कन्नौज। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जनता दर्शन में उमड़ रही फरियादियों की भीड़ ने जिले के हाकिमों की नाकामी की पोल खोल दी है। अब न्याय मांगने वालों की संख्या कम करने के लिए मुख्य सचिव ने कमान संभाली है। उन्होंने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजकर जनता की समस्याओं व शिकायतों का त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए हैं। ताकि लोगों को मजबूर होकर लखनऊ की दौड़ लगाकर सीएम के सामने न पेश होना पड़े। दो-टूक लहजे में कहा गया है कि जो अधिकारी जनशिकायतों को गंभीरता से न ले उसके खिलाफ फौरन कार्रवाई की जाए।
डीएम व एसपी को भेजे पत्र में मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने लिखा है कि जनता की समस्याओं व शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए शासन प्रयासरत है। विभिन्न विभागों के समस्त कार्यालयों के सारे अधिकारी व कर्मचारी सुबह 10 से 12 बजे तक मुख्यालय पर अनिवार्य रूप से मौजूद रहें। दफ्तर चाहें जिला, तहसील, ब्लाक या थाना स्तर का हो, वहां तैनात अधिकारी व कर्मी दो घंटे (रविवार व मंगलवार को छोड़कर) तक नियमित बैठकर फरियादियों की दिक्कतें दूर कराएं।
मुख्य सचिव की मानें तो शासन के निर्देश के बावजूद थाना, ब्लाक, जनपद, तहसील व अन्य स्थानीय स्तर पर समस्याओं का निस्तारण नहीं होता है। इसीलिए ज्यादातर फरियादी मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में जाकर शिकायत दर्ज कराते हैं। जिले के अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पब्लिक को प्रदेश की राजधानी तक की दौड़ लगानी पड़ती है।
इस स्थिति पर लगाम कसने के लिए सुबह 10 से 12 बजे तक जिले से लेकर किसी भी स्तर के दफ्तर में अधिकारियों व कर्मचारियों के गायब रहने पर उनके खिलाफ निलंबन से लेकर कानूनी कार्रवाई तक की जाएगी। आदेश दिया गया है कि जो शिकायती पत्र मिलें उनका निर्धारित समय सीमा में सही तरीके से निस्तारण किया जाए।
जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने अधीनस्थ अफसरों-कर्मचारियों को आगाह कर दिया है कि वे सुबह 10 से 12 बजे तक हर हाल में कार्यालय में मौजूद रहें। सीडीओ, एडीएम से औचक निरीक्षण कर पता कराया जाएगा कि अधिकारी मौजूद रहकर जनशिकायतें सुनते हैं या नहीं ? वह खुद भी अचानक दफ्तरों में पहुंचकर हकीकत परखेंगी। इस दौरान जो गायब मिलेगा उस पर सीधे कार्रवाई होगी।