कानपुर। सीएसजेएम विश्वविद्यालय प्रशासन और छठे वेतनमान के लिए आंदोलन कर रहे शिक्षकों के बीच तनातनी के कारण परीक्षाएं टलने से परेशान छात्र-छात्राओं का गुस्सा मंगलवार को फूट पड़ा। छात्रों ने पहले तो शिक्षकों के साथ बैठक कर मामला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन कोई हल न निकलता देख धरने पर बैठ गए। दोपहर विवि के गेट से शुरू हुआ धरना खबर लिखे जाने तक कुलपति कैंपस में जारी था। इस दौरान पुलिस द्वारा छात्राओं से गई अभद्रता से नाराज छात्रों ने 24 मई से प्रस्तावित परीक्षाओं के बहिष्कार का भी ऐलान कर दिया है।
सुबह 11.30 के करीब छात्र आंदोलन कर रहे शिक्षकों केसाथ बैठक करने लेक्चर थियेटर पहुंचे। लेकिन बैठक में कुछ हल नहीं निकला। इससे गुस्साए छात्र 43 डिग्री सेल्सियस तक चढ़े पारे की परवाह किए बगैर नारे लगाते हुए विवि के गेट पर पहुंच गए। गेट पर मौजूद एक पुलिसकर्मी ने उन्हें रोका, लेकिन छात्र कुलपति को बुलाने की मांग करते हुए धरने पर बैठ गए। विवि गेट के भीतर और बाहर सड़क लंबा जाम लग गया। इससे दूसरी फैकल्टी में परीक्षा देने पहुंचे स्टूडेंट और अपने काम से आये लोगों और राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। खासकर महिलाओं और स्कूली बच्चों का तो बुरा हाल हो गया। कई लोग तो छात्रों से उलझ भी पड़े। हालात बिगड़ते देख विवि के अधिकारियों ने पुलिस को सूचित किया। एक बजकर 20 मिनट पर कल्याणपुर थाना प्रभारी पुलिसफोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन छात्र नहीं माने। इस पर पुलिस ने छात्रों को जबरदस्ती बैग, कॉलर और कपड़े पकड़ कर उठाया, कई को थप्पड़ भी पड़ गये, लाठियां पटक कर छात्रों को खदेड़ने की कोशिश की गई। इस दौरान छात्राओं को भी नहीं बख्शा गया। पुलिसवालों ने उन्हें भी खींचकर उठाया। इससे छात्रों का गुस्सा और भड़क गया और वे कुलपति कैंपस के बाहर धरने पर बैठ गए। इस दौरान आंदोलनकारी शिक्षक भी वहां पहुंच गए। खबर लिखे जाने तक छात्र और शिक्षक धरने पर बैठे हुए थे। छात्रों ने बताया कुलपति ने उन्हें देर शाम मिलने का समय दिया था। पर बार बार फोन करने के बाद भी वहां सुनने वाला कोई नहीं था..। छात्र नियमानुसार परीक्षाएं कराने की मांग को लेकर अड़े थे। छात्रों का कहना है कि कुलपति और शिक्षकों की लड़ाई से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है। हमें सिर्फ हमारे सिस्टम के अनुसार परीक्षाओं से मतलब है। विवि. प्रशासन छात्रों को धमका कर बाहरी परीक्षकों से परीक्षाएं कराने का दबाव बना रहा है। अच्छे नंबर दिलाने का प्रलोभन भी दिया जा रहा है, लेकिन ये हमें मंजूर नहीं है। कुलपति छात्रों से मिल कर इस विरोध का कोई रास्ता निकाल सकते थे। लेकिन उन्होंने यह जरूरी नहीं समझा। उल्टे परीक्षाओं की मांग के लिए गेट पर घंटों धूप में तपे छात्र-छात्राओं पर पुलिस का कहर बरपा दिया। मौके पर लड़कियों से भी गाली गलौज और अभद्रता की गई। इस शर्मनाक घटना के बाद कोई भी स्टूडेंट 24 मई की परीक्षा में शामिल नहीं होगा। विवि. में घटी पूरी घटना मुख्यमंत्री और गर्वनर के साथ मानवाधिकार को भेजी जाएगी। शिक्षकों की तरह छात्र भी मुख्यमंत्री से मिलने जाएंगे।
यूं चला हंगामा
12.05 -लेक्चर थियेटर 01 में यूआईईटी शिक्षकों व छात्रों की बैठक हुई।
12.20-बैठक बिना किसी निर्णय से खत्म। नाराज छात्रों ने विवि. मेन गेट पर लगाया जाम
1.20-कल्याणपुर थाना प्रभारी पुलिसफोर्स के साथ मौके पर पहुंचे
1.30-पुलिस फोर्स ने छात्रों को जबरदस्ती उठाया। तीखी बहस
1.45-कुलपति से बात करने पहुंचे शिक्षकों को गेट पर रोक दिया। छात्र भी पहुंचे। कुलपति का वार्ता से इनकार
1.50-छात्र और शिक्षक कैंपस के बाहर ही धरने पर बैठे
आमने-सामने
‘मैंने पुलिस को नहीं बुलाया, अगर छात्राओं के आरोप सही हैं तो मैं बेहद शर्मिंदा हूं। मैं अपनी तरफ से शिक्षकों के छठे वेतनमान के लिए शासन में बराबर बात कर रहा हूं। पर बात अब छात्रों पर बन गई है, इसलिए जब तक शिक्षक हड़ताल वापस लेकर छात्रों की परीक्षाएं नहीं कराएंगे, किसी भी शिक्षक या उनके गुट से कोई वार्ता नहीं की जाएगी। शिक्षक चाहें तो शासन से खुद मंजूरी ले आयें विवि. तुरंत वेतनमान लागू कर देगा। यूआईईटी में फाइनल इयर की परीक्षाएं 24 मई से तय कर दी गई हैं। जो छात्र परीक्षाएं नहीं देंगे उन्हें बाद में स्पेशल बैक पेपर दिलाया जाएगा।’
कुलपति
कुलपति अपनी तरफ से शासन में बात करते तो अब तक छठे वेतनमान का मामला हल हो जाता। किसी भी शिक्षक ने छात्रों को नहीं बरगलाया, विवि. प्रशासन खुद छात्रों को धमका रहा है, छात्र अपने हित के लिए लड़ रहे हैं, हम हस्ताक्षेप नहीं करेंगे। कुलपति ने हमसे मिलने के लिए मना कर दिया है इसलिए अब सभी शिक्षक 23 मई को मुख्यमंत्री से मिलने लखनऊ के लिए कूच करेंगे।
शिक्षक