कानपुर। आयकर विभाग द्वारा लगातार दो वर्षों तक कराए गए स्पेशल ऑडिट में यूपीएसआईडीसी की आय में जबर्दस्त अंतर पाया है। पहले वर्ष में पांच गुनी और दूसरे वर्ष में दस गुनी कमाई का अंतर देखकर आयकर अफसर भी हैरान हैं। ऑडिट में पाया गया कि तमाम ऐसे प्रावधानों के तहत निगम द्वारा छूट लेने की कोशिश की गई जिसके तहत वह छूट के लिए अधिकृत ही नहीं है। इसके अलावा तमाम कमाई को छुपाया भी गया।
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (यूपीएसआईडीसी) के अफसरों ने निगम के हित में जमकर अनियमितताएं बरती हैं। आयकर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2007-08 में निगम द्वारा दाखिल आईटीआर में साढ़े 12 करोड़ की आय दर्शाई गई। यह वास्तविकता से कम समझ में आई तो इसे स्क्रूटनी में लेकर स्पेशल ऑडिट शुरू कर दिया गया। पाया गया कि निगम की असल आय साढ़े 59 करोड़ रुपए है, जिसे विभिन्न तरीकों से कमतर दर्शाया गया। इसके बाद अगले वित्तीय वर्ष 2008-09 में निगम की आय 16 करोड़ 67 लाख दिखाई गई। इसमें भी संशय देख स्पेशल ऑडिट किया गया तो यह एक अरब 18 करोड़ निकली, यानी दस गुने से भी ज्यादा। इस दशा में विभाग ने पेनाल्टी सहित कर वसूली की है। इसके बाद वर्ष 2009-10 में 10 करोड़ 22 लाख का आईटीआर दाखिल किया गया। विभाग ने इसका भी स्पेशल ऑडिट दाखिल शुरू कर दिया है।
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वर्ष आईटीआर में दर्शाई कमाई असेसमेंट में निकली कमाई
07-08 125064045 रुपए 595844540 रुपए
08-09 166707960 रुपए 1180882830 रुपए
09-10 102262127 रुपए अभी चल रहा है
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यहां हुआ खेल -
पुराने खर्चे जो वर्ष 08-09 में दिखाए - 138926658 रुपए
जमीनों की ट्रेडिंग से हुई कमाई - 127342943 रुपए
उद्योग बंधु को किया सहयोग - 5500000 रुपए
लीव इनकैशमेंट में दिया पैसा - 3457668 रुपए
आयकर अधिनियम की धारा 80 आई(ए) के तहत ली गई अनधिकृत छूट - 123867153 रुपए
आयकर अधिनियम की धारा 14 (ए) के तहत ली गई अनधिकृत छूट - 92905 रुपए
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अभी मुझे इस विषय की जानकारी नहीं है। पता किया जाएगा।
मो. इफ्तेखारुद्दीन - एमडी, यूपीएसआईडीसी
आय बढ़ना अच्छी बात है। हमें छुपाकर क्या मिलेगा। स्पेशल ऑडिट
करना आयकर विभाग का काम है। इसे देखकर बता पाएंगे।
सुशील कुमार, वित्त नियंत्रक यूपीएसआईडीसी