कानपुर। हर जुबान पर बस यही बात थी, इतने अधिक दाम? सरकार चाहती क्या है? तेवर तीखे, भाषा में कड़ुवाहट। बुधवार को पेट्रोल के दाम 7.50 रुपए बढ़ने की खबर सुनते ही कमोवेश सभी बिफर से गए। सबकी प्रतिक्रिया करीब-करीब एक जैसी थी-‘सरकार ने मान लिया है, अब आगे आना नहीं है, जनता को कहीं का छोड़ना नहीं है।’
अमर उजाला टीम ने इस मौके पर शहर पर एक नजर डाली। लोगों को टटोला सब भरे पड़े थे। ऐसा लगा हर कोई एक साथी तलाश रहा था मन की भड़ास निकालने के लिए। लोग गली-मोहल्लों में अंगूर के गुच्छों की शक्ल में जुटते हुए नजर आए। जहां जमात जैसी थी, भाषा भी वैसी। कहीं संसदीय, कहीं असंसदीय, कहीं संयमित, कहीं असंयमित पर सब के मूल में एक गहरा क्षोभ जरूर था।
‘घबराओ मत अभी 2-2.30 रुपए कम होंगे।’ हर्षनगर पेट्रोल पंप पर काली पल्सर में पेट्रोल भरवा रहे 22 साल के विपिन वोहरा की टिप्पणी ने लोगों को आकर्षित किया। बिना किसी तरफ मुखातिब हुए वह जैसे खुद से कहे जा रहा था-‘ममता दीदी भड़केगी, सरकार की बैसाखी बने साथी आंखें दिखाएंगे फिर -2-2.30 रुपए तो कम करने ही पड़ेंगे।’ मशीन के बाईं तरफ खड़े कुछ लोग मुस्क रा दिए, 2-2.30 रुपए की राहत की इस नई खबर से।
कुछ झुंझलाए-‘5 रुपए भी कम होते हैं क्या? पहले 2-3 रुपए बढ़ाते थे। अब छह-छह महीने में 5-7 रुपए बढ़ेंगे।’ शहर में कई पेट्रोल पंप बंद हो चुके थे, उनके लिए बड़ी कमाई का रास्ता जो मिल गया था। कई खुले थे उन्होंने राशनिंग शुरू कर दी थी। उन्हें भी तो कुछ और कमाना था। खबर प्रशासन तक पहुंची तो उसने छापेमारी शुरू करवा दी।
जीटी रोड, कालपी रोड पर चल रहे कुछ पेट्रोल पंपवालों ने थोड़ी देर के लिए बंद किया तो कार और बाइक की लंबी लाइन सड़क कर आ गई। सचान गेस्ट हाउस चौराहे पर रमा शिव पेट्रोल पंप बंद होने की खबर पर टीम वहां पहुंच गई और इसे चालू करवाया। नजीराबाद क्रासिंग के पास हैंडपंप पर एक युवक कर्मचारी से हुज्जत कर रहा था। ‘75 रुपए नहीं देंगे, पेट्रोल तो पुराने दाम पर खरीदा हुआ बेच रहे हो।’ गाली-गलौज की नौबत आई तो लोगों ने शांत करा दिया। पेट्रोल पंपों पर बढ़ती भीड़ देखकर प्रशासन ने हर जगह दो सिपाहियों की पिकेट तैनात करने के आदेश कर दिए।