कानपुर। विभागों में आपसी सहमति नहीं होने का खामियाजा आम जनता तो भुगत ही रही है। साथ ही पैसे की बर्बादी हो रही है सो अलग। बुधवार को शास्त्रीनगर में इसकी बानगी दिखाई दी। यहां सड़क निर्माण शुरू होते ही जल निगम के ठेकेदार जेसीबी लेकर आ धमके और खुदाई शुरू कर दी। इसकी भनक लगते ही नाराज लोगों ने काम रुकवा दिया। बवाल बढ़ने की सूचना पर गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अफसर मौके पर पहुंचे। उनके आश्वासन पर मामला तो शांत हो गया, पर इलाकाई लोगों को कुछ दिन और जर्जर सड़क से गुजरना पड़ेगा।
काली मठिया चौराहे से सिंधी कालोनी होते हुए छैया होटल तक सड़क डेढ़ साल से ऊबड़खाबड़ पड़ी थी। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के कोटे से 26 लाख रुपये से 900 मीटर लंबी इस सड़क पर इंटरलाकिंग टाइल्स बिछाने का कार्य हफ्ते भर पहले शुरू हुआ था। पहले हिस्से में काली मठिया से छैया होटल 600 मीटर और दूसरे हिस्से में गल्ला मंडी से महात्मा गांधी स्कूल तक 300 मीटर का हिस्सा है। अनूप राठौर, बृजेश गुप्ता, परमेश्वरी देवी, मनोज मिश्रा, पंकज गुप्ता, राजेश सोनकर आदि ने बताया कि काली मठिया चौराहे के पास सिंधी कालोनी रोड पर सड़क का निर्माण काफी दूर तक हो चुका है। जल्द सड़क पूरी होने की उम्मीद थी। पर बुधवार शाम को जेसीबी लेेकर पहुंचे ठेकेदार ने सड़क खुदवानी शुरू कर दी। इसी बीच राजेश मिश्रा के घर की सीवर लाइन टूट गई। लोगों ने की भीड़ इकट्ठा हो गई। पता चला कि गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई इस रोड़ पर गहरी सीवर लाइन तक ब्रांच सीवर लाइन बिछाई जानी है। लोगों के आपत्ति जताने पर पार्षद राम मूरत यादव मौके पर पहुंचे। पार्षद ने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के प्रोजेक्ट इंजीनियर सीएलपी गुप्ता को बुलवाया। पार्षद ने कहा कि जब पुरानी सीवर लाइन चालू नहीं हुई है तो नई डालने का जरूरत क्या है। अगर काम करना ही था तो सड़क बनने से पहले करा देते। अफसरों के पास कोई सटीक जवाब नहीं था। नाराज लोगों ने खुदाई रुकवा दी। पार्षद ने वहां से 100 मीटर पीछे से ब्रांच सीवर लाइन डलवाने की मांग की। प्रोजेक्ट इंजीनियर सीएलपी गुप्ता ने बताया कि सिंधी कालोनी का सीवर चेंबर ओवरफ्लो हो गया है। वहां के लोगों के आवेदन पर ब्रांच सीवर लाइन डालनी है। रोड बनते देख इस कार्य को फौरन शुरू करा दिया गया। यदि लोग आवेदन करेंगे तो 100 मीटर पीछे से लाइन बिछवाई जा सकती है।
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गुरुवार सुबह मैं मौके पर जाऊंगा। अगर बगैर सूचना खुदाई शुरू कराई गई है तो यह गलत है। जांच के बाद आवश्यक कार्यवाही होगी।
मुकेश कुमार, महाप्रबंधक, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई
कानपुर। विभागों में आपसी सहमति नहीं होने का खामियाजा आम जनता तो भुगत ही रही है। साथ ही पैसे की बर्बादी हो रही है सो अलग। बुधवार को शास्त्रीनगर में इसकी बानगी दिखाई दी। यहां सड़क निर्माण शुरू होते ही जल निगम के ठेकेदार जेसीबी लेकर आ धमके और खुदाई शुरू कर दी। इसकी भनक लगते ही नाराज लोगों ने काम रुकवा दिया। बवाल बढ़ने की सूचना पर गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अफसर मौके पर पहुंचे। उनके आश्वासन पर मामला तो शांत हो गया, पर इलाकाई लोगों को कुछ दिन और जर्जर सड़क से गुजरना पड़ेगा।
काली मठिया चौराहे से सिंधी कालोनी होते हुए छैया होटल तक सड़क डेढ़ साल से ऊबड़खाबड़ पड़ी थी। कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के कोटे से 26 लाख रुपये से 900 मीटर लंबी इस सड़क पर इंटरलाकिंग टाइल्स बिछाने का कार्य हफ्ते भर पहले शुरू हुआ था। पहले हिस्से में काली मठिया से छैया होटल 600 मीटर और दूसरे हिस्से में गल्ला मंडी से महात्मा गांधी स्कूल तक 300 मीटर का हिस्सा है। अनूप राठौर, बृजेश गुप्ता, परमेश्वरी देवी, मनोज मिश्रा, पंकज गुप्ता, राजेश सोनकर आदि ने बताया कि काली मठिया चौराहे के पास सिंधी कालोनी रोड पर सड़क का निर्माण काफी दूर तक हो चुका है। जल्द सड़क पूरी होने की उम्मीद थी। पर बुधवार शाम को जेसीबी लेेकर पहुंचे ठेकेदार ने सड़क खुदवानी शुरू कर दी। इसी बीच राजेश मिश्रा के घर की सीवर लाइन टूट गई। लोगों ने की भीड़ इकट्ठा हो गई। पता चला कि गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई इस रोड़ पर गहरी सीवर लाइन तक ब्रांच सीवर लाइन बिछाई जानी है। लोगों के आपत्ति जताने पर पार्षद राम मूरत यादव मौके पर पहुंचे। पार्षद ने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के प्रोजेक्ट इंजीनियर सीएलपी गुप्ता को बुलवाया। पार्षद ने कहा कि जब पुरानी सीवर लाइन चालू नहीं हुई है तो नई डालने का जरूरत क्या है। अगर काम करना ही था तो सड़क बनने से पहले करा देते। अफसरों के पास कोई सटीक जवाब नहीं था। नाराज लोगों ने खुदाई रुकवा दी। पार्षद ने वहां से 100 मीटर पीछे से ब्रांच सीवर लाइन डलवाने की मांग की। प्रोजेक्ट इंजीनियर सीएलपी गुप्ता ने बताया कि सिंधी कालोनी का सीवर चेंबर ओवरफ्लो हो गया है। वहां के लोगों के आवेदन पर ब्रांच सीवर लाइन डालनी है। रोड बनते देख इस कार्य को फौरन शुरू करा दिया गया। यदि लोग आवेदन करेंगे तो 100 मीटर पीछे से लाइन बिछवाई जा सकती है।
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गुरुवार सुबह मैं मौके पर जाऊंगा। अगर बगैर सूचना खुदाई शुरू कराई गई है तो यह गलत है। जांच के बाद आवश्यक कार्यवाही होगी।
मुकेश कुमार, महाप्रबंधक, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई