कानपुर। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिकी विकास निगम लिमिटेड (यूपीएसआईडीसी) के नोएडा स्थित ट्रानिका सिटी की भवन मानचित्र से जुड़ी दो फाइलें गायब होने के मामले ने फिर तूल पकड़ लिया है। प्रबंध निदेशक मो. इफ्तिखारुद्दीन ने बुधवार को मानचित्र से संबंधित फाइलें तलब की हैं। पूछा है कि 51000 से ज्यादा वर्ग मीटर के वाणिज्यिक, आवासीय भूमि की फाइलें कब से नहीं मिली हैं। निगम मुख्यालय से गायब होने वाली फाइलों को लेकर अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इस मामले में शामिल अधिकारी, कर्मचारियों को नाम बताया जाए।
ट्रानिका सिटी में ग्रुप हाउसिंग और वाणिज्यिक प्लाट आवंटित किए गए थे। 2009 से 2011 के बीच आवंटित भूखंड संख्या जीएच-सी 3/1 का क्षेत्रफल 17000 वर्ग मीटर है। इस भूमि का आवंटन पूर्व मुख्य अभियंता अरुण मिश्रा ने किया था। उन्हीं के स्तर से भवन का नक्शा भी पास कर दिया गया। इसी तरह भूखंड संख्या 12ए और 14 के भवन मानचित्र में भी गड़बड़ी हुई। नियम, कानून को दरकिनार करके मानचित्र स्वीकृत कर दिए गए। इन्हीं मामलों को गंभीरता से लेकर तत्कालीन अध्यक्ष नवनीत सहगल से हुई। प्राथमिक जांच-पड़ताल के बाद अध्यक्ष ने 25 नवंबर 2011 को एफआईआर के आदेश दिए। कहा कि अगस्त 2011 से फाइलें गायब हैं। इस मामले की कड़ी कार्रवाई की जाए। इसकी प्रति यूपीएसआईडीसी मुख्यालय आई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। मामले की फाइल दबा ली गई। अब यूपीएसआईडीसी कर्मचारी संघ ने इस मामले को फिर उठाया है। इसी आधार पर प्रबंध निदेशक ने फाइलें तलब की हैं। संघ के अध्यक्ष धीरेंद्र अवस्थी और महामंत्री डा. वीके सिंह का कहना है कि भवन मानचित्र से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइलें गायब हैं। इसकी लिखित शिकायत भी कर्मचारी अमित श्रीवास्तव, यूएस यादव ने दर्ज कराई है, लेकिन मामला जस का तस है। इसे लेकर प्रबंध निदेशक मो. इफ्तिखारुद्दीन का कहना है कि फाइल गायब होने की जानकारी नहीं थी। यह मामला पहले का है। पूरे मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
काली सूची में डाली जाएगी कंपनी
कानपुर। यूपीएसआईडीसी के चकेरी औद्योगिक क्षेत्र के सड़क निर्माण में धांधली और 1940 मीटर सड़क का निर्माण कराए बगैर ही 2.11 करोड़ रुपए का भुगतान कराने वाली मेसर्स कार्तिक इंटरप्राइजेज विजय नगर को काली सूची में डाला जाएगा। इसकी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। दूसरी तरफ जांच के घेरे में आने वाले अधिशासी अभियंता अजित सिंह, सहायक अभियंता नागेंद्र सिंह और अवर अभियंता एसके वर्मा के खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गई है। इस मामले का जांच अधिकारी संयुक्त प्रबंध निदेशक वेद प्रकाश वर्मा को बनाया है। उनकी ओर से सड़क निर्माण, विभागीय अफसरों की सांठगांठ की फाइल तलब की गई है। सूत्रों ने बताया कि इस मामले में यूपीएसआईडीसी के तीन बड़े अफसरों के फंसने की संभावना है।