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कानपुर। महिला बंदी के फांसी लगाने के मामले में दो महिला सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है। डीआईजी जेल ने कारागार पहुंचकर कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं।
109/188 जवाहर नगर निवासी रमाकांत शर्मा की पत्नी राज कुमारी (50) दहेज हत्या में जेल में बंद थी। रविवार को उसने फांसी लगाकर जान दे दी थी। जेल में उसके बेटे अनिकेत, विक्रम और बहू वंदना भी बंद हैं। महिला बैरक में हेड कांस्टेबिल ऊषा भारती और सिपाही रचना कटियार की ड्यूटी थी। जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी। सोमवार को केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ के वरिष्ठ अधीक्षक यादवेंद्र शुक्ल का फैक्स जिला जेल में आया। उन्होंने ड्यूटी में लापरवाही, उदासीनता और शिथिलता बरतने पर तत्काल प्रभाव से हेड कांस्टेबिल ऊषा भारती और सिपाही रचना कटियार को निलंबित कर दिया। शाम को छह बजे डीआईजी शरद कुलश्रेष्ठ जेल पहुंचे। उन्होंने घटना की पूरी जानकारी ली। जेल में बंद राजकुमारी के बेटे अनिकेत, विक्रम और बहू वंदना के बयान लिए। इसके बाद दोनों महिला सिपाही ऊषा और रचना के बयान लिए। बाद में डिप्टी जेलर अखिलेश कुमार के बयान दर्ज किए गए। डीआईजी जेल की महिला बैरक में भी गए। घटनास्थल देखने के बाद अकेले में महिलाओं से पूछताछ की। वह 8:45 बजे जेल से बाहर निकले। अभी कुछ और लोगों के बयान दर्ज होने हैं।
कानपुर। महिला बंदी के फांसी लगाने के मामले में दो महिला सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है। डीआईजी जेल ने कारागार पहुंचकर कई लोगों के बयान दर्ज किए हैं।
109/188 जवाहर नगर निवासी रमाकांत शर्मा की पत्नी राज कुमारी (50) दहेज हत्या में जेल में बंद थी। रविवार को उसने फांसी लगाकर जान दे दी थी। जेल में उसके बेटे अनिकेत, विक्रम और बहू वंदना भी बंद हैं। महिला बैरक में हेड कांस्टेबिल ऊषा भारती और सिपाही रचना कटियार की ड्यूटी थी। जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की थी। सोमवार को केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ के वरिष्ठ अधीक्षक यादवेंद्र शुक्ल का फैक्स जिला जेल में आया। उन्होंने ड्यूटी में लापरवाही, उदासीनता और शिथिलता बरतने पर तत्काल प्रभाव से हेड कांस्टेबिल ऊषा भारती और सिपाही रचना कटियार को निलंबित कर दिया। शाम को छह बजे डीआईजी शरद कुलश्रेष्ठ जेल पहुंचे। उन्होंने घटना की पूरी जानकारी ली। जेल में बंद राजकुमारी के बेटे अनिकेत, विक्रम और बहू वंदना के बयान लिए। इसके बाद दोनों महिला सिपाही ऊषा और रचना के बयान लिए। बाद में डिप्टी जेलर अखिलेश कुमार के बयान दर्ज किए गए। डीआईजी जेल की महिला बैरक में भी गए। घटनास्थल देखने के बाद अकेले में महिलाओं से पूछताछ की। वह 8:45 बजे जेल से बाहर निकले। अभी कुछ और लोगों के बयान दर्ज होने हैं।