{"_id":"77235","slug":"Kanpur-77235-38","type":"story","status":"publish","title_hn":"इतिहास बनने जा रहा है यूपी स्टॉक एक्सचेंज","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
संजय त्रिपाठी
कानपुर। क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंजों को लेकर सेबी ने हाल ही में संपन्न अपनी बोर्ड बैठक में महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। इसमें सीधे तौर पर शर्त रखी गई है कि वे स्टॉक एक्सचेंज ही आस्तित्व में रहेंगे, जिनकी नेटवर्थ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की होगी। इस शर्त से यूपीएसई को झटका लगा है। जिस प्रकार के हालात यहां हैं, उसमें कोई बड़ी बात नहीं कि इस स्टॉक एक्सचेंज का वजूद समाप्त हो जाएगा।
वर्ष 1982 में उत्तर प्रदेश स्टॉक एक्सचेंज (यूपीएसई) की शुरुआत कानपुर की औद्योगिक तरक्की में एक नए अध्याय के रूप में हुई थी। प्रदेश की कई नामी कंपनियों ने यहां लिस्टिंग कराई। कारोबार भी हुआ। मगर बीएसई और एनएसई पर ट्रेडिंग का बढ़ता चलन यूपीएसई केे कारोबार को ठंडा करता चला गया। आज यहां ट्रेडिंग पूरी तरह बंद है। स्टॉक एक्सचेंज के एक अधिकारी के मुताबिक यहां 640 कंपनियां पंजीकृत हैं। मगर ट्रेडिंग बंद है। कई बड़ी कंपनियों ने एनएसई-बीएसई में लिस्टिंग कराकर वहां से कारोबार शुरू कर दिया है। पूर्व में एनएसई-बीएसई में लिस्टिंग कराने के लिए क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग अनिवार्य थी। मगर सेबी ने इसे समाप्त कर दिया, जिससे इन एक्सचेंजों में लोगों की दिलचस्पी खत्म हो गई। फिलहाल इस एक्सचेंज की नेटवर्थ लगभग पच्चीस करोड़ हैं। सेबी ने सौ करोड़ की नेटवर्थ की शर्त को पूरा करने के लिए तीन वर्ष का समय दिया है। मगर न केवल यूपीएसई बल्कि देश भर के 17 रीजनल स्टॉक एक्सचेंजों का आस्तित्व इससे खतरे में पड़ गया है। किसी के पास भी इतनी नेटवर्थ नहीं है। लोगों की दिलचस्पी न होने के चलते यह शर्त पूरी करना भी संभव नहीं है। एक्सचेंज के जीएम बीके नधानी ने कहा कि अधिसूचना जारी होने के बाद एक्सचेंज के निदेशकों व अन्य अधिकारियों के बीच नेटवर्थ को लेकर चर्चा की जाएगी। उसके बाद कुछ कहना संभव होगा। शर्त के साथ तीन वर्ष का समय भी लगाया गया है। इससे कुछ संभावना बन सकती है।
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बोर्ड की बैठक के बाद सेबी ने सौ करोड़ नेटवर्थ की शर्त रखी है। इस संबंध में सेबी की अधिसूचना जारी होने का इंतजार किया जा रहा है। यदि यह शर्त अधिसूचित हो जाती है तो यूपीएसई इसे पूरा कर पाने में अक्षम साबित होगा।
केडी गुप्ता - चेयरमैन (यूपीएसई)
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