कन्नौज। शुक्रवार को चिलचिलाती धूप व भारी उमस से लोग बेहाल दिखे। सुबह से लोगों के माथे से पसीना टपकना शुरू हो गया। घर के अंदर से लेकर बाहर तक कहीं भी चैन नहीं मिल रहा था। दोपहर तक तापमान 46 के पार पहुंच गया। रोडों पर सन्नाटा के साथ ही गुजर रहे दुपहिया वाहन सवार अपने चेहरे को गमछा से छुपाकर किसी तरह चल रहे थे। उधर रेलवे व रोडवेज बस स्टेशन पर भीषण गर्मी होने के बावजूद यात्रियों के बैठने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए, लोगों को मजबूरन धूप में बैठकर साधनों का इंतजार करने को विवश होना पड़ा।
गौरतलब है कि जून शुरू होते ही गर्मी ने अपना और भी प्रचंड रुप दिखाना शुरू कर दिया। शुक्रवार को सुबह 9 बजे से ही लोग गर्मी को लेकर बेहाल दिखे। कूलर, पंखा कहीं पर भी उन्हें राहत महसूस नहीं हो रही थी। दोपहर बाद का तापमान न्यूनतम 33 व अधिकतम 46 के पार पहुंच गया है। रोडों पर रोजमर्रा की नौकरी करने वाले लोग तो दिखाई दिए, इसके अलावा दुकानों पर सन्नाटा था। दुपहिया वाहनों से चल रहे कुछ लोग अपने को सुरक्षित रखने के लिए गमछा बांधकर चले। युवतियां तो अपने चेहरे को पूरी तरह से ढककर चल रही थी। रेलवे व रोडवेज स्टेशन पर इस धूप में भी यात्रियों को बैठने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए। मजबूरन खुले आसमान के नीचे उनको बैठकर ट्रेन का इंतजार करना पड़ा। उधर जिला प्रशासन ने समस्त विकास खंडों के बीडीओ को निर्देशित किया था कि वह अपने विकास खंड की ग्राम पंचायतों में खाली पड़े तालाबों को ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी को लगवाकर भरवा दें। बीडीओ ने भी सरकारी नलकूप व प्राइवेट से भरवाने के आदेश दिए, पर अभी तक पानी भरने की कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी। उधर ग्रामीण अंचलों में पशुओं के पेयजल का संकट दिन प्रतिदिन गहराता जा रहा है। पशु पालकों को पशुओं को पानी के लिए हैंडपंपों पर अपने नंबर के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता।
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स्टेशन पर भी अव्यवस्था
कन्नौज। कानपुर जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन का अभी तक उप-डाउन करके नौकरी करने वाली शिक्षिकाओं, शिक्षकों, विभागों के कर्मचारियों को बेसब्री से इंतजार रहता था। इस ट्रेन को लेकर कर्मचारी खासे उतावले दिखते हैं, लेकिन अब इनकी संख्या में और इजाफा हो गया। अभी हाल ही स्थानांतरित होकर आए पुलिस जवान भी इसी ट्रेन से घर के लिए टरक लेते हैं, जबकि जिला प्रशासन ने इन दिनों सभी विभागों को मुख्यालय न छोड़े जाने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।