मनीष निगम
कानपुर। पेशेवर अपराधियों पर अंकुश लगाने और उनकी निगरानी के इरादे से पुलिस ने शातिरों की हिस्ट्रीशीट खोलने का मुहिम शुरू कर दी है। इसके अलावा शहर में पकड़े जाने वाले दूसरे जिलों के अपराधियों को भी सूचीबद्ध किया जा रहा है। इनके बारे में संबंधित जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र भेजकर जरूरी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। बीते एक महीने में हत्या, लूट, नकबजनी, चोरी, अपहरण की वारदात में शामिल रहे 50 बदमाशों की विभिन्न थानों में हिस्ट्रीशीट खोली गई है। इसी के साथ शहर में हिस्ट्रीशीटरों की संख्या दो हजार के करीब पहुंच गई है जबकि दो महीने के अंदर 500 से ज्यादा और बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खुलने की उम्मीद है।
बीते कुछ दिनों में आपराधिक वारदात का ग्राफ बढ़ने से प्रदेश सरकार ही नहीं बल्कि कानपुर के पुलिस अफसर भी चिंतित हैं। इस कारण डीआईजी अमिताभ यश ने शहर के 43 थाना प्रमुखों को उनकी हिस्ट्रीशीट खोलने के निर्देश दिए हैं। विभिन्न थानों में 50 अपराधियों की हिस्ट्रशीट खोलकर इनके नाम भी थाने की पट्टिका में दर्ज कर दिए गए हैं। इनमें नौबस्ता पुलिस चौकी में दारोगा देवेंद्र सिंह की हत्या कर सनसनी फैलाने के वाले वकील सौरभ वर्मा, गम्मू खां हाते में दिनदहाड़े हिस्ट्रीशीटर सईद नाटे को गोलियों से छलनी करने वाले रफीक मोटा, उसके बेटे अरशद, मुन्ना लग्गड, डी-80 गैंग के सक्रिय सदस्य आरिफ और हरबंश मोहाल थाने में गैंगस्टर और हत्यारोपी मनोज गुप्ता भी शामिल हैं। तेजाब मिल कालोनी में कांग्रेस नेता राजू भट्टाचार्य के हत्यारोपी मनोहर शुक्ला, सुनील बाल्मीकि समेत आर्थिक और संपत्ति संबंधी अपराधों को अंजाम देने वाले तमाम पेशेवर अपराधियों की हिस्ट्रीशीट भी जल्द खुल जाएगी।
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संगीन अपराधों में लिप्त बदमाशों की फाइल तलब की गई है। जनपद स्तर पर रजिस्टर्ड गैंग के सक्रिय सदस्यों की भी हिस्ट्रीशीट खोली जाएगी। अगले दो महीनों में 500 और बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खुलने के बाद यह आंकड़ा 25 सौ तक पहुंच जाएगा। इनकी निगरानी का जिम्मा चौकी प्रभारी और बीट सिपाही का होगा। आसपास के जिलों में भी अपराध रोकने के लिए यहां पकड़े गए गैर जनपद के बदमाशों की भी सूची तैयार की गई है। इसे संबंधित जिलों के कप्तान को भेजा गया है, ताकि वे भी अपने स्तर से उनकी निगरानी सुनिश्चित करा सकें।
डीआईजी अमिताभ यश ने बताया कि