कानपुर। रसोई गैस एजेंसियों की मनमानी के खिलाफ अब पब्लिक ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को लोगों ने चार रसोई गैस सिलेंडरों में घटतौली पकड़ी और बांट-माप इंसपेक्टर को मौके पर बुलाकर सिलेंडर सीज कराए।
रामादेवी स्थित अजय गैस एजेंसी के दो वेंडर सुशील और शिवराज फेथफुलगंज में गैस सिलेंडर की होम डिलीवरी के लिए आए थे। लोगों का आरोप है कि कई बार यह लोग घटतौली वाले सिलेंडरों की आपूर्ति कर गए थे। भाजयुमो छावनी क्षेत्र के अध्यक्ष बिट्टू पांडेय ने साथियों के साथ मसजिद के पास इन्हें रोका तो यह लोग ट्राली छोड़कर भाग गए। बाद में सभी ने मिलकर सिलेंडरों की तौल कराई तो चार सिलेंडरों में डेढ़ से दो किलो गैस कम निकली। बाकी कई सिलेंडर चेन से बंधे थे। उनकी तौल नहीं कराई गई। बाद में बांट-माप विभाग को फोन किया गया तो इंसपेक्टर चेतन कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने चारों सिलेंडर सीज करा दिए। इंसपेक्टर का कहना है कि उनकी जांच में भी चारों सिलेंडरों में कम गैस निकली है। मंगलवार को एजेंसी संचालक को नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी। सिलेंडर पकड़कर तौल कराने वालों में सुमित गौड़, वैभव गुप्ता, अनुराग शर्मा, राजदीप वाल्मीकि, रानू सिंह और चंदन जोशी मौजूद थे।
कुछ लोग बिना पर्ची के सिलेंडर का दवाब बनाते हैं। इन्ही लोगों ने घटतौली का आरोप लगाकर सिलेंडर सीज कराए हैं।
-सतीश जायसवाल, एजेंसी संचालक
विधिक माप-तौल अधिनियम कानून 2009 एक अप्रैल 2011 से लागू हुआ है। उसमें पहली बार घटतौली पकड़ने पर दो से दस हजार रुपए जुर्माना और दूसरी बार पकड़ने पर जुर्माने का साथ एक साल कैद तक की सजा है।
-आईओसी अफसर
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इनसेट-
यहां करें शिकायत
- उपभोक्ता बांट-माप विभाग से संबंधित शिकायत हेल्प लाइन नंबर 18001805512 पर कर सकते हैं। इसके अलावा कार्यालय वरिष्ठ निरीक्षक विधिक माप विज्ञान मरे कंपनी गल्ला गोदाम, कार्यालय वरिष्ठ निरीक्षक विधिक माप विज्ञान रामबाग, सरोजनी नगर फजलगंज थाने के निकट, किदवई नगर साउथ माल के बगल में और घाटमपुर बस स्टैंड के बगल में कर सकते हैं।
इंडियन आयल कारपोरेशन-9415019138
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन-9451546866
भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन-9415051039
डीएसओ दफ्तर हेल्प लाइन-9889011156
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पब्लिक को झूठी पट्टी मत पढ़ाएं
आशुतोष मिश्र
कानपुर। शहर में रसोई गैस एजेंसी संचालक मनमानी कर रहे हैं और डीएसओ दफ्तर के अफसर कार्रवाई करने में हाथ बंधे होने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं। शिकायत लेकर पहुंचने वाले लोगों को एक ही पट्टी पढ़ाई जाती है कि कार्रवाई का अधिकार सिर्फ पेट्रोलियम कंपनियों को है। अफसर अपने बचाव में एक्ट का हवाला देने लगते हैं। ‘अमर उजाला’ ने जब गैस सिलेंडर रूल्स 2004 देखा तो खुलासा हुआ कि कार्रवाई के लिए लिखा-पढ़ी तो जिला प्रशासन को ही करनी होगी। इस लिखा-पढ़ी पर ही पेट्रोलियम कंपनी के चीफ कंट्रोलर एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं।
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ऐसे करें कार्रवाई
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सेक्शन 57-अनियमितता पर पेट्रोलियम कंपनी रसोई गैस एजेंसी का लाइसेंस तीन माह के लिए निलंबित या बर्खास्त कर सकती है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन कंपनी के चीफ कंट्रोलर को लिखेगा।
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सेक्शन 63-पब्लिक को परेशान करने पर चीफ कंट्रोलर एजेंसी सीज कर सकता है। इसके लिए प्रशासन पहले एजेंसी को नोटिस देगा। फिर भी सुधार न होने पर चीफ कंट्रोलर को सीज करने के लिए लिखेगा।
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सेक्शन 71-इसके तहत जिलाधिकारी, उसके अधीनस्थ अफसर (एडीएम आपूर्ति/डीएसओ) को एजेंसी के निरीक्षण का अधिकार है। शिकायत मिलने पर वह जांच-पड़ताल कर सकते हैं।
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नोट-यह सेक्शन गैस सिलेंडर रूल्स 2004 के तहत हैं।
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कालाबाजारी पर तो खुले हाथ पर चुप्पी
आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 के तहत सरकार वितरण प्रणाली और जन सामान्य के उपयोग की वस्तुओं पर नियंत्रण करती है। कालाबाजारी और घटतौली रोकने के लिए बने इस कानून में छह माह से दस साल तक की सजा है। शहर में धड़ल्ले से रसोई गैस की कालाबाजारी हो रही है पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई। अफसर कोर्ट-कचहरी के चक्कर से बचने के लिए इसमें दिलचस्पी नहीं लेते।
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कानपुर। रसोई गैस एजेंसियों की मनमानी के खिलाफ अब पब्लिक ने मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को लोगों ने चार रसोई गैस सिलेंडरों में घटतौली पकड़ी और बांट-माप इंसपेक्टर को मौके पर बुलाकर सिलेंडर सीज कराए।
रामादेवी स्थित अजय गैस एजेंसी के दो वेंडर सुशील और शिवराज फेथफुलगंज में गैस सिलेंडर की होम डिलीवरी के लिए आए थे। लोगों का आरोप है कि कई बार यह लोग घटतौली वाले सिलेंडरों की आपूर्ति कर गए थे। भाजयुमो छावनी क्षेत्र के अध्यक्ष बिट्टू पांडेय ने साथियों के साथ मसजिद के पास इन्हें रोका तो यह लोग ट्राली छोड़कर भाग गए। बाद में सभी ने मिलकर सिलेंडरों की तौल कराई तो चार सिलेंडरों में डेढ़ से दो किलो गैस कम निकली। बाकी कई सिलेंडर चेन से बंधे थे। उनकी तौल नहीं कराई गई। बाद में बांट-माप विभाग को फोन किया गया तो इंसपेक्टर चेतन कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने चारों सिलेंडर सीज करा दिए। इंसपेक्टर का कहना है कि उनकी जांच में भी चारों सिलेंडरों में कम गैस निकली है। मंगलवार को एजेंसी संचालक को नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी। सिलेंडर पकड़कर तौल कराने वालों में सुमित गौड़, वैभव गुप्ता, अनुराग शर्मा, राजदीप वाल्मीकि, रानू सिंह और चंदन जोशी मौजूद थे।
कुछ लोग बिना पर्ची के सिलेंडर का दवाब बनाते हैं। इन्ही लोगों ने घटतौली का आरोप लगाकर सिलेंडर सीज कराए हैं।
-सतीश जायसवाल, एजेंसी संचालक
विधिक माप-तौल अधिनियम कानून 2009 एक अप्रैल 2011 से लागू हुआ है। उसमें पहली बार घटतौली पकड़ने पर दो से दस हजार रुपए जुर्माना और दूसरी बार पकड़ने पर जुर्माने का साथ एक साल कैद तक की सजा है।
-आईओसी अफसर
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इनसेट-
यहां करें शिकायत
- उपभोक्ता बांट-माप विभाग से संबंधित शिकायत हेल्प लाइन नंबर 18001805512 पर कर सकते हैं। इसके अलावा कार्यालय वरिष्ठ निरीक्षक विधिक माप विज्ञान मरे कंपनी गल्ला गोदाम, कार्यालय वरिष्ठ निरीक्षक विधिक माप विज्ञान रामबाग, सरोजनी नगर फजलगंज थाने के निकट, किदवई नगर साउथ माल के बगल में और घाटमपुर बस स्टैंड के बगल में कर सकते हैं।
इंडियन आयल कारपोरेशन-9415019138
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन-9451546866
भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन-9415051039
डीएसओ दफ्तर हेल्प लाइन-9889011156
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पब्लिक को झूठी पट्टी मत पढ़ाएं
आशुतोष मिश्र
कानपुर। शहर में रसोई गैस एजेंसी संचालक मनमानी कर रहे हैं और डीएसओ दफ्तर के अफसर कार्रवाई करने में हाथ बंधे होने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं। शिकायत लेकर पहुंचने वाले लोगों को एक ही पट्टी पढ़ाई जाती है कि कार्रवाई का अधिकार सिर्फ पेट्रोलियम कंपनियों को है। अफसर अपने बचाव में एक्ट का हवाला देने लगते हैं। ‘अमर उजाला’ ने जब गैस सिलेंडर रूल्स 2004 देखा तो खुलासा हुआ कि कार्रवाई के लिए लिखा-पढ़ी तो जिला प्रशासन को ही करनी होगी। इस लिखा-पढ़ी पर ही पेट्रोलियम कंपनी के चीफ कंट्रोलर एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं।
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ऐसे करें कार्रवाई
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सेक्शन 57-अनियमितता पर पेट्रोलियम कंपनी रसोई गैस एजेंसी का लाइसेंस तीन माह के लिए निलंबित या बर्खास्त कर सकती है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन कंपनी के चीफ कंट्रोलर को लिखेगा।
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सेक्शन 63-पब्लिक को परेशान करने पर चीफ कंट्रोलर एजेंसी सीज कर सकता है। इसके लिए प्रशासन पहले एजेंसी को नोटिस देगा। फिर भी सुधार न होने पर चीफ कंट्रोलर को सीज करने के लिए लिखेगा।
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सेक्शन 71-इसके तहत जिलाधिकारी, उसके अधीनस्थ अफसर (एडीएम आपूर्ति/डीएसओ) को एजेंसी के निरीक्षण का अधिकार है। शिकायत मिलने पर वह जांच-पड़ताल कर सकते हैं।
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नोट-यह सेक्शन गैस सिलेंडर रूल्स 2004 के तहत हैं।
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कालाबाजारी पर तो खुले हाथ पर चुप्पी
आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 के तहत सरकार वितरण प्रणाली और जन सामान्य के उपयोग की वस्तुओं पर नियंत्रण करती है। कालाबाजारी और घटतौली रोकने के लिए बने इस कानून में छह माह से दस साल तक की सजा है। शहर में धड़ल्ले से रसोई गैस की कालाबाजारी हो रही है पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई। अफसर कोर्ट-कचहरी के चक्कर से बचने के लिए इसमें दिलचस्पी नहीं लेते।
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