झांसी। बुंदेलखंड आयुर्वेदिक कालेज को पांच साल से स्थायी प्राचार्य का इंतजार है। स्थायी प्राचार्य के अभाव में वित्तीय व महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों के लिए बार- बार शासन से अनुमति लेने के लिए लखनऊ दौड़ना पड़ता है।
नियमत: लोक सेवा आयोग के माध्यम से तैनात प्राचार्य के पास कालेज का संपूर्ण अधिकार होता है। लेकिन, आयुर्वेदिक कालेज में वर्ष 2007 से स्थायी प्राचार्य की तैनाती नहीं हो सकी है। इस कारण यहां के महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्य शासन स्तर से निपटाए जा रहे हैं। करीब एक साल पूर्व लखनऊ आयुर्वेदिक कालेज के वरिष्ठ शिक्षक को यहां अस्थायी तौर पर तैनात किया गया था, जो 31 जुलाई को सेवानिवृत्ति हो गए। स्थायी प्राचार्य के अभाव में वित्तीय व प्रशासनिक कार्य तो प्रभावित हो ही रहे हैं, कालेज को सीसीआईएम (सेंट्रल काउंसिल आफ इंडियन मेडिसिन) से मान्यता मिलने में भी दिक्कत आएगी। इस संबंध में कार्यवाहक प्राचार्य डा. सी के राजपूत का कहना है कि प्राचार्य की तैनाती के संबंध में शासन स्तर पर ही निर्णय लिया जाना है।
प्रभावित कार्य
- बिल्डिंग निर्माण का प्रस्ताव व बजट
- स्थानीय स्तर पर संविदा स्टाफ तैनाती
- शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन व दूसरे खर्च
- दवाइयों व चिकित्सीय उपकरणों की खरीद
- कालेज के हितार्थ नई योजनाआें का शुभारंभ
झांसी। बुंदेलखंड आयुर्वेदिक कालेज को पांच साल से स्थायी प्राचार्य का इंतजार है। स्थायी प्राचार्य के अभाव में वित्तीय व महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्यों के लिए बार- बार शासन से अनुमति लेने के लिए लखनऊ दौड़ना पड़ता है।
नियमत: लोक सेवा आयोग के माध्यम से तैनात प्राचार्य के पास कालेज का संपूर्ण अधिकार होता है। लेकिन, आयुर्वेदिक कालेज में वर्ष 2007 से स्थायी प्राचार्य की तैनाती नहीं हो सकी है। इस कारण यहां के महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्य शासन स्तर से निपटाए जा रहे हैं। करीब एक साल पूर्व लखनऊ आयुर्वेदिक कालेज के वरिष्ठ शिक्षक को यहां अस्थायी तौर पर तैनात किया गया था, जो 31 जुलाई को सेवानिवृत्ति हो गए। स्थायी प्राचार्य के अभाव में वित्तीय व प्रशासनिक कार्य तो प्रभावित हो ही रहे हैं, कालेज को सीसीआईएम (सेंट्रल काउंसिल आफ इंडियन मेडिसिन) से मान्यता मिलने में भी दिक्कत आएगी। इस संबंध में कार्यवाहक प्राचार्य डा. सी के राजपूत का कहना है कि प्राचार्य की तैनाती के संबंध में शासन स्तर पर ही निर्णय लिया जाना है।
प्रभावित कार्य
- बिल्डिंग निर्माण का प्रस्ताव व बजट
- स्थानीय स्तर पर संविदा स्टाफ तैनाती
- शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन व दूसरे खर्च
- दवाइयों व चिकित्सीय उपकरणों की खरीद
- कालेज के हितार्थ नई योजनाआें का शुभारंभ