कन्नौज। सरस्वती के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल भवनों के घटिया निर्माण की शिकायतें व खबरें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कानों तक पहुंच गई है। सीएम ने लखनऊ में बैठे शिक्षा विभाग के अफसरों के पेंच कसे जिसके बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आकर एक्शन लेने लगा । मंगलवार को जलालाबाद विकास खंड क्षेत्र के गांव मतौली में कक्ष निर्माण में घटिया ईंटें लगवाने वाले भवन निर्माण प्रभारी राकेंद्र सक्सेना को सस्पेंड कर दिया गया, जबकि ग्राम प्रधान के वित्तीय पावर सीज करने के लिए नोटिस भेजा गया है।
अमर उजाला ने 13 मई के अंक में पृष्ठ दो पर मतौली गांव में भवन निर्माण प्रभारी का कारनामा, जमकर मानकों की अनदेखी शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसे गंभीरता से लेकर पड़ताल कराई गई तो गड़बड़ी का खेल खुलकर सामने आ गया। पता चला कि मतौली में तीन अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराया गया। एक 2007-08 व दो कक्ष वित्तीय वर्ष 2011-12 में स्वीकृत हुए। जिला समन्वयक की जांच में इन कक्षों की बुनियाद ही कमजोर निकली। डीपीसी में मानकों का उल्लंघन हुआ। तीन कमरों में तीन खिड़कियां ही कम लगवाई गईं। निर्माण में 50 फीसदी घटिया किस्म की ईंटें लगी पाई गईं।
इस मामले में जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने भवन प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया। आरईएस के जेई से भी जवाब-तलब किया गया है, क्योंकि उन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर दूसरी किश्त का भुगतान जारी किया गया था। ग्राम प्रधान को भी नोटिस भेजकर वित्तीय पावर सीज करने की प्रक्रिया जिला पंचायत राज विभाग ने शुरू कराई है।
उधर भवन प्रभारी राकेंद्र ने कहा कि शिकायतकर्ता मनोज कुमार ने उनसे 20 हजार रुपये मांगे। उगाही के रुपये न देने पर शिकायत कर दी। उन्होंने बंद कमरे में बैठकर जांच कर लेने का आरोप लगाते हुए खुद को निर्दोष बताया है।