छिबरामऊ (कन्नौज)। बार एसोसिएशन चुनाव के लिए नामांकन के पहले दिन 18 पदों के लिए 24 पर्चे बिके इनमें से विभिन्न पदों के लिए 14 नामांकन भी हो गए। नामांकन का मंगलवार को अंतिम दिन है।
मुख्य चुनाव अधिकारी रामचंद्र यादव के नेतृत्व में श्यामसिंह यादव व राकेश कुमार दुबे की देखरेख में बार एसोसिएशन चुनाव की सोमवार से प्रक्रिया शुरू हो गई। नामांकन के पहले दिन अध्यक्ष पद के लिए 4 पर्चे खरीदे गए जिनमें बटेश्वर दयाल तिवारी, एमपी सिंह यादव व राजीव कुमार दीक्षित ने नामांकन कर दिया जबकि संजीव श्रीवास्तव ने अभी नामांकन नहीं किया। महासचिव के लिए चंद्रजीत यादव, राजीव दीक्षित व पंकज मिश्रा ने नामांकन किया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष के लिए प्रमोद कुमार दुबे ने पर्चा खरीदा जबकि उपाध्यक्ष के लिए 6 पर्चे बिके जिसमें फहीम जमां खां, श्याम सिंह भारती, सुशील कुमार पांडेय, ब्रह्मदत्त यादव, आनंद कश्यप व अनिल कुमार शाक्य, इनमें से श्यामसिंह भारती ने नामांकन पत्र जमा किए। सचिव पद के लिए सुशील कुमार पांडेय व धर्मेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने पर्चे खरीदे। फिलहाल सुशीलकुमार पांडेय ने ही अभी पर्चा खरीदा लेकिन अभी जमा नहीं किया। कोषाध्यक्ष के लिए सुशीलकुमार पांडेय ने पर्चा खरीदकर नामांकन भी कर दिया। आडीटर के लिए देवेश कुमार मिश्रा ने पर्चा खरीदा जबकि पुस्तकालय अध्यक्ष के लिए अभी किसी ने पर्चा ही नहीं खरीदा। प्राशासनिक सदस्य पद के लिए अमित कुमार दुबे, अखिलेश कश्यप, आशुतोष चौहान, अवनीश कुमार व ध्रुव सिंह ने नामांकन किया। 29 मई को होने वाले मतदान के लिए 22 मई मंगलवार को भी नामांकन किया जाएगा जबकि 23 मई को नामांकन पत्रों की जांच तथा दोपहर 3 बजे तक नाम वापसी हो सकती है। 29 को मतदान के बाद मतगणना और उसी दिन परिणाम की घोषणा कर दी जाएगी।
राजीव व सुशील ने दो पदों के लिए किया नामांकन
छिबरामऊ। बार एसोसिएशन के प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में राजीव दीक्षित व सुशील पांडेय ने एक साथ दो पदों के लिए नामांकन कर हलचल पैदा कर दी।
युवा अधिवक्ता राजीव कुमार दीक्षित ने अध्यक्ष पद के साथ महासचिव पद के लिए भी अपना नामांकन किया है। जबकि इसी तरह एक अन्य युवा अधिवक्ता सुशील कुमार पांडेय ने सचिव पद तथा कोषाध्यक्ष पद के लिए नामांकन कर दिया जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए भी उन्होंने नामांकन पत्र खरीदा था लेकिन अभी जमा नहीं किया है। एक साथ दो दो पदों पर नामांकन कर देने से हलचल मची हुई है। लोग अब कयास लगा रहे हैं कि यह दोनों अधिवक्ता आखिर किस पद के लिए चुनाव मैदान में डटेंगे और किस पद से अपना पर्चा वापस लेंगे अथवा दोनों पदों पर चुनाव लड़कर अपनी किस्मत आजमाएंगे।