कानपुर। ट्रेनों की लेटलतीफी से परेशान यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। कुछ समय बाद सेंट्रल स्टेशन से अलीगढ़ के बीच हर ट्रेन की लोकेशन यात्री ले सकेंगे। सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल (सीपीसी) से यह मुमकिन होगा। इस प्रोजेक्ट के लिए जर्मन डेवलपमेंट बैंक ने 490 करोड़ रुपए की राशि मंजूर कर दी है। प्रोजेक्ट के मु्खिया जर्मन इंजीनियर माइकल वेंजल के नेतृत्व में रेलवे इंजीनियरों ने कानपुर से अलीगढ़ के बीच निरीक्षण भी किया।
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ संदीप माथुर ने ट्रैक निरीक्षण और सिगलिंग आधुनिकीकरण के काम की पुष्टि करते हुए बताया कि सीपीसी का कंट्रोल टूंडला में बनेगा। वहां लगाई जाने वाली टीवी स्क्रीन पर हर ट्रेन की लोकेशन होगी और ये भी पता रहेगा कि ट्रेन किस खंभे या क्रासिंग से निकल रही है। इस कंट्रोल से जुड़े स्टेशनों पर लगाए जाने वाले विजुअल डिस्प्ले यूनिट (वीडीयू) पर क्लिक करते ही पता चल जाएगा कि ट्रेन कहां पर है और कितनी देर बाद सेंट्रल पहुंचेगी। इससे लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी क्योंकि अभी एनाउंसमेंट से संभावित समय प्रसारित होता है जो सटीक नहीं होता। ये पहला मौका होगा जब सेंट्रल स्टेशन से सफर करने वालों को अपनी ट्रेन के बारे में सही जानकारी मिलेगी। रेलवे अफसरों का दावा है कि ये काम हरहाल में साल भीतर पूरा हो जाएगा। सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनों के एनाउंसमेंट की भाषा भी बदलेगी। अभी ट्रेनों के आने की संभावना का प्रसारण होता है पर सीपीसी के बाद ये प्रसारण होगा कि ट्रेन इतनी देर बाद पहुंचेगी।
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प्रोजेक्ट
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- कानपुर से अलीगढ़ के बीच सभी आटोमैटिक सिगनल सिस्टम (लगभग काम पूरा)
- छोटे और पुराने स्टेशनों की मैनुअल इंटरलाकिंग को सालिड स्टेट इंटलाकिंग में तब्दील करना-(काम पूरा)
- सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम का सर्वे पूरा, काम शुरू (12 महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य)
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यूं मिलेगी घर बैठे जानकारी
सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल के बाद हर ट्रेन की लोकेशन वहां पर लगे टीवी स्क्रीन पर आएगी। कंट्रोल से अलीगढ़ से कानपुर के बीच सेंट्रल स्टेशन, इटावा, फंफूद स्टेशनों पर लगने वाले विजुअल डिस्प्ले यूनिट (वीसीडी) में जानकारी फीड होगी। इसकी कनेक्विटी इन्क्वायरी सिस्टम से रहेगी। यात्री रेल इन्क्वायरी में फोन करके भी ट्रेन की जानकारी ले सकेगा।
अभी क्या दिक्कतें
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- ट्रेनों की सही लोकेशन न मिलने पर सही सूचनाएं नहीं मिल पाती
- सही जानकारी न होने पर यात्रियों का समय बर्बाद होता
- गेटमैन, चालक, गार्ड से सीधे कनेक्विटी न होने से संचालन में दिक्कत
- सही लोकेशन न होने पर ऐन मौके पर बदलते हैं प्लेटफार्म
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फायदे
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- सही लोकेशन मिलने पर यात्री में असमंजस नहीं रहेगा
-तीन घंटे से अधिक ट्रेनें लेट होंगी तो यात्री समय गंवाए बिना लेगा फुल रिफंड
- गार्ड, चालक और गेटमैनों की कनेक्विटी से संचालन में होगा सुधार
कानपुर। ट्रेनों की लेटलतीफी से परेशान यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। कुछ समय बाद सेंट्रल स्टेशन से अलीगढ़ के बीच हर ट्रेन की लोकेशन यात्री ले सकेंगे। सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल (सीपीसी) से यह मुमकिन होगा। इस प्रोजेक्ट के लिए जर्मन डेवलपमेंट बैंक ने 490 करोड़ रुपए की राशि मंजूर कर दी है। प्रोजेक्ट के मु्खिया जर्मन इंजीनियर माइकल वेंजल के नेतृत्व में रेलवे इंजीनियरों ने कानपुर से अलीगढ़ के बीच निरीक्षण भी किया।
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ संदीप माथुर ने ट्रैक निरीक्षण और सिगलिंग आधुनिकीकरण के काम की पुष्टि करते हुए बताया कि सीपीसी का कंट्रोल टूंडला में बनेगा। वहां लगाई जाने वाली टीवी स्क्रीन पर हर ट्रेन की लोकेशन होगी और ये भी पता रहेगा कि ट्रेन किस खंभे या क्रासिंग से निकल रही है। इस कंट्रोल से जुड़े स्टेशनों पर लगाए जाने वाले विजुअल डिस्प्ले यूनिट (वीडीयू) पर क्लिक करते ही पता चल जाएगा कि ट्रेन कहां पर है और कितनी देर बाद सेंट्रल पहुंचेगी। इससे लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी क्योंकि अभी एनाउंसमेंट से संभावित समय प्रसारित होता है जो सटीक नहीं होता। ये पहला मौका होगा जब सेंट्रल स्टेशन से सफर करने वालों को अपनी ट्रेन के बारे में सही जानकारी मिलेगी। रेलवे अफसरों का दावा है कि ये काम हरहाल में साल भीतर पूरा हो जाएगा। सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनों के एनाउंसमेंट की भाषा भी बदलेगी। अभी ट्रेनों के आने की संभावना का प्रसारण होता है पर सीपीसी के बाद ये प्रसारण होगा कि ट्रेन इतनी देर बाद पहुंचेगी।
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प्रोजेक्ट
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- कानपुर से अलीगढ़ के बीच सभी आटोमैटिक सिगनल सिस्टम (लगभग काम पूरा)
- छोटे और पुराने स्टेशनों की मैनुअल इंटरलाकिंग को सालिड स्टेट इंटलाकिंग में तब्दील करना-(काम पूरा)
- सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम का सर्वे पूरा, काम शुरू (12 महीने के भीतर पूरा करने का लक्ष्य)
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यूं मिलेगी घर बैठे जानकारी
सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल के बाद हर ट्रेन की लोकेशन वहां पर लगे टीवी स्क्रीन पर आएगी। कंट्रोल से अलीगढ़ से कानपुर के बीच सेंट्रल स्टेशन, इटावा, फंफूद स्टेशनों पर लगने वाले विजुअल डिस्प्ले यूनिट (वीसीडी) में जानकारी फीड होगी। इसकी कनेक्विटी इन्क्वायरी सिस्टम से रहेगी। यात्री रेल इन्क्वायरी में फोन करके भी ट्रेन की जानकारी ले सकेगा।
अभी क्या दिक्कतें
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- ट्रेनों की सही लोकेशन न मिलने पर सही सूचनाएं नहीं मिल पाती
- सही जानकारी न होने पर यात्रियों का समय बर्बाद होता
- गेटमैन, चालक, गार्ड से सीधे कनेक्विटी न होने से संचालन में दिक्कत
- सही लोकेशन न होने पर ऐन मौके पर बदलते हैं प्लेटफार्म
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फायदे
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- सही लोकेशन मिलने पर यात्री में असमंजस नहीं रहेगा
-तीन घंटे से अधिक ट्रेनें लेट होंगी तो यात्री समय गंवाए बिना लेगा फुल रिफंड
- गार्ड, चालक और गेटमैनों की कनेक्विटी से संचालन में होगा सुधार