छिबरामऊ (कन्नौज)। मंडी समिति में विपणन शाखा के केंद्र पर चार दिन से गेहूं खरीद ठप चल रही है। इससे गुस्साए किसानों ने प्रदर्शन कर उनका गेहूं खरीदे जाने की मांग की। उधर सैकड़ों बोरा गेहूं खुले में पड़ा है। अचानक बरसात होने पर भीग कर खराब होने की आशंका से भी किसान परेशान हैं।
दरसल किसानों से अवैध वसूली व भुगतान में गड़बड़ी की शिकायत पर 30 मई को कोतवाली में विपणन शाखा के प्रभारी व एसएमआई समीर शुक्ला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई थी। इसी के साथ वहां पर गेहूं की खरीद ठप हो गई। ग्राम सबलपुर निवासी किसान सुरेशचंद्र पाल ने बताया कि 25 मई को 40 कुंतल गेहूं बेचने लाया था। इसके लिए टोकन नं.77 भी मिल गया था लेकिन इसे अब तक नहीं खरीदा गया। दिन रात रखवाली के बावजूद आधा पैकेट गेहूं चोरी हो गया। मालूम होता कि गेहूं नहीं खरीदा जाएगा तो लाता ही नहीं। इसी गांव के राहुल सिंह ने बताया कि वह भी 25 मई को 40 कुंतल गेहूं लाए थे और उन्हें टोकन नं.78 मिल गया था लेकिन गेहूं अब तक नहीं खरीदा गया। ग्राम गिरधरपुर के राजू ने बताया कि 24 मई को 10 कुंतल गेहूं बेंचने लाया था। मुझे टोकन नं.111 भी मिल गया था लेकिन अब तक नहीं खरीदा गया। भीषण गर्मी में खुले आसमान तले गेहूं की रखवाली के लिए दिन रात डयूटी कर रहा हूं। ग्राम दलीपपुर के अमर सिंह ने बताया कि वह 26 मई को 40 कुंतल गेहूं लाए थे और उन्हें टोकन नं.120 दे दिया गया था लेकिन गेहूं अब तक नहीं खरीदा गया। ग्राम तिलकापुर के प्रमोद कुमार ने बताया कि 24 मई को 40 कुंतल गेहूं लाया था और उन्हें टोकन नं.67 एलाट कर दिया गया था लेकिन 11 दिन बीत जाने के बावजूद गेहूं नहीं खरीदा गया। ग्राम डालूपुर निवासी शिवप्रताप ने बताया कि वह तो 40 कुंतल गेहूं के साथ 18 मई से यहां डेरा डाले पड़े हैं। उनके पास टोकन नं.60 है लेकिन गेहूं नहीं खरीदा जा रहा। इसी गांव के चंद्रपाल सिंह ने बताया कि वह 17 मई को 40 कुंतल गेहूं लेकर आए थे। इसी गांव के राकेशचंद्र ने बताया कि वह 19 मई को 40 कुंतल गेहूं बेचने लाए थे। इसे अब तक नहीं खरीदा गया। इसके अलावा भी तमाम किसानों का गेहूं खुले में पड़ा है लेकिन क्रय केंद्र ठप होने से नहीं खरीदा जा रहा है। इससे किसानों में रोष व्याप्त है। उन्हें यह भी चिंता सता रही है कि खुले में पड़ा उनका गेहूं अचानक बरसात होने पर भीगने से कहीं खराब न हो जाए। इस बारे में एसडीएम का कहना है कि किसानों का गेहूं खरीदने की व्यवस्था शीघ्र की जा रही है।