कानपुर। स्थान-परेड चौराहा। गुरुवार दोपहर 2.30 बजे हैं। नारायणी धर्मशाला की तरफ से सात युवक तीन पल्सर बाइक से पुतला लिए आते हैं। परेड चौराहा के बीचो-बीच खंभे के पास पुतला पटक देते हैं। इस पर लिखा है-पेट्रोल मूल्य वृद्धि। पुतले को कुछ देर देखते हैं। फिर इसे लात-जूते से पीटने लगे। थक गए तो जेब से माचिश निकाली और आग लगा दी। ये किसी दल के नहीं हैं। नारे नहीं लगाए आमतौर में जो लोग गाली बकते हैं, बकीं। फिर आपस में बोले-‘छोड़ो बाइक... साइकिल खरीदी जाए।... चुनाव में देखेंगे।’ बाइक स्टार्ट की और चले गए।
पेट्रोल मूल्य वृद्धि के खिलाफ आक्रोश की यह अकेली घटना नहीं थी। लोगों ने अलग-अलग अपनी तरह से गुस्सा जाहिर किया। अमर उजाला टीम ने जगह-जगह पेट्रोल के दाम बढ़ने पर लोगों का गुस्सा और खिसियाहट देखी और इसे हू-ब-हू लफ्जों में उतारने की कोशिश की। शाम के 3 बजे थे। चुन्नी गंज में एक्सेल हॉस्पिटल के रास्ते के मोड़ पर स्थित पेट्रोल पंप पर डिस्कवर सवार एक युवक पहुंचा। ‘100 रुपए का देओ।’ कर्मचारी ने बिना कुछ बोले बाइक की टंकी में नोजल लगा दिया। इस दौरान कर्मचारी ने दो-तीन बार नोजल का बटन दबाया ‘कट-कट’। ‘यह क्या कर रहे हो। वैसे ही पेट्रोल महंगा है। ऊपर से डंडी मार रहे हो’ कहकर थप्पड़ जड़ दिया। मामला बढ़ता कि लोग बराबर कराने में लग गए।
टीम आगे बढ़ी तो देखा कर्नलगंज की तरफ से बजरिया ढाल की तरफ प्लास्टिक का झोला लिए कुछ लड़के आए। झोले में कपड़े की कतरन भरी थीं। इसे पुतले की शक्ल दे दी थी। ढाल के ऊपरी छोर पर झोला पटक दिया। आग लगा दी और गालियां बकीं। फिर लाल टी शर्ट पहने लड़के की तरफ देखा और बगल वाले से कहा कि ‘यह तो गया इसी महीने दहेज में बाइक मिली थी।’ यहां से आगे सीसामऊ बाजार में प्रेमनगर वाले मोड़ पर वाहन चेकिंग हो रही थी। तभी बिना हेलमेट लगाए बाइक सवार दो लड़के निकले। सड़के बीचो-बीच खड़े होमगार्ड ने सीटी बजाई और लड़कों से बाईं तरफ बाइक मोड़ने का इशारा किया। लड़के रुक गए लेकिन बाइक स्टार्ट रखी। वे रिरियाने लगे तभी लस्सी का कुल्हड़ हाथ में लिए दारोगा जी आए-‘गाड़ी बंद कर दो, पेट्रोल बहुत मंहगा हो गया है।’