कन्नौज। वीवीआईपी जनपद कन्नौज में गेहूं खरीद केंद्रों पर किसानों के आर्थिक दोहन की जमीनी हकीकत की एक झलक देखकर अफसर भी दंग रह गए। अवैध वसूली पर तमाम किसानों ने एतराज किया तो यह कहकर केंद्र प्रभारियों ने गुमराह करके उनका मुंह बंद कर दिया गया कि रुपये सरकार वसूल करा रही है। कलेक्टर को भेजी गई जांच रिपोर्ट में इस बिंदु का उल्लेख किया गया है।
बीते एक सप्ताह से अमर उजाला ने गेहूं खरीद केंद्रों पर हो रहीं गड़बड़ियों को प्रमुखता से उजागर किया। जसोदा, कन्नौज, जलालाबाद, ठठिया, छिबरामऊ, तिर्वा से लेकर गुरसहायगंज तक के तमाम गेहूं खरीद केंद्रों पर किसानों ने अपने दर्द को बयां किया। हाल ही में खुद सीएम और सूबे के तमाम मंत्रियों ने ताबड़तोड़ छापे मारे। इसके बाद वसूली की दरों में कमी आई, लेकिन उगाही बंद नहीं हुई। इसीलिए मंगलवार को जब एसडीएम तिर्वा ने एक केंद्र चेक किया तो उन्हें वसूली की शिकायतें मिलीं।
जिलाधिकारी आवास, कलेक्ट्रेट व कचहरी से बमुश्किल एक किमी दूर पर स्थित सदर मंडी समिति में बना केंद्र भी अनियमितताओं से बच नहीं सका। हाकिमों की नाक के नीचे केंद्र की दुर्दशा का जिक्र डिप्टी आरएमओ रामबक्स ने कोतवाली में दी तहरीर में लिखा है। उ.प्र. सहकारी संघ ने कृषि उत्पादन मंडी समिति में क्रय केंद्र खोला, जिसके प्रभारी बलवान सिंह हैं। एसडीएम सदर महेश चंद्र शर्मा ने जांच के दौरान पाया कि पीसीएफ शाखा के संचालित गेहूं क्रय केंद्र पर किसानों से की जाने वाली खरीद का रजिस्टर सुचारु रुप से नहीं बनाया जाता है। किसानों को टोकन भी मरजी अनुसार दिया जा रहा है। अभी जगह नहीं होने, कभी बारदाना नहीं होने की बात कहकर केंद्र प्रभारी बलवान सिंह किसानों के गेहूं की खरीद नहीं कर रहे हैं। इससे किसानों को बार-बार क्रय केंद्र पर भटकना पड़ रहा है। जिन किसानों का गेहूं खरीदा भी गया उनको तात्कालिक रूप से भुगतान की चेकें नहीं दी गईं और किसानों को गुमराह किया गया।
क्रय केंद्र पर मौजूद सोनेलाल यादव पुत्र हेतराम यादव निवासी सेंगरमऊ इब्राहिमपुर जागीर, देवेश कुमार यादव पुत्र सोनेलाल यादव निवासीसेंगरमऊ, अब्दुल बहाव पुत्र अब्दुल वहीद निवासी काजीटोला, महेंद्र कुमार तिवारी पुत्र उमाकांत तिवारी निवासी नजरापुर ने बताया कि उनका गेहूं बार-बार केंद्र पर आने के बाद भी नहीं खरीदा जा रहा है। केंद्र प्रभारी यह कहकर लौटा रहे हैं कि अगल-बगल दो केंद्र खुले हैं वहां बात कर लें। किसानों से प्रति कुंतल 10 रुपये पल्लेदारी के नाम पर वसूली भी की गई। जांच के दौरान नायब तहसीलदार ने किसानों के बयान भी दर्ज किए।
जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे के आदेश पर तिर्वा के उप जिलाधिकारी दिलीप त्रिगुणायक ने मंगलवार को गेहूं खरीद केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान किसानों ने भुगतान न होने व खर्च के नाम पर 10 से लेकर 100 रुपये तक अवैध वसूली करने के आरोप जड़े । जांच आख्या जिलाधिकारी को सौंप दी गई है। डीएम ने केंद्र प्रभारी के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करके मुकदमा लिखाने के आदेश दिए हैं। एफआईआर दर्ज कराने की जिम्मेदारी डिप्टी आरएमओ को सौंपी गई है।
रामप्रताप पुत्र राधाकृष्ण निवासी मिरुअनमड़हा मजरा कुढ़िना ने बताया कि उन्होंने उ.प्र. राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के मंडी समिति तिर्वा में खुले केंद्र पर वह 26 मई को 39.5 कुंतल गेहूं बेंचा। भुगतान चार दिन बाद भी नहीं किया। केंद्र प्रभारी ने 10 रुपये प्रति कुंतल की दर से पल्लेदारी का खर्च बताया। मुन्नी देवी पत्नी अमर सिंह निवासी फत्तेहपुर ने बताया कि उन्होंने अपने पति के साथ पहुंचकर इस केंद्र पर गेहूं 25 मई को बेंचा, जिसके भुगतान की चेक आज तक नहीं मिली। केंद्र प्रभारी ने पल्लेदारी के नाम पर प्रति कुंतल 15 रुपये के हिसाब से वसूली उससे की है। बेंचेलाल पुत्र गोधन निवासी टिकरा मजरा चंदियापुर ने बताया कि 24 मई को गेहूं बेंचा, जिसका भुगतान 30 मई को देने को कहा गया है। पल्लेदारी खर्च प्रति बोरा 15 रुपया पहले ही ले लिया गया है।
बालकृष्ण पुत्र मंगलीप्रसाद निवासी धारानगर ने शिकायत की कि उन्होंने 28 मई को 40 कुंतल गेहूं बेंचा था पर भुगतान नहीं मिला। पुष्पेंद्र कुमार पुत्र गुलाब सिंह निवासी मिठुरया पाला ने बताया कि 35.5 कुंतल गेहूं उसने बेंचा, पर भुगतान की चेक नहीं मिली। प्रति कुंतल खर्च के नाम पर 100 रुपये वसूले गए हैं। एसडीएम ने जांच रिपोर्ट में लिखा है कि राज्य कर्मचारी कल्याण निगम के तिर्वा स्थित खरीद केंद्र पर किसानों को भुगतान नहीं दिया जा रहा है। पल्लेदारी खर्च के नाम पर शोषण हो रहा है।
जांच रिपोर्ट की मानें तो सबसे ज्यादा कमियां छिबरामऊ तहसील क्षेत्र में पाई गईं।
उप जिलाधिकारी को जांच के दौरान बहादुरपुर के किसान लक्ष्मण प्रकाश ने बताया कि 22 मई को एसएमआई कांटा मंडी समिति में 72.5 कुंतल उन्होंने गेहूं बेंचा। रेट 1285 बताया गया लेकिन पल्लेदारी खर्च के नाम पर 10 फीसदी वसूला गया। जो चेक दी गई उसमें रुपये की जगह कुंतल लिख दिया गया। पैसा की जगह किलो लिख दिया गया। इस कारण बैंक ने चेक वापस कर दी। एसएमआई के पास वापस गया तो उन्होंने एक दिन बाद चेक देने की बात कहकर लौटा दिया। दूसरे दिन फिर टाल दिया। तब से चक्कर लगा रहा है। करनौली गांव के नरवीर सिंह ने बयान दिया कि 11 मई को सहकारी संघ पूर्वी निकट नेहरु कालेज केंद्र पर गेहूं बेंचने गया। बरदाना उपलब्ध न होने की बात कहकर उसे 23 मई तक वापस किया जाता रहा। गेहूं बाहर ही तब तक रखा रहा। 24 मई को 67 पैकेट गेहूं तौला गया। कर्मचारियों ने प्रति पैकेट सात रुपये के हिसाब से 460 रुपये एडवांस में वसूल लिए। कहा गया कि ये रुपये सरकार की तरफ से लिए जा रहे हैं। बाद में दो रुपये प्रति कुंतल गेहूं भी काट लिया गया। नगला दिलू निवासी जसवंत ने बताया कि सहकारी संघ छिबरामऊ में 3 मई को 12 कुंतल गेहूं बेंचा था, जिसमें 36 किग्रा कटौती कर ली गई। 200 रुपये एडवांस में पल्लेदारी खर्च के नाम पर वसूले गए। भुगतान के तौर पर जो चेक दी गई उसका भुगतान आज तक नहीं हुआ।
रामपुर वैजू निवासी वृजनाथ ने बताया कि उन्होंने 160 कुंतल गेहूं बेंचा था। चेक मिली पर भुगतान अब तक नहीं हो सका। रामपुर बैजू के आनंद प्रकाश ने बताया कि सहकारी संघ में 24 मई को 39 कुंतल गेहूं बेंचा था, जिसकी चेक अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। सिकंदरपुर निगोह निवासी राम सिंह ने बताया कि 25 मई को 25 कुंतल गेहूं उ.प्र. राज्य कर्मचारी कल्याण निगम को बेंचा था, जिसकी चेक नहीं दी गई। गांव मधवापुर निवासी वृजेश कुमार ने बताया कि पीसीएफ मलिकपुर/मधवापुर केंद्र पर 29 कुंतल गेहूं बेंचा था। इस पर तीन रुपये प्रति पैकेट के हिसाब से पल्लेदारी वसूली गई। 50 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से और वसूले गए। जो एडवांस में रुपये देता है उसी का गेहू्ं तौला जाता है। रामऔतार निवासी मधवापुर ने बताया कि पीसीएफ मलिकपुर/मधवापुर में 23 कुंतल गेहूं बेंचा। 3 रुपये प्रति पैकेट की दर से पल्लेदारी व 50 रुपये प्रति कुंतल नकद रुपये उससे पहले ही ले लिए गए। बड़ौरा गांव के रामबाबू ने बताया कि इसी केंद्र पर 122 कुंतल गेहूूं बेंचा। इस पर 3 रुपये प्रति पैकेट पल्लेदारी व चेक देने से पहले 2000 रुपये जबरन वसूले गए।