कानपुर। बैंकों में चल रही भर्तियों में अब ज्यादा लोगों को मौका मिल सकेगा। विभिन्न बैंकों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित करवाने वाले इंडियन बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (आईबीपीएस) और बैंकों की एक अहम बैठक के बाद तमाम महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने की तैयारी है। इसमें इंटरव्यू शुल्क के अलावा न्यूनतम अर्हता, परीक्षा पास करने वालों और वैकेंसियों की संख्या के अंतर आदि प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। इस संबंध में बैंकों को प्रस्ताव तैयार करके भेजा गया है। जल्द ही इन्हें पास किए जाने की संभावना है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पिछले सप्ताह विभिन्न बैंकों के मानव संसाधन प्रमुख, इंडियन बैंक एसोसिएशन और आईबीपीएस के निदेशक एम बालाचंद्रन के बीच बैठक हुई। इसमें प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले कॉमन रिटेन इक्जामिनेशन (सीडब्ल्यूई) में स्नातक को न्यूनतम शैक्षिक अर्हता न रखने की बात तय हुई है। इस संबंध में आईबीपीएस की ओर से बैंकों को अगले सीडब्ल्यूई में अपने स्तर से यह जानकारी स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों का इंटरव्यू शुल्क दो सौ रुपए होने पर आपत्ति को देखते हुए इसे घटाकर सौ रुपए करने की बात तय हुई है। वहीं आरक्षित श्रेणी के लिए यह शुल्क बीस रुपए की जा सकती है। इसके अलावा बैंकों में रिक्तियों और पास होने वाले छात्रों के बीच काफी अंतर के मुद्दे पर यह भी तय हुआ है कि लिखित परीक्षा की स्क्रीनिंग सख्त की जाए, जिससे रिक्तियों के मुकाबले तीन से चार गुने लोग ही पास हों। अभी पास होने वालों के मुकाबले रिक्तियां दस फीसदी ही होती हैं। इसके अलावा रिक्तियों के समानांतर एक वेटिंग लिस्ट भी बनाई जाए, जिससे यदि कोई कैंडिडेट किसी बैंक में चयनित हो जाने के बाद भी नौकरी ज्वाइन नहीं करता है तो वेटिंग लिस्ट से कैंडिडेट को उठाकर नौकरी दी जाएगी। साथ ही ज्वाइनिंग का वक्त तीन सप्ताह करना भी इस प्रस्ताव में अहम बिंदु है।
कानपुर। बैंकों में चल रही भर्तियों में अब ज्यादा लोगों को मौका मिल सकेगा। विभिन्न बैंकों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित करवाने वाले इंडियन बैंकिंग पर्सनल सलेक्शन (आईबीपीएस) और बैंकों की एक अहम बैठक के बाद तमाम महत्वपूर्ण बदलाव किए जाने की तैयारी है। इसमें इंटरव्यू शुल्क के अलावा न्यूनतम अर्हता, परीक्षा पास करने वालों और वैकेंसियों की संख्या के अंतर आदि प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। इस संबंध में बैंकों को प्रस्ताव तैयार करके भेजा गया है। जल्द ही इन्हें पास किए जाने की संभावना है।
बैंक ऑफ बड़ौदा के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पिछले सप्ताह विभिन्न बैंकों के मानव संसाधन प्रमुख, इंडियन बैंक एसोसिएशन और आईबीपीएस के निदेशक एम बालाचंद्रन के बीच बैठक हुई। इसमें प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले कॉमन रिटेन इक्जामिनेशन (सीडब्ल्यूई) में स्नातक को न्यूनतम शैक्षिक अर्हता न रखने की बात तय हुई है। इस संबंध में आईबीपीएस की ओर से बैंकों को अगले सीडब्ल्यूई में अपने स्तर से यह जानकारी स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों का इंटरव्यू शुल्क दो सौ रुपए होने पर आपत्ति को देखते हुए इसे घटाकर सौ रुपए करने की बात तय हुई है। वहीं आरक्षित श्रेणी के लिए यह शुल्क बीस रुपए की जा सकती है। इसके अलावा बैंकों में रिक्तियों और पास होने वाले छात्रों के बीच काफी अंतर के मुद्दे पर यह भी तय हुआ है कि लिखित परीक्षा की स्क्रीनिंग सख्त की जाए, जिससे रिक्तियों के मुकाबले तीन से चार गुने लोग ही पास हों। अभी पास होने वालों के मुकाबले रिक्तियां दस फीसदी ही होती हैं। इसके अलावा रिक्तियों के समानांतर एक वेटिंग लिस्ट भी बनाई जाए, जिससे यदि कोई कैंडिडेट किसी बैंक में चयनित हो जाने के बाद भी नौकरी ज्वाइन नहीं करता है तो वेटिंग लिस्ट से कैंडिडेट को उठाकर नौकरी दी जाएगी। साथ ही ज्वाइनिंग का वक्त तीन सप्ताह करना भी इस प्रस्ताव में अहम बिंदु है।