कानपुर। कानपुर चिड़ियाघर में काले हिरणों के मारे जाने की घटना के बाद शासन ने प्रदेश के अन्य चिड़ियाघरों की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की कवायद शुरू कर दी है। इस क्रम में सोमवार को लखनऊ में प्रमुख सचिव (वन) और प्रमुख वन्य जीव संरक्षक ने प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों के निदेशकों की बैठक ली। बैठक में सभी निदेशकों से 10 दिन के भीतर जू में सीसीटीवी कैमरे लगाने और वाकी-टॉकी का प्रपोजल भेजने को कहा गया। वहीं, चौकीदारों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में साफ कहा गया कि कानपुर जू में हुई घटना की पुनरावृत्ति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रमुख सचिव (वन) वीएन गर्ग और प्रमुख वन्य जीव संरक्षक रूपक डे ने कहा कि जिन चिड़ियाघरों में दीवारों की ऊंचाई कम हो, वहां जल्द से जल्द इसे ऊंचा करने का काम शुरू किया जाए। साथ ही दीवारों के आसपास कोई पेड़ हो तो उसे भी काटा जाए, ताकि कोई फांदकर भीतर न आ सके। बाउंड्री वॉल के ऊपर कांच लगाकर सुरक्षा और पुख्ता की जाए। इसके अलावा चौकीदारों की संख्या बढ़ाई जाए। एक चौकीदार कोे एक या दो किलोमीटर की जिम्मेदारी न सौंपी जाएं। हर सेक्टर में कम से दो से तीन लोग जानवरों की सुरक्षा के लिए लगे हों।
वीएन गर्ग ने कानपुर जू का उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसी घटना किसी भी चिड़ियाघर में न दोहराई जाए। जिन बाड़ों में टूट-फूट हा, उनकी बिना देरी मरम्मत की जाए। अगर किसी जानवर के जू में प्रवेश करने की सूचना मिली तो निदेशक और कीपर पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक वॉकी-टॉकी न मिल जाएं, तब तक कीपरों से मोबाइल फोन से संपर्क में रहें।