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कानपुर। दस्यु सुंदरी रेनू यादव के बाद अब डकैत राम आसरे तिवारी उर्फ फक्कड़ बाबा और कुसुमा नाइन ने फिल्म ‘बीहड़’ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दोनों ने आरोप लगाया है कि एतराज जताने पर भी फिल्म निर्माता कृष्णा मिश्रा ने उनकी जिंदगी पर कई सीन फिल्माए हैं। निर्माता के खिलाफ दोनों कानून का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में जुट गए हैं।
बीहड़ में कभी आतंक का पर्याय रहे फक्कड़ बाबा और कुसुमा नाइन ने आठ जून 2004 को रावतपुरा सरकार पुलिस चौकी थाना लहार ग्वालियर में तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक के सामने अपने नौ साथियों के साथ सरेंडर किया था। एक जुलाई 2004 को फिल्म निर्माता और निर्देशक कृष्णा मिश्रा दोनों से जेल में मिले थे। तत्कालीन जेल अधीक्षक गोपाल दास, जेलर विष्णुकांत शर्मा के सामने दोनों की फोटो लेते हुए फिल्म बनाने की बात कही। पर दोनों ने इनकार कर दिया था। 2005 में कृष्णा दोनों से औरैया कचहरी में मिलने आए। 30 मार्च 2011 को समाचार पत्रों के जरिए कुसुमा, फक्कड़ को पता चला कि मुंबई के कलाकारों ने बीहड़ फिल्म के कई सीन फिल्माए हैं। इस पर दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा कि कृष्णा उनके बारे में गलत तथ्यों के आधार पर फिल्म बना रहे हैं। इस पर रोक लगाई जाए। इस अर्जी को याचिका के रूप में स्वीकार किया जाए। फिल्म बनकर तैयार है और 19 फरवरी को रिलीज करने की तैयारी है। दस्यु सुंदरी रेनू यादव पहले ही कृष्णा मिश्रा को नोटिस भेज चुकी हैं और पांच करोड़ का दावा ठोका है। फक्कड़, कुसुमा के अधिवक्ता गिरीश नारायण दुबे के मुताबिक कुसुमा 22 जनवरी को कानपुर पेशी पर आई थी। उसने फिल्म निर्माता को नोटिस भेजने को कहा है। इसकी तैयारी हो गई है। नोटिस का जवाब आने के बाद कोर्ट में अर्जी दाखिल की जाएगी।
कानपुर। दस्यु सुंदरी रेनू यादव के बाद अब डकैत राम आसरे तिवारी उर्फ फक्कड़ बाबा और कुसुमा नाइन ने फिल्म ‘बीहड़’ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दोनों ने आरोप लगाया है कि एतराज जताने पर भी फिल्म निर्माता कृष्णा मिश्रा ने उनकी जिंदगी पर कई सीन फिल्माए हैं। निर्माता के खिलाफ दोनों कानून का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में जुट गए हैं।
बीहड़ में कभी आतंक का पर्याय रहे फक्कड़ बाबा और कुसुमा नाइन ने आठ जून 2004 को रावतपुरा सरकार पुलिस चौकी थाना लहार ग्वालियर में तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक के सामने अपने नौ साथियों के साथ सरेंडर किया था। एक जुलाई 2004 को फिल्म निर्माता और निर्देशक कृष्णा मिश्रा दोनों से जेल में मिले थे। तत्कालीन जेल अधीक्षक गोपाल दास, जेलर विष्णुकांत शर्मा के सामने दोनों की फोटो लेते हुए फिल्म बनाने की बात कही। पर दोनों ने इनकार कर दिया था। 2005 में कृष्णा दोनों से औरैया कचहरी में मिलने आए। 30 मार्च 2011 को समाचार पत्रों के जरिए कुसुमा, फक्कड़ को पता चला कि मुंबई के कलाकारों ने बीहड़ फिल्म के कई सीन फिल्माए हैं। इस पर दोनों ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा कि कृष्णा उनके बारे में गलत तथ्यों के आधार पर फिल्म बना रहे हैं। इस पर रोक लगाई जाए। इस अर्जी को याचिका के रूप में स्वीकार किया जाए। फिल्म बनकर तैयार है और 19 फरवरी को रिलीज करने की तैयारी है। दस्यु सुंदरी रेनू यादव पहले ही कृष्णा मिश्रा को नोटिस भेज चुकी हैं और पांच करोड़ का दावा ठोका है। फक्कड़, कुसुमा के अधिवक्ता गिरीश नारायण दुबे के मुताबिक कुसुमा 22 जनवरी को कानपुर पेशी पर आई थी। उसने फिल्म निर्माता को नोटिस भेजने को कहा है। इसकी तैयारी हो गई है। नोटिस का जवाब आने के बाद कोर्ट में अर्जी दाखिल की जाएगी।