मल्हनीबाजार। रेलवे के बड़े अफसर भी दुर्घटना का कारण बताने से कतरा रहे थे। यहां तक नहीं बताया गया कि 13009 अप देहरादून के गुजरने से कितने घंटे पहले रेलवे ट्रैक की मैनुअल पेट्रोलिंग कराई गई थी। रेलवे के अधिकारी एक दूसरे पर अपनी जिम्मेदारी डालते रहे। किसी ने यह नहीं बताया कि पेट्रोलिंग कब, कितने घंटे पहले तथा किसने कराई थी। केवल यही बताया गया कि हर रोज दोपहर के वक्त पेट्रोलिंग कराई जाती है। संभावना है कि रेल पथ निरीक्षण विभाग लपेटे में आ जाएगा।
रेलवे के कुछ इंजीनियरों ने अनौपचारिक बातचीत में संभावना जताई कि रेल फ्रैक्चर हादसे की वजह हो सकता है। बताया कि अधिक गर्मी और अधिक ठंडी रेलवे ट्रैक के लिए खतरनाक है। दोनों मौसम में रेल पटरियों के सिकुड़ने और फैलने की घटनाएं होती है। यह हादसे के कारण भी बन जाते हैं। यहां बता दें कि तीन महीने पहले घटनास्थल के पास ही रेलवे पटरी टूट गई थी। जानकारी होने पर आनन-फानन में रेल पटरी दुरुस्त कराई गई। संभावना जताई जा रही है कि हादसे की प्रमुख वजह रेल फ्रैक्चर हो सकता है लेकिन रेलवे के बड़े अफसरों ने इस क्षेत्र में पेट्रोलिंग की रिपोर्ट भी तलब की है। पीडब्ल्यूआई से भी बातचीत कर ट्रैक के निरीक्षण के बारे में तहकीकात की है। पूछने के बाद भी किसी ने यह नहीं बताया कि पेट्रोलिंग कब और कितने बजे कराई गई थी। रेलवे के बड़े अधिकारी यही कहते रहे कि जब सीआरएस इन्क्वायरी के आदेश हुए हैं तो जांच के कारण पर कयास लगाना ठीक नहीं है। हाईप्रोफाइल जांच में खुद ही घटना के कारण साफ हो जाएगा।