वह 4 माह से इस धंधे में लिप्त था। इसका एक साथी मौका पाकर फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
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पहले कुली था अनिल
कानपुर। सेंट्रल पर टिकट दलाली में गिरफ्तार ट्रैकमैन अनिल साहू उर्फ कड़ाके पहले कुली थी। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में वह कुली से ट्रैकमैन बना दिया गया था। उसे अब 12 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता था। जबकि कुली के काम में वह रोज 1000 कमा लेता था। इसी कारण वह कुली का काम पार्ट टाइम कर रहा था।
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24 कुली, रेल कर्मचारी दलाली में संलिप्त
कानपुर। रेलवे की खुफिया रिपोर्ट को मानें तो सेंट्रल स्टेशन पर 11 रेलवे कर्मचारी (आरक्षण बाबू, कुली से बने रेल कर्मचारी) और 13 कुली ऐसे हैं जो मूल काम को भूल केवल टिकटों की दलाली करते हैं। इस रिपोर्ट को आधार मान रेलवे सुरक्षा बल इनकी गिरफ्तारी करने में जुटी है। पिछले दिनों सिटी आरक्षण केंद्र के बाबू का पूरा कुनबा तत्काल आरक्षण टिकट बनवाते दबोचा गया था।
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शताब्दी के टीटीई दल के मोबाइल का ब्योरा मांगा
कानपुर। टीटीई, कुली और रेल कर्मचारी के संयुक्त गठबंधन के काकस के पर्दाफाश की खातिर रेलवे सुरक्षा बल ने शताब्दी, श्रमशक्ति और पुरुषोत्तम एक्सप्रेस में चलने वाले चल टिकट निरीक्षक के मोबाइल नंबरों का ब्योरा संबंधित कंपनियों से मांगा है। सूचना है कि कुली मोबाइल के जरिए ट्रेन आने के पहले ही टीटीई से संपर्क करके सीटें ले लेते थे। इस चक्कर में किसी को भनक तक नहीं लगती थी।