पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
जौनपुर। माघ मेले के लिए जिस तरह से रोडवेज ने तैयारी की थी उसके सापेक्ष नतीजा नहीं निकल रहा है। माघ मेले को देखते हुए रोडवेज ने अपनी अधिकतर बसें इलाहाबाद की रूट पर ही दौड़ा दी थी। अंदाजा लगाया जा रहा था कि माघ मेले में काफी संख्या में यात्री निकलेंगे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
जनवरी में शुरू हुए माघ मेले के लिए रोडवेज ने इस बार काफी योजनाएं बनाई थी। विभाग ने अपनी करीब 85 बसों में से 50 से अधिक बसें माघ मेला रूट पर दौड़ा दी थी। रोडवेज की जो भी बसें माघ मेला रूट पर लगाई गई थी सब खाली दौड़ने लगी। लिहाजा फायदे की जगह माघ मेला घाटे का सौदा साबित होने लगा। अंदाजा था कि रोडवेज की आय में एक से डेढ़ लाख की बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा किलोमीटर भी बढ़ेगा। लेकिन हुआ इसका उल्टा। मसझदारी दिखाते हुए रोडवेज ने उस रुट से अपनी बसें हटाना शुरू कर दी। जौनपुर डिपो की बहुत कम ही बसें माघ मेले में दौड़ रही हैं। रोडवेज ने सभी बसों को अपने निर्धारित रूट पर लगा दिया है ताकि उसकी आय पर कोई फर्क न पड़े। एआरएम आरएलपाल ने कहा कि उम्मीद के मुताबिक यात्री नहीं निकले हैं।