झांसी। घर-घर पानी पहुंचाने वाले जलसंस्थान की आर्थिक हालत भी पानी-पानी है। हालात यह हैं जलसंस्थान को हर साल महज पांच करोड़ की आमदनी होती है, मगर सात करोड़ रुपये पानी पहुंचाने पर खर्च हो जाते हैं। हालात यह हैं कि विभाग को हर साल दो करोड़ का नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसके चलते कई बार कर्मचारियों को वेतन देने और अन्य विकास कार्य कराना तक मुश्किल साबित होता है।
झांसी जलसंस्थान के आर्थिक हालात बीते कई सालों से खराब चल रहे हैं। शासन से जलसंस्थान को पहले बजट मिल जाता था, लेकिन कोरोना काल में वह भी बंद हो गया है। ऐसे में जलसंस्थान के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। विभाग को महानगर में 47 हजार उपभोक्ताओं से आय होती है। प्रत्येक घर से हर साल करीब 1200 रुपये जलकर मिल जाता है। इनसे संस्थान को हर साल कुल पांच करोड़ 64 लाख रुपये की आय होती है।
जबकि खर्च लंबा चौड़ा है। खर्च पर नजर डालें तो जलसंस्थान में करीब 171 अधिकारी और कर्मचारी हैं। जिनकी तनख्वाह बांटने में ही विभाग साल भर में करीब छह करोड़ रुपये खर्च कर देता है। इसके अलावा अन्य संसाधनों पर एक करोड़ रुपये ही साल खर्च हो जाते हैं। इस आर्थिक तंगी से हालात यह बन रहे हैं कि विभाग कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रहा है। इसके चलते आए दिन जलसंस्थान में धरना-प्रदर्शन होते हैं। जलसंस्थान ने आय बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास किए, लेकिन प्लान सिर्फ कागजों पर ही धरे रह जाते हैं।
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टैंकरों का अतिरिक्त भार
महानगर में पानी की किल्लत काफी होती है। ऐसे में पानी उपलब्ध कराने के लिए जलसंस्थान को निशुल्क टैंकर जनता को उपलब्ध कराने होते हैं। जिसका अतिरिक्त व्यय भार भी विभाग पर पड़ता है।
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आय पर एक नजर
47000 उपभोक्ता
1200 रुपये प्रति साल जलकर
5.66 करोड़ प्रति साल आय
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एक नजर वेतन खर्च पर
पद संख्या सैलरी/माह प्रतिमाह खर्च प्रति साल खर्च
अधिशासी अभियंता 1 80 हजार 80 हजार 9.60 लाख
सहायक अभियंता (एई) 2 70 हजार 1.40 लाख 16.80 लाख
अवर अभियंता (जेई) 3 45 हजार 1.35 लाख 16.2 लाख
ड्राफ्टमैन 1 30 हजार 30 हजार 3.60 लाख
लेखाकार 1 50 हजार 50 हजार 6 लाख
ड्राईवर 2 30 हजार 60 हजार 7.20 लाख
लिपिक 35 30 हजार 10.50 लाख 1.26 करोड़
दफ्तरी 1 40 हजार 40 हजार 4.80 लाख
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 76 30 हजार 22.80 लाख 2.73 करोड़
फिटर 17 50 हजार 8.50 लाख 1.02 करोड़
पंप आपरेटर 31 40 हजार 12.40 लाख 1.48 लाख
सहायक इलैक्ट्रीशियन 1 40 हजार 40 हजार 4.80 लाख
(नोट: अधिकारी और कर्मचारियों का वेतनमान अनुमानित में)
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अन्य मदों पर हर साल एक करोड़ रुपये होते खर्च
वेतन के अलावा जलसंस्थान अन्य मद जैसे ब्लीचिंग पाउडर, टंकी सफाई, लीकेज मरम्मत, सिविल वर्क, पंप संचालन पर भी खर्च करता है। इन पर हर महीने करीब आठ लाख रुपये खर्च होते हैं। गर्मियों के मौसम में पानी का मांग बढ़ने से यह खर्च भी बढ़ जाता है।
विभाग की आय बढ़ाने के लिए लगातार कैंप लगाए जा रहे हैं। जिससे लोग बिल जमा करें और विभाग को अधिक से अधिक पैसा प्राप्त हो सके। बिलिंग के लिए ऑनलाइन सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं, अवैध कनेक्शनों को भी नियमित करने का कार्य किया जा रहा है।
- आर.एस सिंह बादलीवाल, अधिशासी अभियंता, जलसंस्थान
झांसी। घर-घर पानी पहुंचाने वाले जलसंस्थान की आर्थिक हालत भी पानी-पानी है। हालात यह हैं जलसंस्थान को हर साल महज पांच करोड़ की आमदनी होती है, मगर सात करोड़ रुपये पानी पहुंचाने पर खर्च हो जाते हैं। हालात यह हैं कि विभाग को हर साल दो करोड़ का नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसके चलते कई बार कर्मचारियों को वेतन देने और अन्य विकास कार्य कराना तक मुश्किल साबित होता है।
झांसी जलसंस्थान के आर्थिक हालात बीते कई सालों से खराब चल रहे हैं। शासन से जलसंस्थान को पहले बजट मिल जाता था, लेकिन कोरोना काल में वह भी बंद हो गया है। ऐसे में जलसंस्थान के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। विभाग को महानगर में 47 हजार उपभोक्ताओं से आय होती है। प्रत्येक घर से हर साल करीब 1200 रुपये जलकर मिल जाता है। इनसे संस्थान को हर साल कुल पांच करोड़ 64 लाख रुपये की आय होती है।
जबकि खर्च लंबा चौड़ा है। खर्च पर नजर डालें तो जलसंस्थान में करीब 171 अधिकारी और कर्मचारी हैं। जिनकी तनख्वाह बांटने में ही विभाग साल भर में करीब छह करोड़ रुपये खर्च कर देता है। इसके अलावा अन्य संसाधनों पर एक करोड़ रुपये ही साल खर्च हो जाते हैं। इस आर्थिक तंगी से हालात यह बन रहे हैं कि विभाग कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दे पा रहा है। इसके चलते आए दिन जलसंस्थान में धरना-प्रदर्शन होते हैं। जलसंस्थान ने आय बढ़ाने के लिए तमाम प्रयास किए, लेकिन प्लान सिर्फ कागजों पर ही धरे रह जाते हैं।
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टैंकरों का अतिरिक्त भार
महानगर में पानी की किल्लत काफी होती है। ऐसे में पानी उपलब्ध कराने के लिए जलसंस्थान को निशुल्क टैंकर जनता को उपलब्ध कराने होते हैं। जिसका अतिरिक्त व्यय भार भी विभाग पर पड़ता है।
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आय पर एक नजर
47000 उपभोक्ता
1200 रुपये प्रति साल जलकर
5.66 करोड़ प्रति साल आय
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एक नजर वेतन खर्च पर
पद संख्या सैलरी/माह प्रतिमाह खर्च प्रति साल खर्च
अधिशासी अभियंता 1 80 हजार 80 हजार 9.60 लाख
सहायक अभियंता (एई) 2 70 हजार 1.40 लाख 16.80 लाख
अवर अभियंता (जेई) 3 45 हजार 1.35 लाख 16.2 लाख
ड्राफ्टमैन 1 30 हजार 30 हजार 3.60 लाख
लेखाकार 1 50 हजार 50 हजार 6 लाख
ड्राईवर 2 30 हजार 60 हजार 7.20 लाख
लिपिक 35 30 हजार 10.50 लाख 1.26 करोड़
दफ्तरी 1 40 हजार 40 हजार 4.80 लाख
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 76 30 हजार 22.80 लाख 2.73 करोड़
फिटर 17 50 हजार 8.50 लाख 1.02 करोड़
पंप आपरेटर 31 40 हजार 12.40 लाख 1.48 लाख
सहायक इलैक्ट्रीशियन 1 40 हजार 40 हजार 4.80 लाख
(नोट: अधिकारी और कर्मचारियों का वेतनमान अनुमानित में)
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अन्य मदों पर हर साल एक करोड़ रुपये होते खर्च
वेतन के अलावा जलसंस्थान अन्य मद जैसे ब्लीचिंग पाउडर, टंकी सफाई, लीकेज मरम्मत, सिविल वर्क, पंप संचालन पर भी खर्च करता है। इन पर हर महीने करीब आठ लाख रुपये खर्च होते हैं। गर्मियों के मौसम में पानी का मांग बढ़ने से यह खर्च भी बढ़ जाता है।
विभाग की आय बढ़ाने के लिए लगातार कैंप लगाए जा रहे हैं। जिससे लोग बिल जमा करें और विभाग को अधिक से अधिक पैसा प्राप्त हो सके। बिलिंग के लिए ऑनलाइन सेवा उपलब्ध कराई जा रही है। वहीं, अवैध कनेक्शनों को भी नियमित करने का कार्य किया जा रहा है।
- आर.एस सिंह बादलीवाल, अधिशासी अभियंता, जलसंस्थान