कानपुर। केडीए में एकमुश्त समाधान (ओटीएस) से संबंधित सैकड़ों रसीदें और चालान के अलावा महत्वपूर्ण दस्तावेज शनिवार शाम कूड़े में फेंक दिए गए। बताते हैं फेंके गए कागजात सील करके रखे गए थे। यह कागजात कैसे बाहर आए? किन योजनाओं के थे? इनके बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। हालांकि, जानकारी पाकर केडीएकर्मी मौके पर पहुंचे और एक-एक कागजात उठवाकर वापस रखवाए। मौके पर पहुंचे अमर उजाला संवाददाता ने कागजात के बारे में पूछताछ की तो कर्मचारियों ने चुप्पी साध ली। संवाददाता ने सचिव राकेश कुमार शुक्ला को बताया लेकिन जानकारी न होने की बात कहकर वह भी चले गए।
शाम करीब साढ़े चार बजे केडीए के पिछले गेट के बाहर कागजातों का ढेर लगा था। केडीए सूत्रों ने बताया यह कागजात कोई कर्मचारी फेंक गया है। इसमें ओटीएस से संबंधित रसीदों के अलावा जोन तीन के कई चालान और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। गड़बडि़यों-घोटालों के लिए चर्चित केडीए में कागजातों को कूड़े में फेंकने की जानकारी ने हड़कंप मचा दिया। सूत्रों ने बताया ओटीएस की चार रसीदें होती हैं जिसमें एक आवंटी, एक बैंक व दो केडीए के लेखा विभाग के पास रहती हैं। जो रसीदें कूड़े के ढेर में मिली हैं, वह 31 मार्च को हुए ओटीएस की बताई जा रही हैं। केडीए के कर्मचारियों का यह भी कहना है कि रसीदें और चालान काफी पुराने हैं। इन्हें कर्मचारियों ने गलती से फेंक दिया है। हालांकि, रसीदें कैसे बाहर निकलीं? इन्हें कूड़े के ढेर में किसने फेंका? यह सवाल पूरे मामले को रहस्यमय बना रहे हैं। जब यह घटनाक्रम हुआ सचिव राकेश शुक्ला ऑफिस में ही थे। जानकारी देने के बावजूद उन्होंने मौके पर जाकर तहकीकात करना मुनासिब नहीं समझा। केडीए कर्मचारियों ने बताया कागजात काम के हो या नहीं, कूड़े में नहीं फेंके जाते हैं। एक अफसर की मौजूदगी में एक-एक कागज फाड़कर फेंका जाता है जबकि यहां न कागज फाड़कर फेके गए थे न ही कोई अफसर मौजूद था। उपाध्यक्ष राममोहन यादव ने मामले की जांच कराने की बात कही है।
कानपुर। केडीए में एकमुश्त समाधान (ओटीएस) से संबंधित सैकड़ों रसीदें और चालान के अलावा महत्वपूर्ण दस्तावेज शनिवार शाम कूड़े में फेंक दिए गए। बताते हैं फेंके गए कागजात सील करके रखे गए थे। यह कागजात कैसे बाहर आए? किन योजनाओं के थे? इनके बारे में जानकारी नहीं मिल सकी है। हालांकि, जानकारी पाकर केडीएकर्मी मौके पर पहुंचे और एक-एक कागजात उठवाकर वापस रखवाए। मौके पर पहुंचे अमर उजाला संवाददाता ने कागजात के बारे में पूछताछ की तो कर्मचारियों ने चुप्पी साध ली। संवाददाता ने सचिव राकेश कुमार शुक्ला को बताया लेकिन जानकारी न होने की बात कहकर वह भी चले गए।
शाम करीब साढ़े चार बजे केडीए के पिछले गेट के बाहर कागजातों का ढेर लगा था। केडीए सूत्रों ने बताया यह कागजात कोई कर्मचारी फेंक गया है। इसमें ओटीएस से संबंधित रसीदों के अलावा जोन तीन के कई चालान और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज थे। गड़बडि़यों-घोटालों के लिए चर्चित केडीए में कागजातों को कूड़े में फेंकने की जानकारी ने हड़कंप मचा दिया। सूत्रों ने बताया ओटीएस की चार रसीदें होती हैं जिसमें एक आवंटी, एक बैंक व दो केडीए के लेखा विभाग के पास रहती हैं। जो रसीदें कूड़े के ढेर में मिली हैं, वह 31 मार्च को हुए ओटीएस की बताई जा रही हैं। केडीए के कर्मचारियों का यह भी कहना है कि रसीदें और चालान काफी पुराने हैं। इन्हें कर्मचारियों ने गलती से फेंक दिया है। हालांकि, रसीदें कैसे बाहर निकलीं? इन्हें कूड़े के ढेर में किसने फेंका? यह सवाल पूरे मामले को रहस्यमय बना रहे हैं। जब यह घटनाक्रम हुआ सचिव राकेश शुक्ला ऑफिस में ही थे। जानकारी देने के बावजूद उन्होंने मौके पर जाकर तहकीकात करना मुनासिब नहीं समझा। केडीए कर्मचारियों ने बताया कागजात काम के हो या नहीं, कूड़े में नहीं फेंके जाते हैं। एक अफसर की मौजूदगी में एक-एक कागज फाड़कर फेंका जाता है जबकि यहां न कागज फाड़कर फेके गए थे न ही कोई अफसर मौजूद था। उपाध्यक्ष राममोहन यादव ने मामले की जांच कराने की बात कही है।