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धरना पर बैठे कालेजों के शिक्षक
Jhansi
Updated Tue, 14 Aug 2012 12:00 PM IST
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झांसी। यूजीसी के नियमों तथा छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर बूटा के बैनर तले कालेजों के शिक्षकों ने सोमवार को कुलपति कार्यालय के बाहर धरना दिया। बाद में मुख्यमंत्री व राज्यपाल को संबोधित 12 सूत्रीय मांग पत्र कुलपति को सौंपा।
परिसर स्थित वीसी आफिस के बाहर महाविद्यालय के शिक्षकों ने धरना दिया। यहां आयोजित सभा की अध्यक्षता करते हुए महामंत्री डा. टी के शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग रेगुलेशन 2010 के संपूर्ण क्रियान्वयन एवं नई कैरियर एडवांसमेंट स्कीम को लागू करने में विश्वविद्यालय अनावश्यक रूप से विलंब कर रहा है, जिससे शिक्षकों का शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2005 के बाद तैनात शिक्षकों की सीपीएफ कटौती शुरू की जानी चाहिए। इसके अलावा शिक्षकों को पीएचडी करने पर तीन एवं एमफिल करने पर दो इंक्रीमेंट दिए जाने चाहिए। पूरे प्रदेश में शासन स्तर पर तैनात संविदा शिक्षकों पर एक समान नियम लागू किया जाना चाहिए। बाद में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री व राज्यपाल को संबोधित 12 सूत्रीय मांग पत्र कुलपति को सौंपा।
धरना देने वाले शिक्षकों में डा. बाबू लाल तिवारी, डा. एच डी भारतीय, डा. एस के राय, राजीव रत्न द्विवेदी, पी पी पुरवार, डा. जय शंकर तिवारी, डा. ए के सिंह, डा. अनिल कुमार, डा. हेमंत कुमार, डा. किशन यादव, डा. धर्मेंद्र, डा. मंजूषा श्रीवास्तव, डा. ओ पी शर्मा, डा. जितेंद्र, डा. ब्रजेंद्र, डा. अनिरुद्ध, डा. विजय, डा. गोविंद आदि प्रमुख रहे।
झांसी। यूजीसी के नियमों तथा छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर बूटा के बैनर तले कालेजों के शिक्षकों ने सोमवार को कुलपति कार्यालय के बाहर धरना दिया। बाद में मुख्यमंत्री व राज्यपाल को संबोधित 12 सूत्रीय मांग पत्र कुलपति को सौंपा।
परिसर स्थित वीसी आफिस के बाहर महाविद्यालय के शिक्षकों ने धरना दिया। यहां आयोजित सभा की अध्यक्षता करते हुए महामंत्री डा. टी के शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग रेगुलेशन 2010 के संपूर्ण क्रियान्वयन एवं नई कैरियर एडवांसमेंट स्कीम को लागू करने में विश्वविद्यालय अनावश्यक रूप से विलंब कर रहा है, जिससे शिक्षकों का शोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक अप्रैल 2005 के बाद तैनात शिक्षकों की सीपीएफ कटौती शुरू की जानी चाहिए। इसके अलावा शिक्षकों को पीएचडी करने पर तीन एवं एमफिल करने पर दो इंक्रीमेंट दिए जाने चाहिए। पूरे प्रदेश में शासन स्तर पर तैनात संविदा शिक्षकों पर एक समान नियम लागू किया जाना चाहिए। बाद में शिक्षकों ने मुख्यमंत्री व राज्यपाल को संबोधित 12 सूत्रीय मांग पत्र कुलपति को सौंपा।
धरना देने वाले शिक्षकों में डा. बाबू लाल तिवारी, डा. एच डी भारतीय, डा. एस के राय, राजीव रत्न द्विवेदी, पी पी पुरवार, डा. जय शंकर तिवारी, डा. ए के सिंह, डा. अनिल कुमार, डा. हेमंत कुमार, डा. किशन यादव, डा. धर्मेंद्र, डा. मंजूषा श्रीवास्तव, डा. ओ पी शर्मा, डा. जितेंद्र, डा. ब्रजेंद्र, डा. अनिरुद्ध, डा. विजय, डा. गोविंद आदि प्रमुख रहे।