कानपुर। नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिका परिषद के चुनाव में बसपा के बागी भी ताल ठोकेंगे। नगर निगम के लिए चयनित, मनोनीत हुए बसपा के ज्यादातर पार्षद चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव लड़ने वालों के नाम सामने आएंगे। हालांकि पार्षदों का कहना है कि शहर की स्थानीय राजनीति कर रहे हैं। इससे दूर रहना ठीक नहीं है। यदि बसपा ने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया है तो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। कुछ पार्षद दूसरे दल से टिकट पाने की जोड़तोड़ में लगे हुए हैं। नगर पंचायत, नगर पालिका परिषदों में भी टिकट की जोड़तोड़ चल रही है।
कानपुर नगर निगम में 110 वार्ड हैं। इसके 10 वार्ड से बसपा के पार्षद जीतकर आए हैं, जबकि 11 पार्षदों को मनोनीत किया गया है। ये सभी आगामी चुनाव की तैयारी कर रहे थे, इसकी बीच बसपा ने चुनाव से दूर रहने का ऐलान कर दिया। इससे पार्षदों में निराशा फैल गई, लेकिन चुनाव के नजदीक आते ही ज्यादातर पार्षदों ने चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। उनका कहना है कि निर्दलीय ही चुनाव लड़ा जाएगा। यदि बसपा ने विरोध किया तो बागी बनकर दूसरे पार्टी से चुनाव भी लड़ा जा सकता है। खुद को बाबू सिंह कुश्वाहा का भतीजा बताने वाले केएल कुश्वाहा गांधी ग्राम से पार्षद का चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। इसकी तैयारी में भी जुटे हैं। राममूरत यादव ने वार्ड नंबर 27 से चुनाव लड़ने का मन बनाया है। पार्षद आशादेवी पाल के पति तेज बहादुर पाल फजलगंज के वार्ड नंबर 38 से चुनाव लड़ना चाह रहे हैं। नामित पार्षद राजू उपाध्याय ने चकेरी क्षेत्र चुनाव लड़ने का मन बनाया है। एक बड़े पार्षद ने आर्य नगर क्षेत्र से चुनावी ताल ठोंकने का मन बनाया है। उनका कहना है कि अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव लड़ने का औपचारिक ऐलान किया जाएगा। इसी तरह कई अन्य पार्षद भी चुनावी महासमर में कूदने को तैयार हैं।
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बसपा प्रमुख मायावती ने नगर निकाय चुनाव न लड़ने का ऐलान किया। इसका अनुपालन किया जाएगा। कौन पार्षद चुनाव लड़ेगा, इसकी जानकारी अधिसूचना जारी होने के बाद ही मिल पाएगी। यदि कोई निर्दलीय चुनाव लड़ता है तो उसकी अनुमति कोआर्डिनेटर, जिलाध्यक्ष से लेनी पड़ेगी। उनकी सहमति के बाद ही चुनाव लड़ा जा सकेगा। ऐसा न करने वालों को पार्टी से बाहर होना पड़ेगा।
मुंशी ओमप्रकाश सोनकर, नेता पार्षद दल बसपा