कानपुर। चर्म निर्यात पर केंद्र सरकार के रुख से निर्यातकों को लाभ मिलने की संभावना है। 17 मई को केंद्रीय मंत्री के साथ हुई बैठक में काउंसिल फॉर लेदर एक्सपोर्ट (सीएलई) और फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के पदाधिकारियों ने चर्म निर्यातकों का पक्ष रखा। 5 जून को निर्यात नीति की घोषणा की जानी है। फोकस प्रोडक्ट लाइसेंस में आयात शुल्क छूट के अलावा ब्याज सब्सिडी आदि मिलने की प्रबल संभावनाएं हैं।
17 मई को वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने देश के विभिन्न ट्रेड से जुड़े 24 काउंसिलों के पदाधिकारियों संग बैठक की। कानपुर से सीएलई के वाइस चेयरमैन आरके जालान ने चर्म निर्यातकों का पक्ष रखा। उन्होंने निर्यात किए जाने वाले चर्म उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले आयातित सामानों का मुद्दा प्रमुख रूप से उठाया। फोकस प्रोडक्ट (चमड़ा, हैंडीक्राफ्ट आदि) में आयात छूट फिलहाल दो से चार फीसदी है। माना जा रहा है कि इसे एक फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा फोकस मार्केट में निर्यात करने वालों को आयात शुल्क से मुक्ति दिए जाने की घोषणा निर्यात नीति में संभावित है। वहीं चर्म इकाइयों के आधुनिकीकरण के लिए आयात की जाने वाली मशीनों को भी आयात शुल्क से पूरी तरह छूट दी जा सकती है। फियो के अध्यक्ष ने ब्याज सब्सिडी के मुद्दा पर चर्चा की। इसमें भी वाणिज्य मंत्री ने निर्यातकों की बेहतरी के लिए आश्वास्त किया है।
फोकस मार्केट - विश्व के ऐसे देश जहां भारत से निर्यात काफी कम होता है। इनमें साउथ अमेरिका और अफ्रीका के देश शामिल हैं। जल्द ही जापान को इसमें शामिल करने की तैयारी है।
फोकस प्रोडक्ट - चमड़े के अलावा हैंडीक्राफ्ट आदि सरकार की नजर में फोकस प्रोडक्ट्स हैं। इनके निर्माण और निर्यात को लेकर सरकार का ज्यादा जोर रहता है।