छात्रा गिड़गिड़ाते रही, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा। ग्वालियर हाईवे को जोड़ने वाली सड़क पर दिन भर जबरदस्त आवाजाही रहती है, लेकिन सड़क से हॉस्टल के अदंर तक बेटी की चीखें किसी को सुनाई नहीं दीं। कानून के रखवालों का रसूख और डर नहीं दिखा। वाकया जिसने भी सुना वह पूछ रहा था कि क्या बेटियां पढ़ाई छोड़ दें या सड़कों पर निकलना छोड़ दें। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर यह सवाल और भी शर्मसार कर रहा था।