झांसी। सिंचाई बंधु की बैठक में नहरों की सिल्ट सफाई व बबीना क्षेत्र के पंद्रह गावों में पेयजल संकट को दूर करने के लिए प्रस्तावित योजना का मसला छाया रहा। साथ ही किसानों ने जनप्रतिनिधियों व अफसरों को विभाग के अव्यावहारिक रवैये के कारण होने वाले नुकसान से भी अवगत कराया।
सिंचाई विभाग के बेतवा भवन प्रांगण में शुक्रवार को सिंचाई बंधु की बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने नहरों की सिल्ट सफाई नहीं होने का ठीकरा सिंचाई विभाग के अफसरों पर फोड़ा। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में लघु सीमांत व सीमांत किसान ज्यादा हैं। आर्थिक रूप से कमजोर यहां के किसानों को नहरों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। विभागीय लापरवाही के कारण समय पर नहरों की सफाई नहीं की जाती है। नतीजा, नहर चालू होने पर पानी बेकार बह जाता है और टेल तक नहीं पहुंचता है। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि ठीक ढंग से सिल्ट की सफाई कराई जाए।
बबीना क्षेत्र के बेदौरा, ठकुरपुरा, सैयर, रसीना, लहार समेत पंद्रह गांवों में नहर के जरिये पानी पहुंचाने के लिए बुंदेलखंड पैकेज से प्रस्तावित 214 करोड़ की योजना के क्रियान्वयन की दिशा में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने सिंचाई निर्माण खंड माताटीला के अधिशासी अभियंता अविनाश मिश्रा को केंद्रीय जल आयोग के निर्देशानुसार परियोजना प्राक्कलन तैयार करने को कहा।
गरौठा के विधायक दीप नारायण सिंह यादव ने अफसरों को हिदायत दी कि नहर के संचालन पर नजर रखें, ताकि किसानों को किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
बैठक के दौरान बड़ागांव के कुछ किसानों ने बताया कि बड़ागांव पंप केनाल से तीन पंप चलने की स्थिति में नहर ओवर फ्लो हो जाती है। इससे उनके खेतों में पानी भर जाता है। फोरलेन सड़क बनने के बाद उनके खेत नीचे हो गए हैं।
बैठक में वरिष्ठ स्टाफ अधिकारी (बेतवा) बसंत कुमार जैन, अधिशासी अभियंता सपरार ए के सक्सेना, अधिशासी अभियंता निर्माण शाखा प्रथम आर बी सिंह, एस के श्रीवास्तव, आर डी सिंह, सुभाष सिंह, कृषि अधिकारी माता प्रसाद भास्कर, बुंदेलखंड किसान पंचायत के अध्यक्ष गौरी शंकर बिदुआ, कांग्रेस नेता राजेंद्र सिंह यादव, जितेंद्र कुमार तिवारी, रजनीश श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे। अंत में आभार अधिशासी अभियंता (बेतवा) एम एल अग्रवाल ने व्यक्त किया।