पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
कानपुर। चिड़ियाघर में हिरणों की मौत के मामले में चौकीदार शेर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। इस पर शेर सिंह के परिजनों और मुहल्ले वालों ने चिड़ियाघर में हंगामा किया। जंतु उद्यान मंत्री का घेराव किया और कहा कि सच उजागर करने वाले शेर सिंह को साजिशन गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में निदेशक और अन्य अफसर भी जिम्मेदार हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की गई। देर शाम एसओ नवाबगंज एके सिंह ने शेर सिंह को जमानत पर छोड़ दिया।
31 काले हिरणों की मौत के बाद निलंबित किए गए चिड़ियाघर के चौकीदार शेर सिंह ने ही खुलासा किया था कि जू में गुपचुप तरीके से भी जानवरों के शव दफनाए गए हैं। यह भी बताया था कि 31 हिरणों की मौत वाली घटना से पहले सुबह भी कुत्तों ने कई हिरणों को शिकार बनाया था। शेर सिंह के इस खुलासे के बाद चिड़ियाघर में छानबीन की गई तो दो मादा गर्भवती चीतलों के शव बरामद किए गए। उसके बाद भी शेर सिंह द्वारा बताई गई जगहों पर खुदाई में चार जानवरों के कंकाल और दो चीतलों के शव बरामद किए गए थे। इसके बाद जू रेंजर वीके मिश्रा ने शेर सिंह और अज्ञात लोगों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत 9/51 धारा, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 और आईपीसी की धारा 429 के तहत (पालतू जीवों से क्रूरता) एफआईआर दर्ज कराई। गुरुवार रात करीब 2 बजे नवाबगंज थाने की पुलिस ने शेर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इसके विरोध में शुक्रवार सुबह 11 बजे शेर सिंह के परिजन और मोहल्ले वाले चिड़ियाघर पहुंच गए और वहां निरीक्षण करने आए जंतु उद्यान मंत्री से मिलने की मांग करने लगे। उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया। वे लोग गेट पर ही हंगामा करते रहे। चिड़ियाघर का निरीक्षण करने के बाद दोपहर करीब ढाई बजे मंत्री का काफिला लौटने लगा तो परिजन और मोहल्ले वालों ने मंत्री की कार घेरकर रोक ली। शेर सिंह की मां राम जानकी ने कहा कि मीडिया को बताने और चिड़ियाघर प्रशासन की पोल खोलने पर ही शेर सिंह को गिरफ्तार किया गया है। अकेले मेरे बेटे की जिम्मेदारी नहीं थी, फिर सिर्फ उसे क्यों गिरफ्तार किया गया। परिजनों ने कहा कि शेर सिंह तो देकर दूसरे को चार्ज गया था, फिर क्यों उसे दोषी मान लिया गया।
कानपुर। चिड़ियाघर में हिरणों की मौत के मामले में चौकीदार शेर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। इस पर शेर सिंह के परिजनों और मुहल्ले वालों ने चिड़ियाघर में हंगामा किया। जंतु उद्यान मंत्री का घेराव किया और कहा कि सच उजागर करने वाले शेर सिंह को साजिशन गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में निदेशक और अन्य अफसर भी जिम्मेदार हैं, लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की गई। देर शाम एसओ नवाबगंज एके सिंह ने शेर सिंह को जमानत पर छोड़ दिया।
31 काले हिरणों की मौत के बाद निलंबित किए गए चिड़ियाघर के चौकीदार शेर सिंह ने ही खुलासा किया था कि जू में गुपचुप तरीके से भी जानवरों के शव दफनाए गए हैं। यह भी बताया था कि 31 हिरणों की मौत वाली घटना से पहले सुबह भी कुत्तों ने कई हिरणों को शिकार बनाया था। शेर सिंह के इस खुलासे के बाद चिड़ियाघर में छानबीन की गई तो दो मादा गर्भवती चीतलों के शव बरामद किए गए। उसके बाद भी शेर सिंह द्वारा बताई गई जगहों पर खुदाई में चार जानवरों के कंकाल और दो चीतलों के शव बरामद किए गए थे। इसके बाद जू रेंजर वीके मिश्रा ने शेर सिंह और अज्ञात लोगों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत 9/51 धारा, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 और आईपीसी की धारा 429 के तहत (पालतू जीवों से क्रूरता) एफआईआर दर्ज कराई। गुरुवार रात करीब 2 बजे नवाबगंज थाने की पुलिस ने शेर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इसके विरोध में शुक्रवार सुबह 11 बजे शेर सिंह के परिजन और मोहल्ले वाले चिड़ियाघर पहुंच गए और वहां निरीक्षण करने आए जंतु उद्यान मंत्री से मिलने की मांग करने लगे। उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया। वे लोग गेट पर ही हंगामा करते रहे। चिड़ियाघर का निरीक्षण करने के बाद दोपहर करीब ढाई बजे मंत्री का काफिला लौटने लगा तो परिजन और मोहल्ले वालों ने मंत्री की कार घेरकर रोक ली। शेर सिंह की मां राम जानकी ने कहा कि मीडिया को बताने और चिड़ियाघर प्रशासन की पोल खोलने पर ही शेर सिंह को गिरफ्तार किया गया है। अकेले मेरे बेटे की जिम्मेदारी नहीं थी, फिर सिर्फ उसे क्यों गिरफ्तार किया गया। परिजनों ने कहा कि शेर सिंह तो देकर दूसरे को चार्ज गया था, फिर क्यों उसे दोषी मान लिया गया।