पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
कानपुर। मांगे पूरी न होने से नाराज डिग्री कालेजों के तीन हजार से अधिक टीचर सोमवार को हड़ताल पर रहेंगे। साथ ही प्रैक्टिकल एग्जाम का भी बहिष्कार करेंगे। टीचर्स का कहना है कि मांगे पूरी न होने पर वे बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। टीचर 11 बजे यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन कुलपति प्रो. अशोक कुमार को सौंपेंगे।
14 सूत्रीय मांगों को लेकर डिग्री टीचर्स ने सोमवार को आरपार की लड़ाई छेड़ने का ऐलान कर दिया है। 14 जिलों के 89 कालेजों के करीब 3385 शिक्षक अवकाश पर रहेंगे। निश्चित मानदेय न देने, 2006 से एरियर का भुगतान न होने, रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर शिक्षक आक्रोश में हैं। कूटा के अध्यक्ष डा. आरके सिंह ने कहा कि मांगे जब तक नहीं पूरी होंगी, तब तक एग्जाम नहीं कराया जाएगा। 28 से ही प्रैक्टिकल क भी बहिष्कार किया जाएगा। साथ ही एनुअल एग्जाम के बहिष्कार और 27 फरवरी 2013 को लखनऊ में डेरा डालकर विधानभवन के घेराव का फैसला भी हुआ है। उन्होंने कहा कि छठे वेतनमान का एरियर डिग्री टीचर्स को अब तक नहीं मिला है। इस बार राज्य सरकार को ताकत का अहसास कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) ने भी आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है।
ये हैं प्रमुख मांगें
- 2006 से बकाया एरियर का भुगतान किया जाए
-निश्चित मानदेय का नियमितीकरण किया जाएं
- यूजीसी रेग्युलेशन एक्ट 2010 लागू करें, कैरियर एडवांसमेंट स्कीम जारी हो
- जनवरी 2006 से नवंबर 2008 तक के छठे वेतनमान का एरियर दिया जाए
- तीन साल तक पढ़ाने वाले रीडर को पे बैंड-फोर में रखा जाए
- रिटायरमेंट की उम्र 65 साल हो, मानदेय और तदर्थ टीचर को विनियमित किया जाए
- अप्रैल 2005 के बाद से नियुक्त टीचर्स का सीपीएफ काटा जाए
- एकल स्थानांतरण की सुविधा मिले, परीक्षा पारिश्रमिक की दरें बढ़ाई जाएं
- पीएचडी के तीन और एमफिल के दो इंक्रीमेंट मिलें, डिग्री टीचर्स के खाली पद भरे जाएं
कानपुर। मांगे पूरी न होने से नाराज डिग्री कालेजों के तीन हजार से अधिक टीचर सोमवार को हड़ताल पर रहेंगे। साथ ही प्रैक्टिकल एग्जाम का भी बहिष्कार करेंगे। टीचर्स का कहना है कि मांगे पूरी न होने पर वे बेमियादी हड़ताल पर चले जाएंगे। टीचर 11 बजे यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन कुलपति प्रो. अशोक कुमार को सौंपेंगे।
14 सूत्रीय मांगों को लेकर डिग्री टीचर्स ने सोमवार को आरपार की लड़ाई छेड़ने का ऐलान कर दिया है। 14 जिलों के 89 कालेजों के करीब 3385 शिक्षक अवकाश पर रहेंगे। निश्चित मानदेय न देने, 2006 से एरियर का भुगतान न होने, रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने सहित अन्य मांगों को लेकर शिक्षक आक्रोश में हैं। कूटा के अध्यक्ष डा. आरके सिंह ने कहा कि मांगे जब तक नहीं पूरी होंगी, तब तक एग्जाम नहीं कराया जाएगा। 28 से ही प्रैक्टिकल क भी बहिष्कार किया जाएगा। साथ ही एनुअल एग्जाम के बहिष्कार और 27 फरवरी 2013 को लखनऊ में डेरा डालकर विधानभवन के घेराव का फैसला भी हुआ है। उन्होंने कहा कि छठे वेतनमान का एरियर डिग्री टीचर्स को अब तक नहीं मिला है। इस बार राज्य सरकार को ताकत का अहसास कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) ने भी आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है।
ये हैं प्रमुख मांगें
- 2006 से बकाया एरियर का भुगतान किया जाए
-निश्चित मानदेय का नियमितीकरण किया जाएं
- यूजीसी रेग्युलेशन एक्ट 2010 लागू करें, कैरियर एडवांसमेंट स्कीम जारी हो
- जनवरी 2006 से नवंबर 2008 तक के छठे वेतनमान का एरियर दिया जाए
- तीन साल तक पढ़ाने वाले रीडर को पे बैंड-फोर में रखा जाए
- रिटायरमेंट की उम्र 65 साल हो, मानदेय और तदर्थ टीचर को विनियमित किया जाए
- अप्रैल 2005 के बाद से नियुक्त टीचर्स का सीपीएफ काटा जाए
- एकल स्थानांतरण की सुविधा मिले, परीक्षा पारिश्रमिक की दरें बढ़ाई जाएं
- पीएचडी के तीन और एमफिल के दो इंक्रीमेंट मिलें, डिग्री टीचर्स के खाली पद भरे जाएं