कानपुर। सरकारी, गैर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए होने वाली काउंसलिंग की रफ्तार धीमी पड़ गई है। गुरुवार को प्रदेश के 128 काउंसलिंग सेंटर पर 30 हजार अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, जिसमें से बमुश्किल 10 हजार ही उपस्थिति दर्ज करा सके हैं। इन सभी ने शैक्षिक दस्तावेज, आय, जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया है। पांच सौ रुपये फीस जमा करके कॉलेज, सीटों का विकल्प लॉक करने का दावा किया है। इसको लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज संचालक निराश हैं। उनका कहना है कि काउंसलिंग की टफ प्रक्रिया से अभ्यर्थियों का मोहभंग हो गया है। वह सीधे एडमिशन लेने का विकल्प तलाश रहे हैं।
गुरुवार को शहर के नौ काउंसलिंग सेंटर पर शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया। पीएसआईटी के 256 और एमपीईसी के 180 अभ्यर्थियों ने फीस जमा करके दस्तावेज सत्यापित कराए हैं। एक्सिस, रामा, केजीईसी, प्रभात, अपोलो, नारायणा में भी इसी के आसपास अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग कराई है। हालांकि कॉलेज, उसकी सीटों के विकल्प लॉक कराने का मौका किसी को नहीं मिला है। इसको लेकर नाराजगी है। काउंसलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि जीबीटीयू की काउंसलिंग प्रक्रिया टफ है। दस्तावेज सत्यापन कराने वाले हर अभ्यर्थी को लॉगिन आईडी, गोपनीय पासवर्ड मिला है लेकिन विकल्प लॉक करने की सुविधा नदारद है। गुरुवार को 40-70 हजार रैंक तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। इसके बावजूद उपस्थिति काफी कम रही है। शुक्रवार को 70-1 लाख रैंक तक अभ्यर्थी बुलाए गए हैं। वहीं, सूत्रों का कहना है कि चार दिनों की काउंसलिंग के दौरान लगभग 30 हजार अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापित कराए हैं। यदि शुक्रवार को 20 हजार अभ्यर्थी की उपस्थिति हुई तो यह संख्या 50 हजार पहुंच जाएगी। इसके बावजूद प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों की 1.20 लाख सीटें नहीं भरी जा सकेंगी। सभी को एडमिशन का सीधा विकल्प खोलना पड़ेगा।
इनसेट
काउंसलिंग प्रक्रिया का शेड्यूल अभ्यर्थियों को परेशान करने वाला है। पहले वह शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन कराकर फीस जमा कर रहे हैं, फिर सीटों का विकल्प लॉक कराएंगे। सीट कंफर्म कराने के लिए 10 हजार रुपये फीस जमा करेंगे। इसके बाद 23 जुलाई को सीटों का अलाटमेंट होगा। इतना लंबा इंतजार कराना ठीक नहीं है। जिन अभ्यर्थियों की रैंक 40-70 हजार है, उनसे भी सरकारी कॉलेजों का विकल्प लॉक कराना कतई उचित नहीं है। पहले की काउंसलिंग प्रक्रिया अच्छी थी।
प्रो. एके सक्सेना, डायरेक्टर पीएसआईटी
इस बार की काउंसलिंग प्रक्रिया समझ से परे है। शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन कराने वाले अभ्यर्थी कॉलेज, सीटों का विकल्प लॉक करने का इंतजार कर रहे हैं। यह ठीक नहीं है। यह प्रक्रिया अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी। पहला मौका है, जब सरकारी, गैर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों का सीटें एक साथ अलाट की जा रही हैं। इसका भी अच्छा रिस्पांस मिले, ऐसी उम्मीद कम है।
प्रो. एसके अवस्थी, डायरेक्टर एमपीईसी
कानपुर। सरकारी, गैर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए होने वाली काउंसलिंग की रफ्तार धीमी पड़ गई है। गुरुवार को प्रदेश के 128 काउंसलिंग सेंटर पर 30 हजार अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, जिसमें से बमुश्किल 10 हजार ही उपस्थिति दर्ज करा सके हैं। इन सभी ने शैक्षिक दस्तावेज, आय, जाति प्रमाण पत्रों का सत्यापन कराया है। पांच सौ रुपये फीस जमा करके कॉलेज, सीटों का विकल्प लॉक करने का दावा किया है। इसको लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज संचालक निराश हैं। उनका कहना है कि काउंसलिंग की टफ प्रक्रिया से अभ्यर्थियों का मोहभंग हो गया है। वह सीधे एडमिशन लेने का विकल्प तलाश रहे हैं।
गुरुवार को शहर के नौ काउंसलिंग सेंटर पर शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया। पीएसआईटी के 256 और एमपीईसी के 180 अभ्यर्थियों ने फीस जमा करके दस्तावेज सत्यापित कराए हैं। एक्सिस, रामा, केजीईसी, प्रभात, अपोलो, नारायणा में भी इसी के आसपास अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग कराई है। हालांकि कॉलेज, उसकी सीटों के विकल्प लॉक कराने का मौका किसी को नहीं मिला है। इसको लेकर नाराजगी है। काउंसलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि जीबीटीयू की काउंसलिंग प्रक्रिया टफ है। दस्तावेज सत्यापन कराने वाले हर अभ्यर्थी को लॉगिन आईडी, गोपनीय पासवर्ड मिला है लेकिन विकल्प लॉक करने की सुविधा नदारद है। गुरुवार को 40-70 हजार रैंक तक के अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। इसके बावजूद उपस्थिति काफी कम रही है। शुक्रवार को 70-1 लाख रैंक तक अभ्यर्थी बुलाए गए हैं। वहीं, सूत्रों का कहना है कि चार दिनों की काउंसलिंग के दौरान लगभग 30 हजार अभ्यर्थियों ने दस्तावेज सत्यापित कराए हैं। यदि शुक्रवार को 20 हजार अभ्यर्थी की उपस्थिति हुई तो यह संख्या 50 हजार पहुंच जाएगी। इसके बावजूद प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों की 1.20 लाख सीटें नहीं भरी जा सकेंगी। सभी को एडमिशन का सीधा विकल्प खोलना पड़ेगा।
इनसेट
काउंसलिंग प्रक्रिया का शेड्यूल अभ्यर्थियों को परेशान करने वाला है। पहले वह शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन कराकर फीस जमा कर रहे हैं, फिर सीटों का विकल्प लॉक कराएंगे। सीट कंफर्म कराने के लिए 10 हजार रुपये फीस जमा करेंगे। इसके बाद 23 जुलाई को सीटों का अलाटमेंट होगा। इतना लंबा इंतजार कराना ठीक नहीं है। जिन अभ्यर्थियों की रैंक 40-70 हजार है, उनसे भी सरकारी कॉलेजों का विकल्प लॉक कराना कतई उचित नहीं है। पहले की काउंसलिंग प्रक्रिया अच्छी थी।
प्रो. एके सक्सेना, डायरेक्टर पीएसआईटी
इस बार की काउंसलिंग प्रक्रिया समझ से परे है। शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन कराने वाले अभ्यर्थी कॉलेज, सीटों का विकल्प लॉक करने का इंतजार कर रहे हैं। यह ठीक नहीं है। यह प्रक्रिया अब तक शुरू हो जानी चाहिए थी। पहला मौका है, जब सरकारी, गैर सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों का सीटें एक साथ अलाट की जा रही हैं। इसका भी अच्छा रिस्पांस मिले, ऐसी उम्मीद कम है।
प्रो. एसके अवस्थी, डायरेक्टर एमपीईसी