{"_id":"75192","slug":"Kanpur-75192-38","type":"story","status":"publish","title_hn":"कोचिंग हब से निकल रहे हैं मुन्नाभाई!","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
कानपुर। प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंध लगाने वाले कानपुर के मुन्नाभाइयों का जाल अब प्रदेश से बाहर भी फैल गया है। बीते रविवार को देशभर में हुई एआईईईई (आल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम) में मध्यप्रदेश के जबलपुर में दूसरे की जगह परीक्षा देते पकड़े गए तीन मुन्नाभाई भी काकादेव कानपुर की एक कोचिंग से मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्र निकले। इन छात्रों का कहना है कोचिंग के ही एक युवक ने उन्हें 30,000 रुपये का लालच देकर जबलपुर भेजा था। जबलपुर पुलिस की एक टीम बुधवार को पैसा देने वाले युवक की तलाश में कानपुर आई लेकिन उसका पता नहीं चला। पुलिस टीम मुन्नाभाइयों के पते-ठिकाने की जानकारी करके लौट गई है। गौर रहे कि एआईईईई में ही कानपुर के चार
जबलपुर के गर्गी थाना के दारोगा वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस की एक टीम बुधवार को काकादेव पहुंची और संबंधित कोचिंग के संचालक और कर्मचारियों से पूछताछ की। टीम में शामिल मथुरा प्रसाद पौराणिक ने बताया एआईईईई में सॉल्वर बनकर आजमगढ़ निवासी मुलायम सिंह यादव, प्रतापगढ़ निवासी मो. सादिक रजा और आकाश उर्फ पिंटू बैठे थे। तीनों ने पुलिस को बताया वे काकादेव स्थित न्यू लाइट कोचिंग से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। कोचिंग में साथ पढ़ने वाला जौनपुर का संजय चंदेल नाम का युवक उन्हें मिला और सॉल्वर बनने का लालच दिया। संजय ने परीक्षा से पहले उन्हें 5000 रुपये दिए थे जबकि बाकी के 25,000 रिजल्ट घोषित होने के बाद मिलने थे। पुलिस टीम संजय की तलाश में मुलायम को लेकर कानपुर की संबंधित कोचिंग पहुंची। यहां संजय नाम के दो लोग थे। पुलिस ने मुलायम को दोनों का फोटो दिखाया लेकिन उसने दोनों को पहचानने से इनकार कर दिया। दारोगा वीरेंद्र सिंह ने बताया कि संजय नाम के जो लोग कोचिंग में हैं, आरोपियों ने उन्हें नहीं पहचाना। यानी कोचिंग के छात्र के नाम पर किसी बाहरी व्यक्ति ने छात्रों को सॉल्वर बनाकर भेजा था। कोचिंग के लोगों से पूछताछ के अलावा पुलिस तीनों छात्रों के पते लेकर जबलपुर लौट गई।
मुन्नाभाइयों के कारनामे
-23 मार्च को हुई बीएड की प्रवेश परीक्षा में एसएन सेन डिग्री कालेज में मिर्जापुर निवासी सुनील को दूसरे की जगह परीक्षा देते दबोचा गया था। उन्नाव में एक, झांसी में दो व जौनपुर में भी एक मुन्नाभाई पकड़ा गया था।
-पॉलीटेक्निक संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2010 में अकेले कानपुर में ही 127 मुन्ना भाई धरे गये थे। 90 का प्रवेश निरस्त।
-राज्य स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (एसईईई) 2008-09 में कानपुर में 54 फर्जी छात्रों का खेल सामने आया था।
-कंबाइंड एग्रीकल्चरल इंट्रेंस एग्जाम 2009 में नकल माफिया का खेल सामने आया था।
-संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा 2010 में फजीवाड़े का खुलासा हुआ था।
-2010-11 में हुई एलआईसी की परीक्षा में कोचिंग मंडी बड़ा मकड़जाल सामने आया था। मामले में एसटीएफ ने कोचिंग मंडी से तीन लोगों को उठाया था।
-छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय द्वारा संचालित की गई सीपीएमटी प्रवेश परीक्षा 2010 में परीक्षा के बाद विश्वविद्यालय परिसर में ही परीक्षा की डुप्लीकेट ओएमआर सीट के साथ एक महिला सहित चार लोगों का रैकेट पकड़ा गया था।
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