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बीयू: कालेज नहीं ले रहे आईक्यूएसी में रुचि
Jhansi
Updated Tue, 14 Aug 2012 12:00 PM IST
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कहीं भी, कभी भी।
झांसी। लगता है कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध 110 कालेज पारदर्शी व्यवस्था में शामिल होने को तैयार नहीं है। तभी तो दो माह बाद भी इन कालेजों ने आईक्यूएसी के प्रति रुचि नहीं दिखाई। स्थिति यह है कि कालेजों ने अब तक पासवर्ड भी नहीं लिया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने महाविद्यालयों में पारदर्शी व्यवस्था लागू करने के लिए इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) को लागू किया है। इसके तहत कालेजों को अपने यहां आईक्यूएसी गठित कर विश्वविद्यालय में गठित सेल को कालेज से संबंधित सभी सूचनाएं प्रेषित करनी थीं। इन सूचनाओं का डाटाबेस तैयार कर उसे इंटरनेट पर लोड करना था, ताकि कालेजों के बारे में सब कुछ पारदर्शी रहे। इसके लिए जून माह में विश्वविद्यालय सेल ने सभी संबद्ध कालेजों के प्राचार्यों की बैठक बुलाकर सेल से संबंधित लॉगइन और पासवर्ड जारी कर दिए थे, लेकिन अभी तक मात्र 33 कालेज ही इस दिशा में काम शुरू कर सके हैं। शेष 110 कालेज सेल में शामिल होने से आनाकानी कर रहे हैं। सेल की इंचार्ज डा. यशोधरा शर्मा का कहना है कि जो कालेज आईक्यूएसी में शामिल नहीं होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा।
क्या है आईक्यूएसी?
झांसी। आईक्यूएसी एक प्रोजेक्ट है। इसमें कालेज या विश्वविद्यालय की सभी प्रकार की सूचनाएं साफ्टवेयर के माध्यम से इंटरनेट पर लोड होंगी। शिक्षक, उनकी योग्यता, वेतन, आय- व्यय, छात्र संख्या, परीक्षा पैटर्न, शासनादेश, विभिन्न प्रकार की जांच, कार्रवाई, टेंडर आदि सभी सूचनाएं आम आदमी या छात्र नेट से एक्सेस कर सकेंगे। सूचनाओं को समय- समय पर अपडेट किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस सिस्टम में कालेज सूचनाएं छिपा नहीं पाएंगे, जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।
झांसी। लगता है कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध 110 कालेज पारदर्शी व्यवस्था में शामिल होने को तैयार नहीं है। तभी तो दो माह बाद भी इन कालेजों ने आईक्यूएसी के प्रति रुचि नहीं दिखाई। स्थिति यह है कि कालेजों ने अब तक पासवर्ड भी नहीं लिया है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने महाविद्यालयों में पारदर्शी व्यवस्था लागू करने के लिए इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) को लागू किया है। इसके तहत कालेजों को अपने यहां आईक्यूएसी गठित कर विश्वविद्यालय में गठित सेल को कालेज से संबंधित सभी सूचनाएं प्रेषित करनी थीं। इन सूचनाओं का डाटाबेस तैयार कर उसे इंटरनेट पर लोड करना था, ताकि कालेजों के बारे में सब कुछ पारदर्शी रहे। इसके लिए जून माह में विश्वविद्यालय सेल ने सभी संबद्ध कालेजों के प्राचार्यों की बैठक बुलाकर सेल से संबंधित लॉगइन और पासवर्ड जारी कर दिए थे, लेकिन अभी तक मात्र 33 कालेज ही इस दिशा में काम शुरू कर सके हैं। शेष 110 कालेज सेल में शामिल होने से आनाकानी कर रहे हैं। सेल की इंचार्ज डा. यशोधरा शर्मा का कहना है कि जो कालेज आईक्यूएसी में शामिल नहीं होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को लिखा जाएगा।
क्या है आईक्यूएसी?
झांसी। आईक्यूएसी एक प्रोजेक्ट है। इसमें कालेज या विश्वविद्यालय की सभी प्रकार की सूचनाएं साफ्टवेयर के माध्यम से इंटरनेट पर लोड होंगी। शिक्षक, उनकी योग्यता, वेतन, आय- व्यय, छात्र संख्या, परीक्षा पैटर्न, शासनादेश, विभिन्न प्रकार की जांच, कार्रवाई, टेंडर आदि सभी सूचनाएं आम आदमी या छात्र नेट से एक्सेस कर सकेंगे। सूचनाओं को समय- समय पर अपडेट किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस सिस्टम में कालेज सूचनाएं छिपा नहीं पाएंगे, जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।