छिबरामऊ (कन्नौज)। शुक्रवार की दोपहर डायटकर्मी अपने कमरे में बेहोश पड़ा मिला। अस्पताल लाया गया तो यहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस हादसे से डायटकर्मी स्तब्ध रह गए। कानपुर के बर्रा छह के रहने वाले नरेंद्र कुमार मल्होत्रा (55) पुत्र स्व.लाजपत राय स्थानीय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत थे। वह वर्ष 2002, अगस्त में जिला पुस्तकालय कानपुर से ट्रांसफर होकर यहां आए थे और डायट कैंपस में बने आवास में रह रहे थे। उनकी पत्नी व एक पुत्री कानपुर में ही रह रही है। डायट प्राचार्य अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि नरेंद्र कुमार मल्होत्रा गुरुवार को ड्यूटी पर नहीं आए और आज शुक्रवार को भी ड्यूटी पर नहीं आए तब एक कर्मचारी को उनके आवास पर भेजा गया। कर्मचारी जब उनके आवास पर पहुंचा तो देखा मल्होत्रा चारपाई पर बेहोश पड़े हैं। वह भाग कर प्राचार्य के पास गया और पूरी स्थिति से उन्हें अवगत कराया। इसके बाद डायट का अन्य स्टाफ उनके आवास पर पहुंचा। प्राचार्य ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फोन कर एंबुलेंस भिजवाने की बात कही लेकिन यह कहकर गाड़ी नहीं भेजी गई कि अस्पताल की एंबुलेंस खराब है।
छिबरामऊ (कन्नौज)। शुक्रवार की दोपहर डायटकर्मी अपने कमरे में बेहोश पड़ा मिला। अस्पताल लाया गया तो यहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस हादसे से डायटकर्मी स्तब्ध रह गए। कानपुर के बर्रा छह के रहने वाले नरेंद्र कुमार मल्होत्रा (55) पुत्र स्व.लाजपत राय स्थानीय जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में कनिष्ठ लिपिक के पद पर कार्यरत थे। वह वर्ष 2002, अगस्त में जिला पुस्तकालय कानपुर से ट्रांसफर होकर यहां आए थे और डायट कैंपस में बने आवास में रह रहे थे। उनकी पत्नी व एक पुत्री कानपुर में ही रह रही है। डायट प्राचार्य अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि नरेंद्र कुमार मल्होत्रा गुरुवार को ड्यूटी पर नहीं आए और आज शुक्रवार को भी ड्यूटी पर नहीं आए तब एक कर्मचारी को उनके आवास पर भेजा गया। कर्मचारी जब उनके आवास पर पहुंचा तो देखा मल्होत्रा चारपाई पर बेहोश पड़े हैं। वह भाग कर प्राचार्य के पास गया और पूरी स्थिति से उन्हें अवगत कराया। इसके बाद डायट का अन्य स्टाफ उनके आवास पर पहुंचा। प्राचार्य ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फोन कर एंबुलेंस भिजवाने की बात कही लेकिन यह कहकर गाड़ी नहीं भेजी गई कि अस्पताल की एंबुलेंस खराब है।