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कन्नौज। गर्ल्स चाइल्ड डे पर कलेक्ट्रेट सभागार में डाक्टरों, समाजसेवियों, अधिकारियों व अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों की बैठक आयोजित की गई। इसमें कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अलख जगाने के साथ लिंग जांच कराने के दोषी लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।
बैठक में अपर जिलाधिकारी रमेश चंद्र यादव ने सबसे पहले जिले के अल्ट्रासाउंड सेंटरों के बारे में जानकारी ली। बताया गया दो सरकारी अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं, जबकि 11 गैर सरकारी हैं। इसके बाद उन्होंने निर्देश दिए अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लिंग जांच किसी भी दशा में न की जाए। यदि किसी बीमारी के चलते डाक्टर द्वारा जांच करना अनिवार्य हो तभी अल्ट्रासाउंड करें। अल्ट्रासाउंड के लिए आने वाले मरीज का रिफर स्लिप अवश्य ली जाए। रिफर स्लिप में डाक्टर अपना नाम, पता के अलावा रोगी की बीमारी का भी उल्लेख करे। अल्ट्रासाउंड सेंटर मालिक दो प्रतियों में फाइलें तैयार करें। एक फाइल महीने की पांच तारीख तक सीएमओ कार्यालय में जमा की जाए, जबकि दूसरी फाइल अल्ट्रासाउंड सेंटर पर उपलब्ध रखी जाए। किसी भी अधिकारी द्वारा आकस्मिक निरीक्षण में वे फाइलें प्रस्तुत की जाएं।
बैेठक में कहा गया स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आए दिन घूम-घूमकर अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर छापेमारी करें। यदि कोई मामला मिले तो संबंधित सेंटर के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें। यही नहीं दोषी को जेल भी भेजा जाए। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. पीएन वाजपेयी व डिप्टी सीएमओ डा. राम मोहन तिवारी ने बताया अल्ट्रासाउंड सेंटर पर एक बोर्ड लगाया जाए, जिसमें लिंग की जांच न होने की बात लिखी जाए। जांच संबंधी पत्रावली को महीने में एक बार सीएमओ कार्यालय में अवश्य भिजवाया जाए। यदि अल्ट्रासाउंड मशीन खराब है तो उसकी सूचना भी सीएमओ कार्यालय में दी जाए। प्रमाणपत्र देकर उसे रिपेयरिंग के लिए भेजा जाए। लिंग जांच करने और कराने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाए। अल्ट्रासाउंड मशीन बिना सूचना दिए न तो बिक्री की जाए और न ही सेंटर को बंद रखा जाए। बैठक में एसडीएम सदर दिलीप त्रिगुणायत, अतिरिक्त एसडीएम आशुतोष राय, सीएमएस अरुण गुप्ता, लालाभाई पटेल मौजूद रहे।
कन्नौज। गर्ल्स चाइल्ड डे पर कलेक्ट्रेट सभागार में डाक्टरों, समाजसेवियों, अधिकारियों व अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालकों की बैठक आयोजित की गई। इसमें कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अलख जगाने के साथ लिंग जांच कराने के दोषी लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।
बैठक में अपर जिलाधिकारी रमेश चंद्र यादव ने सबसे पहले जिले के अल्ट्रासाउंड सेंटरों के बारे में जानकारी ली। बताया गया दो सरकारी अल्ट्रासाउंड सेंटर हैं, जबकि 11 गैर सरकारी हैं। इसके बाद उन्होंने निर्देश दिए अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर लिंग जांच किसी भी दशा में न की जाए। यदि किसी बीमारी के चलते डाक्टर द्वारा जांच करना अनिवार्य हो तभी अल्ट्रासाउंड करें। अल्ट्रासाउंड के लिए आने वाले मरीज का रिफर स्लिप अवश्य ली जाए। रिफर स्लिप में डाक्टर अपना नाम, पता के अलावा रोगी की बीमारी का भी उल्लेख करे। अल्ट्रासाउंड सेंटर मालिक दो प्रतियों में फाइलें तैयार करें। एक फाइल महीने की पांच तारीख तक सीएमओ कार्यालय में जमा की जाए, जबकि दूसरी फाइल अल्ट्रासाउंड सेंटर पर उपलब्ध रखी जाए। किसी भी अधिकारी द्वारा आकस्मिक निरीक्षण में वे फाइलें प्रस्तुत की जाएं।
बैेठक में कहा गया स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आए दिन घूम-घूमकर अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर छापेमारी करें। यदि कोई मामला मिले तो संबंधित सेंटर के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें। यही नहीं दोषी को जेल भी भेजा जाए। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. पीएन वाजपेयी व डिप्टी सीएमओ डा. राम मोहन तिवारी ने बताया अल्ट्रासाउंड सेंटर पर एक बोर्ड लगाया जाए, जिसमें लिंग की जांच न होने की बात लिखी जाए। जांच संबंधी पत्रावली को महीने में एक बार सीएमओ कार्यालय में अवश्य भिजवाया जाए। यदि अल्ट्रासाउंड मशीन खराब है तो उसकी सूचना भी सीएमओ कार्यालय में दी जाए। प्रमाणपत्र देकर उसे रिपेयरिंग के लिए भेजा जाए। लिंग जांच करने और कराने वाले के खिलाफ कार्रवाई की जाए। अल्ट्रासाउंड मशीन बिना सूचना दिए न तो बिक्री की जाए और न ही सेंटर को बंद रखा जाए। बैठक में एसडीएम सदर दिलीप त्रिगुणायत, अतिरिक्त एसडीएम आशुतोष राय, सीएमएस अरुण गुप्ता, लालाभाई पटेल मौजूद रहे।