कानपुर। पनकी पावर हाउस में कोयले की रैक में मिली महिला जिंदा फूंकी गई थी। पोस्टमार्टम में फेफड़ों में कार्बन मिलने से इसकी पुष्टि हुई। इसके अलावा मौत की कोई और वजह नहीं मिली। पनकी पुलिस का मानना है कि वारदात वहीं हुई है, जहां कोयला मालगाड़ी में लोड किया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव को लावारिस शव का अंतिम संस्कार करने वाली संस्था को सौंप दिया गया।
पावर हाउस के सीएचडी परिसार में मालगाड़ी से कोयला उतारते समय कोयले के ढेर में महिला का शव मिला था। यह कोयला झारखंड झरिया में लादा गया था। शव कम से कम तीन-चार दिन पुराना होने की वजह से सड़ रहा था। इससे मंगलवार को पोस्टमार्टम हुआ। पाया गया कि महिला को किसी ने जिंदा फूंक दिया। उसके हाथ-पैर के मांस जल जाने से हड्डियां तक टूट गई थीं। गला दबाने या काटने, चेहरे-सिर पर गंभीर चोट या जहां तक मांस था वहां कोई भी घाव नहीं मिला। शरीर पर काला ब्लाउज और गहरी नीली छींटदार साड़ी(सफेद बार्डर) के अलावा कोई दूसरा कपड़ा नहीं था। इससे फौरी तौर पर महिला को झारखंडी, बिलासपुरी या आदिवासी माना जा रहा है। बताया गया कि यहां की महिलाएं साड़ी-ब्लाउज के अलावा कोई अंत:वस्त्र नहीं पहनती हैं। इस महिला के साथ भी यही था। पोस्टमार्टम में यह भी पाया गया कि जो दांत टूटे दिख रहे थे, दरअसल वे टूटे नहीं बल्कि जल जाने से गिर गए। माना जा रहा है कि महिला मजदूर वर्ग की है। यह खुद नहीं जली होगी, वरना छिपाने की जरूरत नहीं पड़ती। महिला को रेप के बाद जिंदा फूंक दिया गया होगा। शरीर के प्राइवेट पार्ट्स तक जल जाने और डी-कंपोज हो जाने से पोस्टमार्टम में रेप की पुष्टि हो पाना संभव नहीं रहा। उधर पनकी थानाध्यक्ष ने बताया कि महिला यहां की होती तो शिनाख्त की कुछ गुंजाइश थी। फिर भी पुलिस टीम छानबीन कर रही है।