भीषण गर्मी के चलते डायरिया का प्रकोप बढ़ गया है। इससे जिला अस्पताल में पीड़ितों की तादाद बढ़ने लगी है। सभी वार्ड मरीजों से फुल हो गए हैं। एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती कर चिकित्सक इलाज कर रहे हैं।
भीषण गर्मी में लोग तेजी से डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने से बेड कम पड़ गए हैं। एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। शनिवार सुबह जिला अस्पताल की ओपीडी में डायरिया से पीड़ित 170 मरीज पहुंचे। इनमें से 22 लोगों को भर्ती कराया गया। दो दिनों से लगातार बढ़ रहे मरीजों से वार्ड फुल हो गए हैं। प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डा. यूसी चतुर्वेदी ने बताया कि मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इससे एक बेड पर दो मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
लू की चपेट में आने से बीमार हो रहे मासूम
जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि लू की चपेट में आने से नवजात और मासूम बच्चे डायरिया से पीड़ित हो रहे हैं। परिजनों को चाहिए कि वह 14 वर्ष तक के बच्चों को दोपहर में घर से बाहर न निकलने दें। बच्चों को बासी खाना बिल्कुल न दें।
भीषण गर्मी के चलते डायरिया का प्रकोप बढ़ गया है। इससे जिला अस्पताल में पीड़ितों की तादाद बढ़ने लगी है। सभी वार्ड मरीजों से फुल हो गए हैं। एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती कर चिकित्सक इलाज कर रहे हैं।
भीषण गर्मी में लोग तेजी से डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने से बेड कम पड़ गए हैं। एक बेड पर दो-दो मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। शनिवार सुबह जिला अस्पताल की ओपीडी में डायरिया से पीड़ित 170 मरीज पहुंचे। इनमें से 22 लोगों को भर्ती कराया गया। दो दिनों से लगातार बढ़ रहे मरीजों से वार्ड फुल हो गए हैं। प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डा. यूसी चतुर्वेदी ने बताया कि मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इससे एक बेड पर दो मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
लू की चपेट में आने से बीमार हो रहे मासूम
जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि लू की चपेट में आने से नवजात और मासूम बच्चे डायरिया से पीड़ित हो रहे हैं। परिजनों को चाहिए कि वह 14 वर्ष तक के बच्चों को दोपहर में घर से बाहर न निकलने दें। बच्चों को बासी खाना बिल्कुल न दें।