पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
कानपुर। चिड़ियाघर में हिरण सफारी के रास्ते में गुपचुप दफनाए गए चीतल की मौत पीठ कर किसी भारी चीज के प्रहार से हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। वहीं गुरुवार को खुदाई के दौरान मिले बाकी चार जानवरों के कंकालों को जांच के लिए भेजा जाएगा। उधर जंतु उद्यान मंत्री डा. शिव प्रसाद यादव ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। सोमवार को सीएम कुछ कार्रवाई कर सकते है। सूत्रों की माने तो पूर्व निदेशक और कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।
24 जनवरी को निदेशक आफिस के सामने हिरण सफारी की ओर जाने वाले रास्ते में गुपचुप तरीके से दफनाए गए चीतल का शव मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार चीतल की मौत करीब 10 से 15 दिन पहले हुई थी। चीतल के पेट के भीतर काफी लंबा और गहरा खून का थक्का मिला है। इसके अलावा लीवर, किडनी, फेफड़े सभी क्षतिग्रस्त मिले हैं। पोस्टमार्टम सूत्रों के अनुसार ऐसा तब होता है जब किसी भारी चीज से प्रहार हो या जानवर किसी ठोस चीज से टकरा जाए। चूंकि चीतल की पीठ पर प्रहार किए जाने के सुबूत मिले हैं इसलिए उसके किसी ठोस चीज से टकराने की बात खत्म हो जाती है। अब साफ है कि किसी ठोस चीज के प्रहार से ही चीतल की मौत हुई और उसे गुपचुप दफना दिया गया। चीतल के शरीर पर कोई घाव नहीं मिला है। चिड़ियाघर के डा. यूसी श्रीवास्तव ने कहा कि चीतल का बिसरा सुरक्षित कर जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा जाएगा। उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। मौत का कारण भीतर खून का थक्का जमना ही बताया है। उधर 24 जनवरी को ही मिले दूसरे हिरण का पोस्टमार्टम पहले ही हो चुका था। इसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
कानपुर। चिड़ियाघर में हिरण सफारी के रास्ते में गुपचुप दफनाए गए चीतल की मौत पीठ कर किसी भारी चीज के प्रहार से हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है। वहीं गुरुवार को खुदाई के दौरान मिले बाकी चार जानवरों के कंकालों को जांच के लिए भेजा जाएगा। उधर जंतु उद्यान मंत्री डा. शिव प्रसाद यादव ने अपनी निरीक्षण रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। सोमवार को सीएम कुछ कार्रवाई कर सकते है। सूत्रों की माने तो पूर्व निदेशक और कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है।
24 जनवरी को निदेशक आफिस के सामने हिरण सफारी की ओर जाने वाले रास्ते में गुपचुप तरीके से दफनाए गए चीतल का शव मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार चीतल की मौत करीब 10 से 15 दिन पहले हुई थी। चीतल के पेट के भीतर काफी लंबा और गहरा खून का थक्का मिला है। इसके अलावा लीवर, किडनी, फेफड़े सभी क्षतिग्रस्त मिले हैं। पोस्टमार्टम सूत्रों के अनुसार ऐसा तब होता है जब किसी भारी चीज से प्रहार हो या जानवर किसी ठोस चीज से टकरा जाए। चूंकि चीतल की पीठ पर प्रहार किए जाने के सुबूत मिले हैं इसलिए उसके किसी ठोस चीज से टकराने की बात खत्म हो जाती है। अब साफ है कि किसी ठोस चीज के प्रहार से ही चीतल की मौत हुई और उसे गुपचुप दफना दिया गया। चीतल के शरीर पर कोई घाव नहीं मिला है। चिड़ियाघर के डा. यूसी श्रीवास्तव ने कहा कि चीतल का बिसरा सुरक्षित कर जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा जाएगा। उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। मौत का कारण भीतर खून का थक्का जमना ही बताया है। उधर 24 जनवरी को ही मिले दूसरे हिरण का पोस्टमार्टम पहले ही हो चुका था। इसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।